नई दिल्ली: बांग्लादेश कथित तौर पर अडाणी समूह से खरीदी जाने वाली बिजली के लिए बहुत कम कीमतों के लिए फिर से बातचीत करना चाहता है. क्योंकि देश की जनता के लिए महंगी बिजली पर सब्सिडी देने के अपने खर्च को कम करने की कोशिश कर रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक कि बांग्लादेश की एक अदालत पूर्वी भारत में 2 बिलियन डॉलर के प्लांट से कोयले से चलने वाली बिजली प्राप्त करने के लिए अडाणी पावर के साथ 2017 में ट्रांसफर 25-वर्षीय डील को पूरी तरह से रद्द नहीं कर देती. यह सब ऐसे समय में हुआ है जब अडाणी समूह वर्तमान में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी योजना के आरोपों का सामना कर रहा है, जिसका उसने हिस्सा होने से इनकार किया है.
सरकार कम कीमतें चाहती है क्योंकि अडाणी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 8.77 टका औसत मूल्य की तुलना में बांग्लादेश को भारतीय बिजली के लिए सबसे अधिक दर 14.02 टका प्रति यूनिट वसूली है. 2023-24 में यह घटकर 12 टका प्रति यूनिट रह गई. जबकि खुदरा मूल्य 8.95 टका प्रति यूनिट है, जिससे सरकार को बिजली पर सब्सिडी देने के लिए 320 बिलियन टका का खर्च उठाना पड़ता है.
यह भी उस समय आया है जब उच्च न्यायालय ने 2017 में अडाणी पावर के साथ पूर्वी भारत में 2 बिलियन डॉलर के प्लांट से कोयला आधारित बिजली प्राप्त करने के लिए ट्रांसफर 25-वर्षीय डील की जांच करने का आह्वान किया है, जैसा कि बांग्लादेश के ऊर्जा मंत्री के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है.