भरतपुर. पश्चिमी राजस्थान की तर्ज पर अब पूर्वी राजस्थान का किसान भी बरसात के पानी का मोल समझने लगा है. बरसात के पानी को सहेजने के लिए जिले में 11 किसानों के फार्म पॉन्ड तैयार हो गए हैं. जबकि करीब 14 किसानों के यहां फार्म पॉन्ड तैयार किए जा रहे हैं. ऐसे में पानी की समस्या से जूझ रहे भरतपुर के जागरूक किसान अब फार्म पॉन्ड में बरसात का पानी संग्रहित कर पूरे साल भर अपने खेतों की सिंचाई कर सकेंगे.
जिले में तैयार होने हैं 100 फार्म पॉन्ड - कृषि विभाग के सहायक निदेशक चरण सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सहयोजना के तहत जिले में किसानों के यहां फार्म पॉन्ड तैयार होने हैं. अभी तक जिले के 259 किसानों ने पॉन्ड के लिए आवेदन किया है. जिनमें से पहले आवेदन करने वाले 100 किसानों को प्राथमिकता के आधार पर पॉन्ड के लिए चुना गया, जिनके यहां पहले पॉन्ड तैयार किए जाएंगे. उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल 11 किसानों के यहां पॉन्ड तैयार हो गए हैं और 14 किसानों के यहां काम चल रहा है.
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इन किसानों होगा फायदा - सहायक निदेशक चरण सिंह ने बताया कि योजना के तहत जिस किसान के पास 0.3 हेक्टेयर जमीन है, वो इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं. योजना में 400 से 1200 घन मीटर क्षेत्रफल का फार्म पॉन्ड तैयार कराया जा सकता है. किसान की मांग पर कच्चे और प्लास्टिक लाइनिंग वाले दो में से एक प्रकार का फार्म पॉन्ड तैयार कराया जाता है. उन्होंने बताया कि योजना के तहत किसान को लागत का 60% अनुदान,
लघु सीमांत किसान को 70% अनुदान और नहरी क्षेत्र के किसान को 75% का अनुदान दिया जाता है. यह अनुदान कार्य पूर्ण होने के बाद किसान के खाते में ट्रांसफर हो जाता है. कच्छा पॉन्ड तैयार कराने की लागत 87.50 रुपए प्रति घन मीटर और प्लास्टिक लाइनिंग के पॉन्ड की 125 रुपए प्रति घन मीटर लागत आती है. यानी 1200 घन मीटर का कच्चा पॉन्ड 1,05,000 रुपए में बनकर तैयार हो जाएगा.
जानिए कैसे मिलेगा लाभ - सहायक निदेशक चरण सिंह ने बताया कि एक घन मीटर क्षेत्र में 1000 लीटर पानी इकट्ठा किया जा सकता है. ऐसे में यदि कोई किसान 1200 घन मीटर का पॉन्ड तैयार कराया है तो उसमें 12 लाख लीटर वर्षा जल इकट्ठा किया जा सकता है. नियमानुसार फव्वारा पद्धति से चार लाख लीटर पानी से दस बीघा खेत की सिंचाई की जा सकती है. ऐसे में 1200 घन मीटर पॉन्ड के पानी से 25 बीघा खेत की सिंचाई संभव है, जो कि एक सामान्य और लघु सीमांत किसान के लिए सालभर के लिए पर्याप्त है.