भरतपुर. अब भरतपुर के मेडिकल कॉलेज के साथ ही प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में कैबेडर (मृत देह) के अभाव में मेडिकल की पढ़ाई बाधित नहीं होगी. अपना घर आश्रम भरतपुर के एसजेपी मेडिकल कॉलेज को सालभर में 10 कैडेबर उपलब्ध कराने के साथ ही प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों को भी मांग के आधार पर कैडेबर मुहैया कराएगा. इस कड़ी में बुधवार को भरतपुर के मेडिकल कॉलेज को एक कैडेबर उपलब्ध कराया गया.
भरतपुर मेडिकल कॉलेज ने मांगी 10 देह: मेडिकल कॉलेज में कैडेबर की कमी को देखते हुए अपना घर आश्रम प्रबंधन ने निदेशक मेडिकल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था. ऐसे में विभाग ने भरतपुर मेडिकल काॅलेज की एनाटाॅमी विभाग अध्यक्ष डाॅ अनीता एवं देहदान नोडल डाॅ रामकुमार सिंघल से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई. विभागीय आदेश की पालना में डाॅ. अनीता एवं डाॅ रामकुमार सिंघल ने अपना घर आश्रम से भरतपुर मेडिकल काॅलेज के लिए 10 मृत देह की मांग की. अपना घर आश्रम की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की मांग पर इस वर्ष आश्रम के प्रभुजनों के 10 मृत शरीर मेडिकल शिक्षा के लिए काॅलेज को प्रदान किए जाएंगे. बुधवार को मेडिकल कॉलेज को एक मृत देह दान की गई.
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प्रदेश के कॉलेजों को भी दान करेंगे देह: बबीता गुलाटी ने बताया कि प्रदेश के अन्य अपना घर आश्रमों से भी राज्य के सभी मेडिकल काॅलेजों के लिए मृत देह मिल सकेगी. साथ ही आवश्यकता होने पर राज्य में भी मांग के आधार पर भरतपुर के अपना घर आश्रम से अन्य मेडिकल काॅलेजों के छात्रों की शिक्षा के लिए कैडेबर उपलब्ध कराए जा सकेंगे. अभी तक केवल कोटा आश्रम द्वारा ही कोटा मेडिकल काॅलेज को मृत देह उपलब्ध करायी जा रही थी.