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खबर का असर: भरतपुर जनाना अस्पताल पहुंचे मंत्री सुभाष गर्ग, अस्पताल की व्यवस्थाओं का लिया जायजा

कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के बाद राज्य की सरकार जाग चुकी है. रविवार को भरतपुर के जनाना अस्पताल में मंत्री सुभाष गर्ग पहुंचे और पूरे अस्पताल का दौरा किया. दरअसल, इससे पहले ईटीवी भारत ने भरतपुर के जनाना अस्पताल में बच्चों की मौत के आंकड़े पेश किए थे. जिसमें सामने आया था कि साल 2019 में जनाना अस्पताल में करीब 114 बच्चों की मौत हुई थी. वहीं दिसंबर में 18 बच्चों की मौत हो चुकी थी.

सुभाष गर्ग अस्पताल दौरा, Subhash Garg Hospital visit
सुभाष गर्ग जनाना अस्पताल दौरा
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Published : Jan 5, 2020, 7:37 PM IST

भरतपुर. जनाना अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर मीडिया में आने के बाद रविवार को राज्य के चिकित्सा राज्य मंत्री हरकत में आए और जनाना अस्पताल के दौरे पर पहुंचे. जहां मंत्री सुभाष गर्ग सबसे पहले अस्पताल के NICU वार्ड में गए. वहां बच्चों के हालात देखें और उनके इलाज को लेकर डॉक्टर्स से बात की. इसके अलावा वहां फैली अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की.

खबर का असर: भरतपुर जनाना अस्पताल पहुंचे मंत्री सुभाष गर्ग

पढ़ें: जोधपुर में सीएम गहलोत ने नेत्रहीन विकास संस्थान का किया लोकार्पण, भामाशाओं का किया स्वागत

इस दौरान गर्ग ने बारी-बारी कर सभी वार्डों का दौरा किया. साथ ही जो भी नर्सिंग स्टाफ अपनी ड्रेस में नजर नहीं आया, उसे जमकर फटकार लगाई. इतना ही नहीं, इस दौरे में मंत्री गर्ग ने वार्डस के टॉयलेट भी चेक किए और वहां की साफ सफाई देखी. वहीं जब मंत्री गर्ग ने साफ सफाई को लेकर नाराज़गी जताई, तो स्टाफ ने सफाई करवाने वाले ठेकेदार की शिकायत की. जिस पर मंत्री ने तुरंत ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए. साथ ही इन अव्यवस्थाओं पर कोई एक्शन नहीं लेने को लेकर, PMO को फटकार लगाई.

पढ़ें- 'बच्चों को बचाओ': भरतपुर में 1 साल में 114 नवजातों की मौत, कब सुधरेंगे हालात?

वहीं अस्पताल के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि मशीन न होने के कारण इलाज नहीं हो पा रहा. जिस पर मंत्री गर्ग ने भामाशाहों के जरिए अस्पताल में मशीनें उपलब्ध करवाने को कहा. साथ ही दो भामाशाहों के नाम भी बताए, जो अस्पताल में मशीन लगवाएंगे.

साल 2019 में जनाना अस्पताल में करीब 114 बच्चों की मौत हुई थी. इस बारे में मंत्री गर्ग ने कहा कि बाकि अस्पतालों के मुकाबले भरतपुर के जनाना अस्पताल का आंकड़ा काफी कम है. यहां पर मात्र 4 प्रतिशत बच्चों की मौत हुई है. जबकि और अस्पतालों में ये आंकड़ा 10 प्रतिशत तक रहता है. लेकिन फिर भी 1 भी बच्चे की मौत क्यूं हो, इसके लिए अस्पताल प्रबंधन से बात की जाएगी. जिससे यहां आने वाले बच्चों को बेहतर इलाज मिल सके.

भरतपुर. जनाना अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर मीडिया में आने के बाद रविवार को राज्य के चिकित्सा राज्य मंत्री हरकत में आए और जनाना अस्पताल के दौरे पर पहुंचे. जहां मंत्री सुभाष गर्ग सबसे पहले अस्पताल के NICU वार्ड में गए. वहां बच्चों के हालात देखें और उनके इलाज को लेकर डॉक्टर्स से बात की. इसके अलावा वहां फैली अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की.

