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पाकिस्तान के एक अनोखे टैंक की कहानी...जो आज भरतपुर में सैलानियों के लिए चर्चा का विषय है - भरतपुर

भरतपुर के गोवर्धन गेट की शान और भारतीय फौज की बहादुरी को गौरवान्वित कर रही है. गोवर्धन गेट चौराहे पर पाकिस्तान का वह टैंक रखा हुआ है जो टैंक अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ लड़ने के लिए दिया था.

भरतपुर में पाकिस्तानी टैंक
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Published : Mar 1, 2019, 9:05 PM IST

भरतपुर. भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 मे हुए युद्ध की एक निशानी आज भी भरतपुर के गोवर्धन गेट की शान औरभारतीय फौज की बहादुरी को गौरवान्वित कर रही है. गोवर्धन गेट चौराहे पर पाकिस्तान का वह टैंक रखा हुआ है जो टैंक अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत से लड़ने के लिए दिया था.

दरअसल बात करीब पांच दशक पहले की है जब बांग्लादेश,पूर्वी पाकिस्तान कहलाया करता था और पाकिस्तान का एक हिस्सा हुआ करता था. लेकिन पाकिस्तान के अत्याचारों के कारण भारत ने मुक्तिवाहिनी का प्रयोग करते हुए अलग देश स्वतंत्र बांग्लादेश का निर्माण किया. इसके लिए भारत को युद्ध की कीमत चुकानी पड़ी तो पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी. पाकिस्तान के साथ इसी युद्ध के दौरान पाकिस्तानको हराने के बाद भारत के वीर जवान पाकिस्तान के एकटैंक को अपने साथ भारत ले आए.

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भरतपुर के लोगों के अनुसार अमेरिका ने इस टैंक को पाकिस्तान को देते समय बताया था कि यह टैंक ऐसा है कि इस टैंक पर किसी भी मिसाइल, बमका असर नहीं हो सकता लेकिन भारतीय फौज के जवानों ने इस पाकिस्तानी टैंक को खाई खोद कर अपनी छाती पर बम रखकरध्वस्त किया. जिससे पाकिस्तान के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया गया. और अपने वीर जवानों के रण कौशल के बलबूते भारत ने विजय श्री प्राप्त की. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भरतपुर के 3 वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे और उनकी शहादत को सलाम करते हुए देश के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान का यह टैंक अवॉर्ड और यादगार बनाने के लिए भरतपुर को दिया जो आज भीभरतपुर के गोवर्धन गेट सर्किल की शान बढ़ा रहा है.

भरतपुर. भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 मे हुए युद्ध की एक निशानी आज भी भरतपुर के गोवर्धन गेट की शान औरभारतीय फौज की बहादुरी को गौरवान्वित कर रही है. गोवर्धन गेट चौराहे पर पाकिस्तान का वह टैंक रखा हुआ है जो टैंक अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत से लड़ने के लिए दिया था.

दरअसल बात करीब पांच दशक पहले की है जब बांग्लादेश,पूर्वी पाकिस्तान कहलाया करता था और पाकिस्तान का एक हिस्सा हुआ करता था. लेकिन पाकिस्तान के अत्याचारों के कारण भारत ने मुक्तिवाहिनी का प्रयोग करते हुए अलग देश स्वतंत्र बांग्लादेश का निर्माण किया. इसके लिए भारत को युद्ध की कीमत चुकानी पड़ी तो पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी. पाकिस्तान के साथ इसी युद्ध के दौरान पाकिस्तानको हराने के बाद भारत के वीर जवान पाकिस्तान के एकटैंक को अपने साथ भारत ले आए.

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भरतपुर के लोगों के अनुसार अमेरिका ने इस टैंक को पाकिस्तान को देते समय बताया था कि यह टैंक ऐसा है कि इस टैंक पर किसी भी मिसाइल, बमका असर नहीं हो सकता लेकिन भारतीय फौज के जवानों ने इस पाकिस्तानी टैंक को खाई खोद कर अपनी छाती पर बम रखकरध्वस्त किया. जिससे पाकिस्तान के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया गया. और अपने वीर जवानों के रण कौशल के बलबूते भारत ने विजय श्री प्राप्त की. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भरतपुर के 3 वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे और उनकी शहादत को सलाम करते हुए देश के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान का यह टैंक अवॉर्ड और यादगार बनाने के लिए भरतपुर को दिया जो आज भीभरतपुर के गोवर्धन गेट सर्किल की शान बढ़ा रहा है.

Intro:भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 मे हुए युद्ध की एक निशानी आज भी भरतपुर के गोवर्धन गेट की शान व भारतीय फौज की बहादुरी को बढ़ा रही है गोवर्धन गेट चौराहे पर पाकिस्तान का वह टैंक रखा हुआ है जो टैंक अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत से लड़ने के लिए दिया था लेकिन पाकिस्तान को हराने के बाद भारत के वीर जवान पाकिस्तान के इस टैंक को अपने साथ भारत ले आए भरतपुर के जाने-माने लोगों के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान को इस टैंक को देते समय बताया था कि यह टैंक ऐसा है कि इस टैंक पर किसी भी मिसाइल, बम्ब का असर नहीं हो सकता लेकिन भारतीय फौज के जवानों ने इस पाकिस्तानी टैंक को खाई खोद अपनी छाती पर बम रखते ध्वस्त किया पाकिस्तान के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को भारत ने अपने वीर जवानों के रण कौशल के बलबूते विजय श्री प्राप्त की और पाकिस्तान के लगभग 90000 सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भरतपुर के 3 वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे और उनकी शहादत को सलाम करते हुए देश के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान का यह टैंक अवॉर्ड और यादगार बनाने के लिए भरतपुर को दिया जो आज यह टैंक भरतपुर के गोवर्धन गेट सर्किल की शान बढ़ा रहा है और देश विदेश से आने वाले सैलानी टैंक को देखकर भारत के जवानों की शहादत और वीरता को सलाम करते हैं 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच हुआ युद्ध वही है जिसमें पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे जिसे बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है
बाइट- एक्स आर्मी मेन
पीटीसी गौरव माथुर


Body:वीरता की निशानी गोवर्धन गेट पर


Conclusion:
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