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ज्योतिष शास्त्र: तुलसी के पत्ते तोड़ते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान! - कब तोड़े तुलसी के पत्ते

Jyotish Shastra: पुराणों के अनुसार तुलसी के पत्ते तोड़ने के कुछ नियम होते हैं. इन नियमों को नहीं माना जाए तो इसके गलत प्रभाव देखने को मिलते हैं. साथ ही इस दिन और तिथि को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.

Jyotish Shastra
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Published : Feb 14, 2023, 7:34 AM IST

तुलसी के पत्ते तोड़ते समय रखें इन बातों का ध्यान

भरतपुर. सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है. तुलसी को एक देवी के समान पूजनीय माना गया है. इसलिए हिंदू परिवार के प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा आसानी से मिल जाता है. सनातन धर्म के अनुसार तुलसी के पौधे को सुबह के समय जल दिया जाता है और शाम को दीपक जलाकर पूजन किया जाता है. लेकिन तुलसी के पूजन और पत्ते तोड़ने के कुछ नियम बताए गए हैं. यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो इसे अशुभकारी माना गया है. आइए जानते हैं तुलसी पूजन और पत्ते तोड़ते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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वैदिक पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि तुलसी के पौधे को हर दिन जल दिया जा सकता है लेकिन रविवार के दिन जल नहीं दिया जाता. इसी तरह रविवार, एकादशी, अमावस्या, पूर्णमासी, सूर्यग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए. उक्त दिवस में तुलसी के पौधे को जल भी नहीं देना चाहिए. सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद न तो तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए और न ही जल देना चाहिए. रविवार के दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर पूजन भी नहीं करना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन नहीं करता है तो इसे अशुभ माना जाता है.

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इसी तरह यदि किसी के घर में बच्चे का जन्म होने पर उसके नामकरण तक तुलसी के पौधे से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. वहीं किसी के घर में किसी के देहांत होने पर उसके ब्राह्मण भोज या 13 दिवस तक पत्ते तोड़ना वर्जित बताया गया है.

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इन बातों का भी रखें ध्यान- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि कभी भी बिना स्नान किए तुलसी के पत्ते न तोड़ें. साथ ही पत्ते तोड़ते समय नाखूनों का इस्तेमाल नहीं करें. तुलसी का पौधा सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला पवित्र पौधा है. इसीलिए इस पौधे को गंगा के समान पवित्र माना गया है. गंगाजल की तरह ही तुलसी के पत्ते भी अपवित्र या बासी नहीं माने जाते. तुलसी के पत्तों को तोड़कर कई दिन तक पूजन आदि में उपयोग किया जा सकता है.

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स्त्रियां इन दिनों में रहें तुलसी से दूर- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि तुलसी बहुत ही पवित्र पौधा है. इसलिए स्त्रियों को महावारी के दिनों में तुलसी के पौधे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. इन दिनों में न तो महिलाओं को तुलसी पर जल चढ़ाना चाहिए, न दीपक जलाना चाहिए और न ही पत्ते तोड़ने चाहिए. इन दिनों में स्त्रियों का तुलसी के पौधे को स्पर्श करना वर्जित माना गया है.

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जानबूझकर नियम तोड़ा तो लगेगा दोष- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि यदि गलती से रविवार, एकादशी या अन्य वर्जित दिवस में तुलसी का पत्ता तोड़ लेते हैं तो गलती की क्षमा मांगकर गलती दोबारा न दोहराएं. यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर वर्जित दिनों में तुलसी का पत्ता तोड़ता है तो उसे दोष लग जाता है और इसे अशुभ माना जाता है. इसलिए तुलसी से संबंधित सभी नियमों का पालन करना चाहिए.

तुलसी के पत्ते तोड़ते समय रखें इन बातों का ध्यान

भरतपुर. सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है. तुलसी को एक देवी के समान पूजनीय माना गया है. इसलिए हिंदू परिवार के प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा आसानी से मिल जाता है. सनातन धर्म के अनुसार तुलसी के पौधे को सुबह के समय जल दिया जाता है और शाम को दीपक जलाकर पूजन किया जाता है. लेकिन तुलसी के पूजन और पत्ते तोड़ने के कुछ नियम बताए गए हैं. यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो इसे अशुभकारी माना गया है. आइए जानते हैं तुलसी पूजन और पत्ते तोड़ते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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वैदिक पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि तुलसी के पौधे को हर दिन जल दिया जा सकता है लेकिन रविवार के दिन जल नहीं दिया जाता. इसी तरह रविवार, एकादशी, अमावस्या, पूर्णमासी, सूर्यग्रहण और चंद्र ग्रहण के समय भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए. उक्त दिवस में तुलसी के पौधे को जल भी नहीं देना चाहिए. सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद न तो तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए और न ही जल देना चाहिए. रविवार के दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर पूजन भी नहीं करना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन नहीं करता है तो इसे अशुभ माना जाता है.

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इसी तरह यदि किसी के घर में बच्चे का जन्म होने पर उसके नामकरण तक तुलसी के पौधे से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. वहीं किसी के घर में किसी के देहांत होने पर उसके ब्राह्मण भोज या 13 दिवस तक पत्ते तोड़ना वर्जित बताया गया है.

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इन बातों का भी रखें ध्यान- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि कभी भी बिना स्नान किए तुलसी के पत्ते न तोड़ें. साथ ही पत्ते तोड़ते समय नाखूनों का इस्तेमाल नहीं करें. तुलसी का पौधा सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाला पवित्र पौधा है. इसीलिए इस पौधे को गंगा के समान पवित्र माना गया है. गंगाजल की तरह ही तुलसी के पत्ते भी अपवित्र या बासी नहीं माने जाते. तुलसी के पत्तों को तोड़कर कई दिन तक पूजन आदि में उपयोग किया जा सकता है.

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स्त्रियां इन दिनों में रहें तुलसी से दूर- पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि तुलसी बहुत ही पवित्र पौधा है. इसलिए स्त्रियों को महावारी के दिनों में तुलसी के पौधे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. इन दिनों में न तो महिलाओं को तुलसी पर जल चढ़ाना चाहिए, न दीपक जलाना चाहिए और न ही पत्ते तोड़ने चाहिए. इन दिनों में स्त्रियों का तुलसी के पौधे को स्पर्श करना वर्जित माना गया है.

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