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जाटों का महापड़ाव: संयोजक नेम सिंह बोले-सरकार ने मांग नहीं मानी, तो वर्ष 2017 के आंदोलन की होगी पुनरावृत्ति

भरतपुर के जयचोली गांव में ओबीसी आरक्षण को लेकर जाटों का महापड़ाव जारी है. आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा है कि सरकार ने मांगे नहीं मानी, तो साल 2017 के आंदोलन की पुनरावृत्ति होगी.

demand of OBC reservation
जाटों का महापड़ाव
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 17, 2024, 7:17 PM IST

ओबीसी आरक्षण को लेकर समाज की सरकार को चेतावनी

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर के जाट अड़ गए हैं. जिले के जयचोली गांव में कड़ाके की सर्दी में समाज के लोगों ने महापड़ाव डाल दिया है. बुधवार को समाज के लोगों की भीड़ बढ़ती रही. वहीं आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा है कि यदि सरकार ने मांग नहीं मानी, तो वर्ष 2017 के आंदोलन की पुनरावृत्ति होगी. वहीं आंदोलन को देखते हुए आंदोलन स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान मुस्तैद हैं.

बुधवार को आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में उच्चैन क्षेत्र के गांव में भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज के लोगों ने महापड़ाव शुरू कर दिया. दिनभर सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग आंदोलन स्थल पर जुटे रहे. शाम तक लोगों की संख्या बढ़ती रही. संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से महापड़ाव शुरू किया है. हम सरकार को बार-बार मौका दे रहे हैं कि हमारे विषय पर गंभीरता से विचार करे. अगर सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया, तो वर्ष 2017 का आंदोलन सरकार देख चुकी है. हम पुनरावृत्ति नहीं करना चाहते, यदि सरकार चाहती है, उसकी पुनरावृत्ति होगी और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

पढ़ें: ओबीसी आरक्षण के लिए आंदोलन की हुंकार, भरतपुर-धौलपुर के जाटों का महापड़ाव शुरू

इससे पहले संघर्ष समिति और जिला प्रशासन के बीच मंगलवार शाम को वार्ता हुई. नेम सिंह ने बताया कि वार्ता में हमने प्रशासन को अपनी मांगों से अवगत करा दिया. प्रशासन का कहना है कि हमारी मांगों से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया जाएगा. हमारी संघर्ष समिति वार्ता के लिए हमेशा तैयार है. नेम सिंह ने कहा कि हमें समाधान चाहिए. हम केंद्र में आरक्षण चाहते हैं. हम किसी तरह की अशांति नहीं चाहते, लेकिन सरकार कराना चाहती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

पढ़ें: ओबीसी में आरक्षण की मांग, विश्नोई समाज अगले महीने करेगा महापंचायत

जयचोली स्टेशन पर बढ़ाई सुरक्षा: मंडल के सहायक सुरक्षा आयुक्त चौधरी संजय ने बताया कि आंदोलन को देखते हुए जयचोली स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यहां पर आरपीएफ के 52 जवान और जीआरपी के 78 जवान तैनात कर दिए गए हैं. आंदोलन पर पूरी नजर बनाए हुए हैं.

पढ़ें: OBC Reservation : केंद्र में ओबीसी आरक्षण के लिए विश्नोई समाज ने भरी हुंकार

जाट आंदोलन एक नजर में: गौरतलब है कि भरतपुर और धौलपुर की जाटों की आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से चली आ रही है. वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन की सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था. लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हुए 10 अगस्त, 2015 को भरतपुर और धौलपुर की जाटों का केंद्र व राज्य में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया था. उस समय तर्क था कि भरतपुर और धौलपुर के जाट पूर्व राजपरिवार से जुड़े हुए हैं. बाद में 23 अगस्त, 2017 को राज्य में दोनों जिलों की जाटों को ओबीसी में आरक्षण दे दिया गया.

ओबीसी आरक्षण को लेकर समाज की सरकार को चेतावनी

भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर के जाट अड़ गए हैं. जिले के जयचोली गांव में कड़ाके की सर्दी में समाज के लोगों ने महापड़ाव डाल दिया है. बुधवार को समाज के लोगों की भीड़ बढ़ती रही. वहीं आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा है कि यदि सरकार ने मांग नहीं मानी, तो वर्ष 2017 के आंदोलन की पुनरावृत्ति होगी. वहीं आंदोलन को देखते हुए आंदोलन स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान मुस्तैद हैं.

बुधवार को आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में उच्चैन क्षेत्र के गांव में भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज के लोगों ने महापड़ाव शुरू कर दिया. दिनभर सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग आंदोलन स्थल पर जुटे रहे. शाम तक लोगों की संख्या बढ़ती रही. संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से महापड़ाव शुरू किया है. हम सरकार को बार-बार मौका दे रहे हैं कि हमारे विषय पर गंभीरता से विचार करे. अगर सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया, तो वर्ष 2017 का आंदोलन सरकार देख चुकी है. हम पुनरावृत्ति नहीं करना चाहते, यदि सरकार चाहती है, उसकी पुनरावृत्ति होगी और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

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इससे पहले संघर्ष समिति और जिला प्रशासन के बीच मंगलवार शाम को वार्ता हुई. नेम सिंह ने बताया कि वार्ता में हमने प्रशासन को अपनी मांगों से अवगत करा दिया. प्रशासन का कहना है कि हमारी मांगों से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया जाएगा. हमारी संघर्ष समिति वार्ता के लिए हमेशा तैयार है. नेम सिंह ने कहा कि हमें समाधान चाहिए. हम केंद्र में आरक्षण चाहते हैं. हम किसी तरह की अशांति नहीं चाहते, लेकिन सरकार कराना चाहती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

पढ़ें: ओबीसी में आरक्षण की मांग, विश्नोई समाज अगले महीने करेगा महापंचायत

जयचोली स्टेशन पर बढ़ाई सुरक्षा: मंडल के सहायक सुरक्षा आयुक्त चौधरी संजय ने बताया कि आंदोलन को देखते हुए जयचोली स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यहां पर आरपीएफ के 52 जवान और जीआरपी के 78 जवान तैनात कर दिए गए हैं. आंदोलन पर पूरी नजर बनाए हुए हैं.

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जाट आंदोलन एक नजर में: गौरतलब है कि भरतपुर और धौलपुर की जाटों की आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से चली आ रही है. वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन की सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था. लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हुए 10 अगस्त, 2015 को भरतपुर और धौलपुर की जाटों का केंद्र व राज्य में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया था. उस समय तर्क था कि भरतपुर और धौलपुर के जाट पूर्व राजपरिवार से जुड़े हुए हैं. बाद में 23 अगस्त, 2017 को राज्य में दोनों जिलों की जाटों को ओबीसी में आरक्षण दे दिया गया.

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