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केंद्र सरकार किसानों पर जबरन थोप रही काला कानून: जाहिदा खान

कामां के कैथवाड़ा के मुख्य बाजार में गुरुवार को आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए विधायक जाहिदा खान ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने काले कानून को किसानों पर जबरन थोपने का कार्य कर रही है, जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Zahida Khan statement, farmer movement
केंद्र सरकार किसानों पर जबरन थोप रही काला कानून
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Published : Jan 12, 2021, 10:57 PM IST

(कामां) भरतपुर. कामां के कैथवाड़ा के मुख्य बाजार में गुरुवार को आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए विधायक जाहिदा खान ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने काले कानून को किसानों पर जबरन थोपने का कार्य कर रही है, जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा लगभग डेढ़ महीने से कंपकपाती ठंड में आंदोलन चलाया जा रहा है. इस आंदोलन में लगभग साठ किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार अपने अमानवीय तथा असंवेदनशील रुख पर अड़ी हुई है. भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां कृषि ही लोगों की आजीविका का एकमात्र सहारा है. ऐसे में कृषि उत्पादों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को बंद करके सरकार किसानों का गला घोटने का काम कर रही है.

विधायक ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि भाजपा ने अमीर को और अमीर बनाने का कार्य किया है. कभी भी किसान या गरीब का कर्जा माफ नहीं किया. अडानी व अम्बानी जैसे पैसे वालों का कर्जा माफ तथा उनको लाभ पहुंचाने का कार्य भाजपा ने किया है. बीजेपी एयरपोर्ट, रेलवे जैसी संस्थाओं का निजीकरण कर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए यह कानून अंग्रेजों के जमाने में लाए गए काले कानून की तरह हैं, जो कि किसानों के पूरी तरह खिलाफ है. ये लोग किसानों की जमीन अडानी अम्बानी को गिरवी रख देंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा चलाया जा रहा यह आंदोलन आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन है. किसानों को आतंकवादी, नक्सलवादी सहित क्या क्या नाम देने की कोशिश की जा रही है. इस बिल को बिना किसी से पूछे व बहस किए संसद में पास कर दिया. किसानों का कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को है, उसका हनन कर केंद्र ने कानून बनाया. जब हमारी सरकार ने संशोधित कानून बनाया तो उसे भी गवर्नर महोदय लेकर बैठ गए.

पढ़ें- भारतीय किसान संघ ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, किसानों से घर लौटने की अपील

विधायक ने क्षेत्र के लोगों से एकजुट होकर काले कानून का विरोध कर धरने पर बैठे किसान भाइयों का साथ देने की अपील की. साथ ही कूच करने के लिए तैयार रहने की अपील की. इस दौरान अमजद मल्हाका, अकरम लुहेसर, मिसलू नंदेरा, देवेन्द्र बोलखेडा, सुबेदार सबलाना, नंदो बडोलीधाऊ, सहाब ओलंदा, ताहिर खान, अलीम नीमला, ईसा घघवाडी, ईशाक खान, धनमत, आस मोहम्मद आदि उपस्थित थे.

(कामां) भरतपुर. कामां के कैथवाड़ा के मुख्य बाजार में गुरुवार को आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए विधायक जाहिदा खान ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने काले कानून को किसानों पर जबरन थोपने का कार्य कर रही है, जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा लगभग डेढ़ महीने से कंपकपाती ठंड में आंदोलन चलाया जा रहा है. इस आंदोलन में लगभग साठ किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार अपने अमानवीय तथा असंवेदनशील रुख पर अड़ी हुई है. भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां कृषि ही लोगों की आजीविका का एकमात्र सहारा है. ऐसे में कृषि उत्पादों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को बंद करके सरकार किसानों का गला घोटने का काम कर रही है.

विधायक ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि भाजपा ने अमीर को और अमीर बनाने का कार्य किया है. कभी भी किसान या गरीब का कर्जा माफ नहीं किया. अडानी व अम्बानी जैसे पैसे वालों का कर्जा माफ तथा उनको लाभ पहुंचाने का कार्य भाजपा ने किया है. बीजेपी एयरपोर्ट, रेलवे जैसी संस्थाओं का निजीकरण कर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए यह कानून अंग्रेजों के जमाने में लाए गए काले कानून की तरह हैं, जो कि किसानों के पूरी तरह खिलाफ है. ये लोग किसानों की जमीन अडानी अम्बानी को गिरवी रख देंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा चलाया जा रहा यह आंदोलन आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन है. किसानों को आतंकवादी, नक्सलवादी सहित क्या क्या नाम देने की कोशिश की जा रही है. इस बिल को बिना किसी से पूछे व बहस किए संसद में पास कर दिया. किसानों का कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को है, उसका हनन कर केंद्र ने कानून बनाया. जब हमारी सरकार ने संशोधित कानून बनाया तो उसे भी गवर्नर महोदय लेकर बैठ गए.

पढ़ें- भारतीय किसान संघ ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, किसानों से घर लौटने की अपील

विधायक ने क्षेत्र के लोगों से एकजुट होकर काले कानून का विरोध कर धरने पर बैठे किसान भाइयों का साथ देने की अपील की. साथ ही कूच करने के लिए तैयार रहने की अपील की. इस दौरान अमजद मल्हाका, अकरम लुहेसर, मिसलू नंदेरा, देवेन्द्र बोलखेडा, सुबेदार सबलाना, नंदो बडोलीधाऊ, सहाब ओलंदा, ताहिर खान, अलीम नीमला, ईसा घघवाडी, ईशाक खान, धनमत, आस मोहम्मद आदि उपस्थित थे.

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