बाड़मेर. कोरोना महामारी की वजह से राजस्थान में करीब 1 महीने से लॉकडाउन है. जिसके चलते गरीब दिहाडी मजदूरों पर रोजी रोटी का संकट आ गया है. जिसके चलते लोग अपना काम धंधा बदलकर रोटी रोजी का जुगाड़ करते नजर आ रहे हैं. आप तस्वीरों में देख रहे होंगे कि एक महिला ठेले पर प्याज बेचती नजर आ रही है. ये तस्वीरें बाड़मेर की है. यहां पर यह महिला ठेले पर प्याज बेचकर अपने परिवार का गुजर-बसर करने की कोशिश में जुटी हुई है.
दरअसल, ये महिला लोहार समुदाय से है और लॉकडाउन से पहले 55 साल की चंपा देवी राजकीय अस्पताल के आगे बैठकर लोहे के छोटे छोटे औजार बनाकर बेचती थी. जिससे वह अपना और अपने परिवार का गुजर-बसर कर लेती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह काम बंद करना पड़ गया और लॉकडाउन को भी करीब 1 महीना होने को है.
ऐसे में परिवार का गुजर-बसर करना अब मुश्किल हो गया है. तो इस महिला ने एक प्याज का कट्टा सब्जी मंडी से खरीदा. जिसे वो अपने ठेले पर लेकर गली मोहल्ले में जाकर बेचती है और उससे अपने परिवार का गुजारा करने की कोशिश में जुटी हुई है.
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55 साल की महिला चम्पादेवी अपनी दास्तां बताते हुए कहती है कि मजबूरन उसे ठेला लगाना पड़ता है, क्योंकि पहले अस्पताल के आगे छोटे-बड़े लोहे के औजार बनाकर बेचती थी. जिससे परिवार का गुजर बसर हो जाता था, लेकिन अब लॉकडाउन के कारण उस काम को बंद करना पड़ गया और घर में खाने पीने की भी दिक्कत है. लिहाजा वो ठेला लगाकर अपने परिवार का गुजारा चलाना चाहती है, लेकिन वह दुख मन से कहती है कि 55 साल के इतिहास में इतने बुरे दिन नहीं देखें जितने अभी देख रही हैं घर में और कोई कमाने वाला नहीं है. जिसके कारण उन्हें ही ये ठेला चलाना पड़ रहा है.
यकीनन इस तरह की तस्वीरें देखकर आप और हम अंदाजा लगा सकते हैं कि उम्र के इस पड़ाव में अगर एक महिला ठेला चलाने को मजबूर हैं तो कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन में उन गरीब दिहाडी मजदूरों की हालत बेहाल है.