भरतपुर. डीग हॉस्पिटल में मौसमी बीमारियों के चलते आए दिन 1000 से 1200 के बीच मरीज आते हैं. डीग हॉस्पिटल में कई डॉक्टरों की जगह खाली है बाकी दो डॉक्टर डीग से जा चुके हैं उनकी जगह पर भी कोई नहीं आया है. आए दिन लोगों को परेशानियों का भारी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा मरीजों को राजकीय अस्पताल भरतपुर के लिए रेफर कर देते हैं.
लोगों का कहना है कि अस्ताल में कोई भी सुविधा नहीं है. सोनोग्राफी मशीन भी बंद पड़ी हुई है. कई बरसों से गर्भवती महिलाओं को भरतपुर के लिए जाना पड़ता है. सोनोग्राफी कराने के लिए डॉक्टरों की हॉस्पिटल में कमी होने के कारण कोई ना कोई हादसा होता रहता है फिर भी उच्च अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है. लेकिन इन सब का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.