भरतपुर. पक्षियों का स्वर्ग केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अब पर्यटकों को काले हिरणों का भी दीदार हो सकेगा. उद्यान प्रशासन ने उद्यान में करौली से लाकर 4 काले हिरण छोड़े हैं, जल्द उद्यान प्रशासन री-इंट्रोड्यूज प्रोग्राम के तहत करौली और आसपास के क्षेत्रों से और काले हिरण लेकर आएगा. इतना ही नहीं जल्द उद्यान में फिर से ऑटर भी देखे जा सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने अनुमति भी प्रदान कर दी है. ऐसे में आगामी पर्यटन सीजन में यहां आने वाले पर्यटकों को पक्षियों के साथ ही काले हिरण देखने को मिलेंगे.
24 घंटे हो रही मॉनिटरिंगः उद्यान के डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि करौली से चार काले हिरण लाए गए हैं. उनको करीब 1 महीने तक एंक्लोजर में रखा गया. उसके बाद हाल ही में उन्हें उद्यान के एल ब्लॉक में खुला छोड़ दिया है. हर दिन चारों काले हिरणों की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है. हर दिन का उनका मूवमेंट देखा जा रहा है. चारों काले हिरण अपनी टेरिटरी तैयार कर रहे हैं.
और लाएंगे काले हिरणः री-इंट्रोड्यूज प्रोजेक्ट के तहत उद्यान में और काले हिरण लाए जाएंगे. इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति मिल गई है. संभावना है कि करौली और आसपास के क्षेत्र से ही काले हिरण लाए जाएंगे, ताकि वो यहां आसानी से सरवाइव कर सकें.
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20 साल पहले थे 150 काले हिरणः उद्यान में 20 साल पहले करीब 150 काले हिरण थे, लेकिन धीरे-धीरे यहां का हेबिटाट प्रभावित हुआ. बाढ़ और अन्य बदलाव की वजह से इनकी संख्या कम होती गई. आखिर में यहां से सभी काले हिरण समाप्त हो गए.
जल्द आएंगे ऑटरः डीएफओ ने बताया कि काले हिरण के बाद अब उद्यान में ऑटर लाने पर काम किया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति मिल गई है. सरकार ने केंद्र सरकार को लिखकर भेजा है. केंद्र की अनुमति मिलते ही ऑटर लाए जाएंगे. करीब 20 साल पहले यहां करीब 30 ऑटर मौजूद थे.
ये है री-इंट्रोड्यूज प्रोग्रामः असल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 1980 के दशक में काले हिरण फिशिंग कैट और ऑटर की मौजूदगी थी. उस समय केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का प्राकृतिक आवास इन वन्यजीवों के अनुकूल था, लेकिन धीरे-धीरे यहां का हेबिटाट प्रभावित हुआ तो ये वन्यजीव यहां से लुप्त हो गए. ऐसे में अब उद्यान प्रशासन रि-इंट्रोड्यूस प्रोग्राम के तहत काले हिरण, ऑटर को यहां पुनर्वासित करने में जुटा है.