डीग (भरतपुर). जल महलों की नगरी डीग जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर, मिट्टी के बने किले और रंगीन फव्वारों के लिए विश्व विख्यात हैं. जहां एक ओर पर्यटन की दृष्टि से डीग काफी मशहूर है. वहीं, डीग कस्बे की जल महलों के चारों ओर फैल रही गंदगी से कस्बेवासी काफी परेशान नजर आ रहे हैं. गंदगी का आलम ये है कि किले के पास गंदगी से निकलने बाली दुर्गंध के कारण वहां से गुजरना भी मुश्किल है.
नगरपालिका प्रशासन भी सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिस वजह से कस्बेवासियों का कहना है कि डीग कस्बे के गटरों का पानी इन तालाबों में आता है. नालियों से गंदा पानी और कीचड़, पॉलीथिन, कूड़ा करकट और सभी तरह की गंदगी किले के चारों तरफ भरे पानी में फेंकी जाती है. जिससे पानी सड़ने लगा है और दुर्गंध भी आ रही है, लेकिन नगरपालिका को ना शहरवासियों के स्वास्थ्य की चिंता है और ना ही ऐतिहासिक धरोहर के भव्यता की.
पढ़ेंः जोधपुर: शैतान सिंह नगर जमीन विवाद हत्या प्रकरण में 10 आरोपी गिरफ्तार
हालांकि नगर पालिका की ओर से कस्बे में जगह-जगह कचरे पात्र रखवाएं गए हैं, लेकिन न तो उनको समय पर खुलवाने की समुचित व्यवस्था है और ना ही गंदगी को हटाने के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. सब्जी मंडी सहित कस्बे में जगह-जगह गंदगी का यही दृश्य दिखाई दे रहा है. लोगों का कहना है कि नगरपालिका कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई है और स्वच्छ भारत मिशन महज कागजों में ही सिमट कर रह गया है.
पढ़ेंः हनुमानगढ़: अवैध रूप से पेड़ काटने पर निजी कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज
स्थानीय नागरिक भगवान सिंह कोली ने बताया कि वह पूर्व में भी कई बार अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन कोई भी उच्च अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. एक ओर सरकार कोविड-19 रोकथाम के लिए लाखों प्रयास कर रही है. वहीं, डीग कस्बे में लापरवाही नजर आ रही है. डीग कस्बे के जल महलों के पास स्थित तालाबों में आता है. गटर का गंदा पानी जिससे लोगों में घातक बीमारियां फैलने का खतरा रहता है.