भरतपुर. त्योहारी सीजन में मिलावटी मावा और मिठाइयों के खिलाफ छापामार कार्रवाई करने के लिए गुरुवार को खुद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कप्तान सिंह अचानक से टीम लेकर शहर में निकल पड़े. उसके बाद शहर के अटल बंद मंडी क्षेत्र में दो संस्थानों पर खाद्य पदार्थों की जांच की और उनके नमूने लिए.
बता दें कि कार्रवाई की भनक निजी खाद्य पदार्थ संस्थानों को न लगे, इसके लिए डॉ. कप्तान सिंह ने अपनी टीम के सभी सदस्यों के मोबाइल स्विच ऑफ करके अपने पास रख लिए. इस दौरान पास ही के सरसपुर संचालक ने सीएमएचओ से सरस घी में गड़बड़ी की शिकायत की. इस पर सीएमएचओ ने सरस घी की जांच की और उसके नमूने भरवाए. साथ ही शहर के मर्डर पुर रोड स्थित सरस डेरी प्लांट पर पहुंचकर भी घी के नमूने लिए.
यह भी पढे़ं. थाने से 100 मीटर की दूरी पर एक व्यक्ति को पेट्रोल डालकर जलाया, शरीर का 50 प्रतिशत हिस्सा जला
गोदाम नहीं मिला तो दुकान से भरे नमूने
सीएमएचओ ने गुरुवार दोपहर को टीम को साथ लेकर शहर में छापामार कार्रवाई करने निकले. मावा निर्माण करने वाले एक गोदाम की तलाश में टीम करीब 1 घंटे तक शहर में भटकती रही, लेकिन गोदाम नहीं मिला. ऐसे में सीएमएचओ टीम को लेकर शहर के अटल बंद मंडी में पहुंचे और यहां पर कंसल एंड ब्रदर्स फर्म से सोन पपड़ी और पनीर के नमूने वाह बाबा मिल्क डेयरी से दूध और घी के नमूने भरे.
लोगों की शिकायत पर सरस घी के नमूने लिए
अटल बंद मंडी में स्थित एक सरस बूथ संचालक ने कप्तान सिंह से सरस के घी में गड़बड़ी की शिकायत की. इस पर सीएमएचओ ने बूथ पर जाकर भी की जांच की तो उसमें सख्त और मोटी मोटी डली मिली. बूथ संचालक ने बताया कि कई उपभोक्ता सरस घी वापस कर गए और पैसे वापस करने की मांग कर रहे हैं. बूथ संचालक का आरोप था कि घी में गड़बड़ी है और इस संबंध में सरस डेयरी के जिम्मेदारों को कई बार सूचित कर दिया गया है.
यह भी पढे़ं. भरतपुरः पुरानी रंजिश के चलते दो पक्षों के बीच आधे घंटे तक हुई फायरिंग, 19 लोग हिरासत में...भारी पुलिस बल तैनात
लेकिन कोई भी घी की जांच करने नहीं पहुंचा. इस पर सीएमएचओ ने सरस घी के नमूने भरवाए. बाद में मर्डर पुर रोड स्थित सरस डेयरी प्लांट पर पहुंचे और वहां से भी जांच के लिए घी के नमूने लिए. त्योहार के अवसर पर शहर भर में मिठाई निर्माण और दूध की खपत तेज होने के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों के नमूने लेने की कार्रवाई की गई. वहीं खाद्य पदार्थ के नमूनों की जांच अलवर की प्रयोगशाला में कराई जाएगी.