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बाड़मेरः कलेक्टर के निर्देश के बाद भी नहीं लगे शिशु वार्ड की खिड़कियों में शीशे

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Published : Jan 6, 2020, 11:04 PM IST

बाड़मेर में गत दिनों जिला कलेक्टर अंशदीप ने जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया की शिशु वार्ड में लगी खिड़कियों में जल्द से जल्द शीशों लगवाए जाए, लेकिन अभी तक वार्ड की हालत जस की तस बनी हुई है.

बाड़मेर जिला कलेक्टर अंशदीप,  Barmer news
जिला अस्पताल के शिशु वार्ड की खिड़कियों में नहीं लगे शीशे

बाड़मेर. जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र के शिशु वार्ड में खिड़कियों के शीशे टूटे होने की वजह से बीमार मासूम बच्चे सर्दी की वजह से और ज्यादा बीमार हो रहे हैं. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद जिला कलेक्टर अंशदीप ने शनिवार सुबह औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और उस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन को शिशु वार्ड की खिड़कियों में टूटे शीशे को ठीक करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कलेक्टर के निर्देशों के बावजूद भी जिला अस्पताल के शिशु वार्ड की हालात जस के तस बनी हुई है.

जिला अस्पताल के शिशु वार्ड की खिड़कियों में नहीं लगे शीशे

पढ़ेंः कोटा में बच्चों की मौत शर्मनाक, नेता अखबार में छपने के लिए जा रहे अस्पताल: हनुमान बेनीवाल

अस्पताल में भर्ती हुए एक शिशु की मां ने बताया कि खिड़कियों के शीशे नहीं होने की वजह से रात में उन्हें सर्दी में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं बच्चे भी और बीमार हो रहे हैं. वहीं इस मामले को लेकर जब अस्पताल पीएमओ डॉ. बी. एल मंसूरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल की तीसरी मंजिल पर शिशु वार्ड है. जिनकी खिड़कियों के शीशे टूटे हुए जमीन से ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से क्रेन की मदद से खिड़कियों के शीशे ठीक करने का कार्य किया जाएगा. जिसके लिए क्रेन के लिए स्पेशल टोली बनाई जा रही है. जिसकी मदद से अस्पताल की तीसरी मंजिल की खिड़कियों के शीशे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा है कि शिशु वार्ड की खिड़कियों के शीशे जल्द लग जाएंगे, ताकि बच्चों को सर्दी में परेशानी का सामना नहीं नहीं पडे़गा.

बाड़मेर. जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र के शिशु वार्ड में खिड़कियों के शीशे टूटे होने की वजह से बीमार मासूम बच्चे सर्दी की वजह से और ज्यादा बीमार हो रहे हैं. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद जिला कलेक्टर अंशदीप ने शनिवार सुबह औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और उस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन को शिशु वार्ड की खिड़कियों में टूटे शीशे को ठीक करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कलेक्टर के निर्देशों के बावजूद भी जिला अस्पताल के शिशु वार्ड की हालात जस के तस बनी हुई है.

जिला अस्पताल के शिशु वार्ड की खिड़कियों में नहीं लगे शीशे

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अस्पताल में भर्ती हुए एक शिशु की मां ने बताया कि खिड़कियों के शीशे नहीं होने की वजह से रात में उन्हें सर्दी में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं बच्चे भी और बीमार हो रहे हैं. वहीं इस मामले को लेकर जब अस्पताल पीएमओ डॉ. बी. एल मंसूरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल की तीसरी मंजिल पर शिशु वार्ड है. जिनकी खिड़कियों के शीशे टूटे हुए जमीन से ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से क्रेन की मदद से खिड़कियों के शीशे ठीक करने का कार्य किया जाएगा. जिसके लिए क्रेन के लिए स्पेशल टोली बनाई जा रही है. जिसकी मदद से अस्पताल की तीसरी मंजिल की खिड़कियों के शीशे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा है कि शिशु वार्ड की खिड़कियों के शीशे जल्द लग जाएंगे, ताकि बच्चों को सर्दी में परेशानी का सामना नहीं नहीं पडे़गा.

Intro:बाड़मेर

जिला कलेक्टर के निर्देशों के बाद भी शिशु वार्ड की खिड़कियों में नहीं लगे शीशे, पीएमओ बोले आज ही लग जायेगे शीशे

बाड़मेर जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र के शिशु वार्ड में खिड़कियों के शीशे टूटे होने की वजह से बीमार मासूम बच्चे सर्दी की वजह से और ज्यादा बीमार हो रहे हैं इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद जिला कलेक्टर अंशदीप ने शनिवार सुबह औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और उस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि शिशु वार्ड की खिड़कियों में टूटे शीशे आज और रविवार दोपहर तक ठीक करने के निर्देश दिए थे कलेक्टर के निर्देशों के बावजूद भी जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु अस्पताल के शिशु वार्ड के हालात जस के तस हैं शिशु वार्ड की खिड़कियों में शीशे टूटे होने की वजह से मासूमों और उनके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिला कलेक्टर के निर्देशों के बावजूद भी शिशु वार्ड की खिड़कियां के हालात आज तक वैसे के वैसे हैं जिसकी वजह से इस सर्दी में मासूम और उनके परिजनों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है


Body:रविवार को अस्पताल में भर्ती हुए एक शिशु की मा ने बताया कि खिड़कियों के शीशे नहीं होने की वजह से रात में उन्हें सर्दी में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा उन्होंने बताया कि बच्चे और बीमार हो रहे हैं उन्होंने कहा कि ओढ़ने के लिए एक कंबल दिया गया जो इस कड़ाके की सर्दी में ना के बराबर था उन्होंने कहा कि अगर खिड़कियों मे शीशे लगे हुए होते तो शायद उन्हें और उनके मासूम बच्चे को सर्दी से सामना नहीं करना पड़ता


Conclusion:वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब अस्पताल पीएमओ डॉ बी एल मंसूरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल की तीसरी मंजिल पर शिशु वार्ड है जिनकी खिड़कियों के शीशे टूटे हुए जमीन से ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से क्रेन की मदद से खिड़कियों के शीशे ठीक करने का कार्य किया जाएगा जिसके लिए क्रेन के लिए स्पेशल टोली बनाई जा रही है जिसकी मदद से अस्पताल की तीसरी मंजिल की खिड़कियों के शीशे लगाए जाएंगे उन्होंने कहा है कि आज ही शिशु वार्ड की खिड़कियों के शीशे लग जाएंगे ताकि बच्चों को सर्दी में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े अब देखने वाली बात ये होगी कि कब तक शिशु वार्ड की खिड़कियों के टूटे शीशे कब तक ठीक होंगे और कब जाकर इन मासूमों को इस सर्दी से राहत मिलेगी फिलहाल सब अपने-अपने दावे करते नजर आ रहे हैं मगर फिलहाल हालात जस के तस हैं

बाईट- अंशदीप, जिला कलेक्टर, बाड़मेर
बाईट- सबीना -शिशु परिजन
बाईट- डॉ बी एल मंसूरिया, पीएमओ, राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर
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