भरतपुर. देश को सामरिक दृष्टि से मजबूती प्रदान करने के लिए अब भारत सरकार देश के सरहदी गांव और जिलों को विकसित करने में जुटी है. बीते 5 साल में राजस्थान समेत 13 राज्यों के सरहदी जिलों में सेना की प्राथमिकता के आधार पर तमाम विकास कार्य कराए गए (Development work in boarder areas) हैं. जिनमें सरहदी क्षेत्रों में हजारों किलोमीटर लंबा सड़कों का जाल फैला दिया है, जिसका सीधे तौर पर स्थानीय लोगों के साथ ही देश की सेना को भी सामरिक लाभ मिल सकेगा. इतना ही नहीं इन सरहदी जिलों में कई योजनाओं के तहत कई विकास कार्य प्रस्तावित हैं.
13 राज्यों में साढ़े 13 हजार किमी सड़क: रक्षा मंत्रालय ने एक पंचवर्षीय दीर्घकालिक रॉल ओवर कार्ययोजना के तहत सेना की प्राथमिकताओं के आधार पर सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण कराया जा रहा है. यह कार्य सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा कराया जा रहा है. बीते 5 साल में राजस्थान समेत 13 राज्यों में 13,525 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कराया है.
किस राज्य में कितनी लंबी सड़क बनाई:
- राजस्थान में 884 किमी
- पंजाब 250 किमी
- अरुणाचल प्रदेश 3097 किमी
- मिजोरम में 590 किमी
- मणिपुर 492 किमी
- नागालैंड 251 किमी
- सिक्किम 664 किमी
- पश्चिम बंगाल 64किमी
- उत्तराखंड 947 किमी
- हिमाचल प्रदेश 739 किमी
- लद्दाख 3140 किमी
- जम्मू कश्मीर 2382किमी
- अंडमान निकोबार 24 किमी
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18 राज्य/संघ के 117 जिलों में विकास:
रक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान समेत 16 राज्य और दो संघ राज्य क्षेत्रों के 117 सीमावर्ती जिलों में सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम चल रहा है. इन जिलों की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पहली रिहाइश/गांव/कस्बा से 0 से 10 किमी क्षेत्र में स्थित गांव, कस्बा में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से स्थानीय लोगों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. बीते 5 साल के दौरान 117 जिलों के ऐसे क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र की ओर से 2975.22 करोड़ का बजट जारी किया जा चुका है.
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नई परियोजनाएं शुरू: इतना ही नहीं देशभर में करीब 75 और नई परियोजनाएं अक्टूबर 2022 में ही शुरू की गई हैं, जिनका कार्य शुरू कर दिया गया है. राजस्थान में 6 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इनमें श्री मोहनगढ़ हदा ब्रिज, शेत्रवा से देवीकोट तक 118 किमी सड़क, बाड़मेर से केलनोर तक 64.35 किमी, रनौतर पॉइंट 26.72 किमी, मोटालाई-खियाना 22.25 किमी परियोजनाएं शामिल हैं.
ऐसे मिलेगी सामरिक मजबूती: 18 राज्यों के 117 जिलों में मूलभूत विकास और 13 राज्यों में मजबूत सड़क निर्माण से स्थानीय निवासियों के साथ ही सेना और अर्धसैनिक बलों को काफी मदद मिलेगी. सेना/अर्धसैनिक बलों को मूवमेंट में सुविधा और आसानी रहेगी. आपातकालीन हालात में इसका सबसे बड़ा लाभ मिलेगा. वहीं स्थानीय क्षेत्रों में विकास कार्य से सेना और स्थानीय लोगों में आपसी जुड़ाव और सहयोग बढ़ेगा.