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पाले के बाद अब किसानों को बरसात का डर सता रहा, खेतों में कटी सरसों और पकी गेंहू की फसल को नुकसान का डर - etv bharat Rajasthan news

भरतपुर में पाले के बाद अब किसानों को अतिवृष्टि की चिंता सता रही है. किसानों को खेतों में कटी सरसों और पकी गेहूं की ख़ड़ी फसल के खराब होने का डर उन्हें सता रहा है.

heavy rain in Bharatpur
heavy rain in Bharatpur
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Published : Mar 14, 2023, 8:06 PM IST

भरतपुर. जिले के किसानों को पाले के बाद अब बरसात की वजह से नुकसान उठाना पड़ सकता है. मंगलवार को दोपहर बाद अचानक से मौसम ने करवट बदली और बदल उमड़ने लगे. शाम होते-होते तेज हवा के साथ बरसात होने लगी. करीब 10 से 15 मिनट तक जिले के विभिन्न इलाकों में तेज बारिश होती रही. उधर, खेतों में किसान की सरसों की फसल कटी पड़ी है जबकि कई जगह सरसों और गेंहू की पकी फसल भी खेतों में खड़ी है. ऐसे में इस समय बरसात होने से किसान को दोनों फसलों के नुकसान का डर सताने लगा है.

3 लाख 70 हजार हेक्टेयर की फसल पर खतरा
आज दोपहर बाद अचानक से मौसम का मिजाज बदलने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं. दोपहर बाद करीब 10 से 15 मिनट तक तेज बरसात होती रही. ऐसे में जिले में करीब 2 लाख 60 हेक्टेयर सरसों की फसल और करीब 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर गेंहू की पकी खड़ी फसल में नुकसान की आशंका बढ़ गई है. जिले के कुछ किसानों ने सरसों की फसल उठा ली है, जबकि कुछ के खेतों में सरसों कटी हुई पड़ी है. अधिकतर किसानों की सरसों और गेहूं की फसल अभी भी खेतों में पकी खड़ी है. इससे सरसों के झड़ने और पकी गेंहू की फसल के गिरकर खराब होने का डर बढ़ गया है.

पढ़ें. धौलपुर में बिगड़ा मौसम का मिजाज, ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की बढ़ी चिंता...रबी की फसल को नुकसान

इस बार मौसम पहले ही किसानों को नुकसान पहुंचा चुका है. दिसंबर में जिले भर में करीब 1 सप्ताह तक पाला पड़ा था, जिसकी वजह से सरसों और गेहूं की फसल की पैदावार पर असर देखने को मिल रहा है. पाले की वजह से सरसों की पैदावार घटी है. वहीं गेंहू की पैदावार भी हल्की रही है. गत सप्ताह जिले के बयाना क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई थी.

भरतपुर. जिले के किसानों को पाले के बाद अब बरसात की वजह से नुकसान उठाना पड़ सकता है. मंगलवार को दोपहर बाद अचानक से मौसम ने करवट बदली और बदल उमड़ने लगे. शाम होते-होते तेज हवा के साथ बरसात होने लगी. करीब 10 से 15 मिनट तक जिले के विभिन्न इलाकों में तेज बारिश होती रही. उधर, खेतों में किसान की सरसों की फसल कटी पड़ी है जबकि कई जगह सरसों और गेंहू की पकी फसल भी खेतों में खड़ी है. ऐसे में इस समय बरसात होने से किसान को दोनों फसलों के नुकसान का डर सताने लगा है.

3 लाख 70 हजार हेक्टेयर की फसल पर खतरा
आज दोपहर बाद अचानक से मौसम का मिजाज बदलने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं. दोपहर बाद करीब 10 से 15 मिनट तक तेज बरसात होती रही. ऐसे में जिले में करीब 2 लाख 60 हेक्टेयर सरसों की फसल और करीब 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर गेंहू की पकी खड़ी फसल में नुकसान की आशंका बढ़ गई है. जिले के कुछ किसानों ने सरसों की फसल उठा ली है, जबकि कुछ के खेतों में सरसों कटी हुई पड़ी है. अधिकतर किसानों की सरसों और गेहूं की फसल अभी भी खेतों में पकी खड़ी है. इससे सरसों के झड़ने और पकी गेंहू की फसल के गिरकर खराब होने का डर बढ़ गया है.

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इस बार मौसम पहले ही किसानों को नुकसान पहुंचा चुका है. दिसंबर में जिले भर में करीब 1 सप्ताह तक पाला पड़ा था, जिसकी वजह से सरसों और गेहूं की फसल की पैदावार पर असर देखने को मिल रहा है. पाले की वजह से सरसों की पैदावार घटी है. वहीं गेंहू की पैदावार भी हल्की रही है. गत सप्ताह जिले के बयाना क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई थी.

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