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Foreign Couple Adopting Indian Kids : विदेशी गोद में खिलखिला रहा बचपन, तीन साल में 4 बच्चों को मिला मां-बाप का साया - Rajasthan Hindi news

देश में बच्चे अडोप्ट करने के मामले में अब भारतीय कपल के साथ ही विदेशी कपल (Foreign Couple Adopting Indian Kids) भी रुचि दिखा रहे हैं. राजस्थान के भरतपुर से तीन सालों में 4 बच्चों को विदेशी दंपती ने गोद लिया है.

Foreign Couple adopted 6 kids
Foreign Couple adopted 6 kids
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Published : Jan 17, 2023, 8:04 PM IST

Updated : Jan 17, 2023, 10:47 PM IST

विदेशी गोद में खिलखिला रहा भारतीय बचपन

भरतपुर. जन्म लेते ही ठुकराए गए कई मासूमों को माता-पिता का प्यार नसीब हुआ है. समय के साथ अब कई कपल बच्चे अडॉप्ट करने के लिए जागरूक हुए हैं. बिना मां-बाप के इन बच्चों को भारतीय परिवारों के साथ ही विदेशी दंपती भी गोद ले रहे हैं. बीते तीन साल में विदेशी दंपतियों ने बच्चों को गोद लेने में ज्यादा रुचि दिखाई है.

तीन साल में 4 बच्चों को मिली विदेशी गोद : बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि भरतपुर के शिशु गृह/बाल गृह से बीते 3 साल में कुल 6 बच्चों को गोद लिया गया है. वर्ष 2022 में 2 बच्चियों को इटली व स्पेन, वर्ष 2021 में एक बच्चे को अमेरिका और वर्ष 2020 में एक बच्ची को न्यूजीलैंड के दंपती ने गोद लिया था. साथ ही वर्ष 2021 में एक बच्चे को पंजाब और वर्ष 2022 में एक बच्चे को चुरू के दंपती ने गोद लिया था. फिलहाल भरतपुर के 10 दंपती वेटिंग में हैं. इन्होंने बच्चों को गोद लेने के लिए CARA (केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण) में आवेदन किया था.

Rules to adopt Child in India
भारत में बच्चा गोद लेने के नियम

पढ़ें. राजस्थानः स्वीडन से नागौर आए विदेशी दंपती ने अनाथ बच्चे को लिया गोद, अभिनंदन नाम दिया

विदेशी दंपती ज्यादा गोद ले रहे : गंगाराम पाराशर ने बताया कि विदेशों में बच्चों के एडॉप्शन की प्रक्रिया और नियम काफी सख्त हैं. लेकिन भारत में यह प्रक्रिया अन्य देशों की तुलना में सहज हैं. यही वजह है कि विदेशी दंपती भारत से काफी संख्या में बच्चों को गोद लेना पसंद करते हैं.

ये है प्रक्रिया : गंगाराम पराशर ने बताया कि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) जिला स्तर पर आवेदन लेता है. इसके बाद उनकी दिल्ली से वेटिंग जारी की जाती है. आगे की पूरी प्रक्रिया भी इसी के अनुसार न्यायालय के माध्यम से आगे बढ़ती है. जिला कलेक्टर की निगरानी में गोद देने की प्रक्रिया पूरी की जाती है.

विदेशी गोद में खिलखिला रहा भारतीय बचपन

भरतपुर. जन्म लेते ही ठुकराए गए कई मासूमों को माता-पिता का प्यार नसीब हुआ है. समय के साथ अब कई कपल बच्चे अडॉप्ट करने के लिए जागरूक हुए हैं. बिना मां-बाप के इन बच्चों को भारतीय परिवारों के साथ ही विदेशी दंपती भी गोद ले रहे हैं. बीते तीन साल में विदेशी दंपतियों ने बच्चों को गोद लेने में ज्यादा रुचि दिखाई है.

तीन साल में 4 बच्चों को मिली विदेशी गोद : बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि भरतपुर के शिशु गृह/बाल गृह से बीते 3 साल में कुल 6 बच्चों को गोद लिया गया है. वर्ष 2022 में 2 बच्चियों को इटली व स्पेन, वर्ष 2021 में एक बच्चे को अमेरिका और वर्ष 2020 में एक बच्ची को न्यूजीलैंड के दंपती ने गोद लिया था. साथ ही वर्ष 2021 में एक बच्चे को पंजाब और वर्ष 2022 में एक बच्चे को चुरू के दंपती ने गोद लिया था. फिलहाल भरतपुर के 10 दंपती वेटिंग में हैं. इन्होंने बच्चों को गोद लेने के लिए CARA (केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण) में आवेदन किया था.

Rules to adopt Child in India
भारत में बच्चा गोद लेने के नियम

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विदेशी दंपती ज्यादा गोद ले रहे : गंगाराम पाराशर ने बताया कि विदेशों में बच्चों के एडॉप्शन की प्रक्रिया और नियम काफी सख्त हैं. लेकिन भारत में यह प्रक्रिया अन्य देशों की तुलना में सहज हैं. यही वजह है कि विदेशी दंपती भारत से काफी संख्या में बच्चों को गोद लेना पसंद करते हैं.

ये है प्रक्रिया : गंगाराम पराशर ने बताया कि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) जिला स्तर पर आवेदन लेता है. इसके बाद उनकी दिल्ली से वेटिंग जारी की जाती है. आगे की पूरी प्रक्रिया भी इसी के अनुसार न्यायालय के माध्यम से आगे बढ़ती है. जिला कलेक्टर की निगरानी में गोद देने की प्रक्रिया पूरी की जाती है.

Last Updated : Jan 17, 2023, 10:47 PM IST
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