भरतपुर. चक्काजाम आंदोलन की चेतावनी के बाद अब कुशवाहा, काछी, सैनी, माली समाज दो धड़ों में बंट गया है. एक गुट ने चक्काजाम से पूरी तरह से दूरी बना ली है तो वहीं दूसरा गुट अभी भी अपनी मांग पर अड़ा हुआ है. ऐसे में अब समाज का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को वार्ता के लिए जयपुर जाएगा. उसके बाद ही तय होगा कि 21 अप्रैल को समाज का चक्का जाम होगा या नहीं. जिला प्रशासन इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए है.
आंदोलन समिति के पीआरओ डीके कुशवाहा ने बताया कि मांग पत्रों को लेकर समाज का प्रतिनिधि मंडल कल गुरुवार को वार्ता के लिए जयपुर जाएगा. प्रतिनिधिमंडल जयपुर में सरकार की तरफ से नियुक्त उच्चाधिकारियों से वार्ता करेगा. प्रतिनिधिमंडल में वासुदेव कुशवाहा, रामहेत कुशवाहा, डीके कुशवाहा, रामहेत कुशवाहा, सुरेन्द्रसिंह कुशवाहा, हेमलता कुशवाहा, लक्ष्मण सिंह कुशवाहा, परशुराम सेवला और तोताराम आदि शामिल हैं.
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ये हैं मांग
डीके कुशवाहा ने बताया कि समाज की कुशवाहा, काछी, शाक्य मौर्य, हिन्दू समाज के लिए राज्य लवकुश कल्याण बोर्ड गठन, कुशवाहा, काछी, सैनी, माली आदि समाज के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण एवं राज्य में लवकुश छात्रावास निर्माण आदि मांग है.
जिले के गांव अरौदा एवं आसपास के ग्रामीणों एवं सैनी समाज के लोगों ने उपखण्ड अधिकारी नदबई को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि ग्राम अरौदा पर आंदोलन की अनुमति नहीं दी जाए। आंदोलन के कारण आसपास के गांवों के लोगों का आवागमन और दैनिक कार्यों में व्यवधान पैदा होता है। आंदोलन के संबंध में जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों द्वारा अपने अपने क्षेत्र में सैनी समाज सहित अन्य समाजों के लोगों से समझाइश की जा रही है। जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि समाज की मांगों केे प्रति राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। इसलिए कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में न ले। प्रशासन एवं पुलिस लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।