भरतपुर. दिनदहाड़े पुलिस कस्टडी में कुलदीप जघीना को गोली मारने वाले दो और आरोपियों को भरतपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा से दबोच लिया है. हत्याकांड में कुल 13 हमलावर थे, जिनमें से पुलिस अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि 4 आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है.
भरतपुर पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर बताया कि कुलदीप जघीना हत्याकांड में कुल 13 हमलावर थे, जिनमें से 4 हमलावरों को (सौरभ, विष्णु, बबलू और धर्मराज) घटना के दिन ही पकड़ लिया गया था. उसके बाद शुक्रवार को भरतपुर पुलिस टीम ने लखनपुर के लुलहारा निवासी दो और हमलावर कुलदीप व अमनदीप को उत्तर प्रदेश के आगरा से दबोच लिया है.
इनाम घोषितः एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि आमोली टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज में 4 और आरोपियों की पहचान हुई है. इनमें जघीना निवासी पंकज, मालीपुरा निवासी लोकेंद्र उर्फ लोकी, भरतपुर निवासी रॉबिन और पपरेरा निवासी देवेंद्र शामिल है. इन चारों आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है. साथ ही दो अज्ञात बाइक सवार भी सीसीटीवी में नजर आए हैं, जिनकी पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
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11 पुलिसकर्मी लेकिन फिर भी जवाबी फायर नहींः एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि भरतपुर पेशी पर लाए जा रहे कुलदीप जघीना और विजयपाल के साथ बस में कुल 7 सशस्त्र पुलिसकर्मी मौजूद थे. इसके अलावा बस के साथ हलैना थाना पुलिस की एक एस्कॉर्ट गाड़ी भी साथ चल रही थी, जिसमें ड्राइवर समेत कुल 4 सशस्त्र पुलिसकर्मी मौजूद थे. हमलावरों ने बस में घुसकर और बस के बाहर से फायरिंग की थी, लेकिन पुलिस की ओर से हमलावरों पर कोई फायर नहीं किया गया. इसके पीछे मौके पर क्या हालात रहे. इसकी जांच के लिए जयपुर मुख्यालय ने अलग से एक स्पेशल टीम भी गठित की है.
पूरी प्रक्रिया के तहत ला रहे थे पेशी परः एसपी कच्छावा ने बताया कि विधिवत प्रक्रिया के तहत न्यायालय की ओर से वारंट जारी होता है और उसके बाद जेल विभाग संबंधित पुलिस लाइन से जाब्ता मांग कर मुलजिमों को पेशी पर भेजता है. उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश पर ही वारंट जारी हुआ था और उसे जेल विभाग को भेजा गया था. दो हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है. परिजनों की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में एक पुलिस कांस्टेबल का नाम शामिल किया गया है. यदि जांच में कांस्टेबल की भूमिका साबित हुई, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह था घटनाक्रम: 12 जुलाई को कृपाल जघीना हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप जघीना और विजयपाल को जयपुर जेल से रोडवेज बस में पेशी के लिए भरतपुर लाया जा रहा था. आमोली टोल प्लाजा पर सुबह 11.55 बजे जैसे ही रोडवेज बस रुकी, उसमें करीब 8-10 हथियारबंद हमलावर घुस गए और कुलदीप, विजयपाल व पुलिस पर फायरिंग कर दी. कुछ बदमाश बस के बाहर से भी फायरिंग कर रहे थे. हमले में मुलजिम कुलदीप जघीना की मौत हो गई, जबकि विजयपाल घायल हो गया- दो यात्रियों को भी गोली लगी. पुलिस ने पीछा कर चार आरोपियों को अलग-अलग जगह से पकड़ लिया था.