भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर में पर्यटन व देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंचे. जहां उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि किस पार्टी को कितनी सीट मिलेंगी. इसके बार में वे कुछ नहीं कह सकते क्योंकि वह ज्योतिषी नहीं है. लेकिन जो जितनी मेहनत करेगा वह उतनी सीट जीत सकेगा.
उन्होंने कहा की लोग लोकसभा चुनाव में सोच समझकर वोट दे क्योंकि पिछली भाजपा सरकार ने पांच वर्ष तक झूठ बोलने के सिवाय कुछ काम नहीं किया है. रोजगार के नाम पर युवाओं को धोखा दिया और एक भी नौकरी किसी युवा को नहीं दी. गरीबों को 15 लाख रुपये देने की बात कही लेकिन एक रुपया भी नहीं मिला. किसानों को धोखा दिया जबकि सरकार ने कहा था की किसानों की फसल को हम दुगुनी कीमत में खरीदेंगे.
विश्वेन्द्र सिंह पूर्व राजपरिवार के सदस्य है और जिले में उनकी अच्छी छवि है. लोग उनका आदर करते है और अभी तक जिस प्रत्याशी को उन्होंने सपोर्ट किया है, उसकी जीत हुई है. गौरतलब है की 2008 में परिसीमन के बाद भरतपुर लोकसभा सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया था. जिसके बाद 2009 में विश्वेन्द्र सिंह ने कांग्रेस के प्रयाशी रतन सिंह को जीत दिलाने में सफलता हांसिल की थी.
यदि परिसीमन से पहले की स्थिति पर नजर डाले तो 1952 से लेकर 2008 तक इस लोकसभा सीट से ज्यादातर राजपरिवार के सदस्य ही चुनाव जीते है. जिनमें विश्वेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी दिव्या सिंह व उनके पिता महाराजा सवाई वृजेन्द्र सिंह, चाचा गिरिराज शरण सिंह, चचेरी बहन कृष्णेन्द्र कौर दीपा सम्मलित है. विश्वेन्द्र सिंह जाट जाति से ताल्लुक रखते है और जिले में जाट जाति के करीब 4.50 लाख वोट है जो बेहद निर्णायक मानी जाती है.