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इस दौरान गर्ग ने बारी-बारी कर सभी वार्डों का दौरा किया. साथ ही जो भी नर्सिंग स्टाफ अपनी ड्रेस में नजर नहीं आया, उसे जमकर फटकार लगाई. इतना ही नहीं, इस दौरे में मंत्री गर्ग ने वार्डस के टॉयलेट भी चेक किए और वहां की साफ सफाई देखी. वहीं जब मंत्री गर्ग ने साफ सफाई को लेकर नाराज़गी जताई, तो स्टाफ ने सफाई करवाने वाले ठेकेदार की शिकायत की. जिस पर मंत्री ने तुरंत ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए. साथ ही इन अव्यवस्थाओं पर कोई एक्शन नहीं लेने को लेकर, PMO को फटकार लगाई.

पढ़ें- 'बच्चों को बचाओ': भरतपुर में 1 साल में 114 नवजातों की मौत, कब सुधरेंगे हालात?

वहीं अस्पताल के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि मशीन न होने के कारण इलाज नहीं हो पा रहा. जिस पर मंत्री गर्ग ने भामाशाहों के जरिए अस्पताल में मशीनें उपलब्ध करवाने को कहा. साथ ही दो भामाशाहों के नाम भी बताए, जो अस्पताल में मशीन लगवाएंगे.

साल 2019 में जनाना अस्पताल में करीब 114 बच्चों की मौत हुई थी. इस बारे में मंत्री गर्ग ने कहा कि बाकि अस्पतालों के मुकाबले भरतपुर के जनाना अस्पताल का आंकड़ा काफी कम है. यहां पर मात्र 4 प्रतिशत बच्चों की मौत हुई है. जबकि और अस्पतालों में ये आंकड़ा 10 प्रतिशत तक रहता है. लेकिन फिर भी 1 भी बच्चे की मौत क्यूं हो, इसके लिए अस्पताल प्रबंधन से बात की जाएगी. जिससे यहां आने वाले बच्चों को बेहतर इलाज मिल सके.

Intro:मंत्री सुभाष गर्ग ने किया जनाना अस्पताल का दौरा।


Body:भरतपुर-05-01-2020

एंकर- कोटा में हुई भारी संख्या में बच्चों की मौत के बाद भरतपुर के जनाना अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाई थी जिसके बाद आज राज्य के चिकित्सा राज्य मंत्री हरकत में आये और जनाना अस्पताल पहुँचे। मंत्री सुभाष गर्ग सबसे पहले अस्पताल के NICU वार्ड में गए जहाँ बच्चो के हालात देखे। और उनका इलाज किस तरह किया जा रहा है उसके बारे में डॉक्टर्स से बात की। इसके अलावा वहाँ फैली अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की। 

इसके बाद मंत्री सुभाष गर्ग ने बारी बारी कर सभी वार्डों का दौरा किया। जो भी नर्सिंग स्टाफ अपनी ड्रेस में नज़र नहीं आया उस पर जमकर फटकार लगाई। इतना भी मंत्री गर्ग ने वार्डस के टॉयलेट भी चेक किये और वहाँ की साफ सफाई देखी। जब मंत्री गर्ग ने साफ सफाई को लेकर नाराज़गी जताई तो स्टाफ ने सफाई करवाने वाले ठेकेदार की शिकायत की तो मंत्री जी तुरंत ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए। और इन अव्यवस्थाओं पर कोई एक्शन नही लेने को लेकर PMO को फटकार लगाई। 

अस्पताल के अधिकारियों ने मंत्री जी को बताया कि कुछ मशीन न होने के कारण इलाज नहीं हो पा रहा तब मंत्री गर्ग ने भामाशाहों के जरिये अस्पताल में मशीने उपलब्ध करवाने को कहा और उन्होंने दो भामाशाहों के नाम भी बताए जो अस्पताल में मशीन लगवाएंगे। जिसके बाद जनाना अस्पताल के मरीजों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। 

  साल 2019 में जनाना अस्पताल में करीब 114 बच्चों की मौत हुई थी इस बारे में मंत्री गर्ग ने कहा कि और अस्पतालों के मुकाबले भरतपुर के जनाना अस्पताल का आंकड़ा काफी कम है। यहाँ पर मात्र 04 प्रतिशत ही बच्चों की मौत हुई है। जबकि और अस्पतालों में ये अकड़ा 10 प्रतिशत तक रहता है लेकिन फिर भी 01 भी बच्चा क्यों मरे इसके लिए अस्पताल प्रबंधन से बात की जाएगी जिससे यहाँ आने वाले बच्चों को बेहतर इलाज मिल सके। 






Conclusion:कोटा के जेकेलोन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के बाद राज्य की सरकार जाग चुकी है। आज भरतपुर के जनाना अस्पताल में मंत्री सुभाष गर्ग पहुँचे और पूरे अस्पताल का दौरा किया।
बाइट- सुभाष गर्ग, चिकित्सा राज्य मंत्री
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