डीग (भरतपुर). महापंचायत ब्रज के धार्मिक पर्वतीय क्षेत्र आदिबद्री और कंकाचल में हो रहे खनन को बंद करने ले लिए आयोजित की गयी थी. 16 जनवरी से शुरू होने वाले आन्दोलन की रुपरेखा पर चर्चा की गयी साथ ही पसोपा पंचायत के जुड़े सभी गावों में जनसंपर्क भी किया गया.
महापंचायत में शामिल जनप्रतिनिधियों ने बताया कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार को कई बार प्रार्थना करने के बाद भी ब्रज के धार्मिक पर्वत आदिबद्री और कंकाचल पर हो रहे खनन को अभी तक नहीं रोका गया है. जन भावनाओं की अनदेखी कर खननकर्ताओं को सहयोग करते हुए बड़े स्तर पर अनियंत्रित खनन और वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया गया है. मान मंदिर के अध्यक्ष राधाकांत ने कहा कि कई बार प्रशासन और राज्य सरकार को मामले की जानकारी दी गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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पूर्व विधायक गोपी गुर्जर के कहा कि सरकारी अधिकारी, राजनैतिक नेता और खनन में व्यापारियों की सांठगांठ की वजह से सरकार की छवि पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा. स्थानीय लोगों और साधु संतों के अलावा विश्व के ब्रज प्रेमियों में प्रदेश सरकार और प्रशासन के खिलाफ रोष है. ग्राम पसोपा, उदयपुर, अलीपुर, काहरिका, खानपुर के ग्रामीणो के अलावा भारी तादात में मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए.
आंदोलन की चेतावनी-
पसोपा सरपंच ने आह्वान करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि ब्रज क्षेत्र के लोग एकजुट हो. आदिबद्री पर हो रहे खनन के खिलाफ निर्णायक संघर्ष के तैयार हो और आदिबद्री पर्वत के संरक्षण स्थानीय जनमानस के जीवन और पर्यावरण, जीव-जंतुओं की भावनाओं की रक्षा के लिए इस क्षेत्र को पूर्ण रूप से खनन मुक्त करने के लिए आंदोलन में शामिल होने के लिए तैयार रहें.