भरतपुर. जनाना अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर मीडिया में आने के बाद रविवार को राज्य के चिकित्सा राज्य मंत्री हरकत में आए और जनाना अस्पताल के दौरे पर पहुंचे. जहां मंत्री सुभाष गर्ग सबसे पहले अस्पताल के NICU वार्ड में गए. वहां बच्चों के हालात देखें और उनके इलाज को लेकर डॉक्टर्स से बात की. इसके अलावा वहां फैली अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की.
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इस दौरान गर्ग ने बारी-बारी कर सभी वार्डों का दौरा किया. साथ ही जो भी नर्सिंग स्टाफ अपनी ड्रेस में नजर नहीं आया, उसे जमकर फटकार लगाई. इतना ही नहीं, इस दौरे में मंत्री गर्ग ने वार्डस के टॉयलेट भी चेक किए और वहां की साफ सफाई देखी. वहीं जब मंत्री गर्ग ने साफ सफाई को लेकर नाराज़गी जताई, तो स्टाफ ने सफाई करवाने वाले ठेकेदार की शिकायत की. जिस पर मंत्री ने तुरंत ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए. साथ ही इन अव्यवस्थाओं पर कोई एक्शन नहीं लेने को लेकर, PMO को फटकार लगाई.
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वहीं अस्पताल के अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि मशीन न होने के कारण इलाज नहीं हो पा रहा. जिस पर मंत्री गर्ग ने भामाशाहों के जरिए अस्पताल में मशीनें उपलब्ध करवाने को कहा. साथ ही दो भामाशाहों के नाम भी बताए, जो अस्पताल में मशीन लगवाएंगे.
साल 2019 में जनाना अस्पताल में करीब 114 बच्चों की मौत हुई थी. इस बारे में मंत्री गर्ग ने कहा कि बाकि अस्पतालों के मुकाबले भरतपुर के जनाना अस्पताल का आंकड़ा काफी कम है. यहां पर मात्र 4 प्रतिशत बच्चों की मौत हुई है. जबकि और अस्पतालों में ये आंकड़ा 10 प्रतिशत तक रहता है. लेकिन फिर भी 1 भी बच्चे की मौत क्यूं हो, इसके लिए अस्पताल प्रबंधन से बात की जाएगी. जिससे यहां आने वाले बच्चों को बेहतर इलाज मिल सके.