बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर इन दिनों आपको कई कॉलोनी में दाल पकवान, कचोरी, मिर्ची बड़े और पकौड़ों के साथ ही चाय-कॉफी और रात होते-होते दूध भी फ्री में पीने को और खाने को मिल सकता है. क्योंकि नगर निकाय चुनाव में जो प्रत्याशी मैदान में है वह अपने वोटर्स को रिझाने के लिए तरीके से खाने-पीने की पूरी व्यवस्था कर चुके हैं.
जिसका खाएंगे अन्न, उसका जरूर रखेंगे मन
पश्चिमी राजस्थान में कहावत बड़ी प्रसिद्ध है कि" जिसका खाएंगे अन उसका जरूर रखेंगे मन" ऐसा माना जाता है इसीलिए यहां पर जब भी चुनाव होते हैं तो इस तरीके से नेता अपने मतदाताओं को खुश करने के लिए जमकर खिलाते पिलाते हैं. कई कॉलोनियों में सुबह दाल-पकवान के साथ चाय-कॉफी का ब्रेकफास्ट शुरू हो जाता है. मतदाता एक के बाद एक आकर नाश्ता करते नजर आते है. वहीं शाम होते-होते पकौड़ों के साथ केसर का दूध भी कई जगहों पर फ्री में मिल जाएगा.
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आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां
यह सब कुछ सबसे बड़ी बात है कि जिला मुख्यालय पर प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है. इसके बावजूद भी कोई भी इनको रोकने को तैयार नहीं है. जो खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ रहा हैं. लेकिन कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इस तरीके से मतदाताओं को रिझाना लोकतंत्र में के लिए कितना सही है.
बाड़मेर में कुल 149 प्रत्याशी मैदान में
वर्तमान में नगर निकाय चुनाव में बाड़मेर में कुल 149 प्रत्याशी मैदान में है. जिसमें बताया जा रहा है कि 53 प्रत्याशी बीजेपी से है तो वहीं कांग्रेस के 52 प्रत्याशी है तो बसपा के दो प्रत्याशी है. इनके अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या करीबन 40 बताई जा रही है. इस बार सियासी मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है. क्योंकि इससे पहले चुनावों में बाड़मेर में महज 40 वार्ड होते थे. लेकिन इस बार 15 वार्ड नए जुड़ गए हैं. जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस को भी खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उसका सबसे बड़ा कारण है कि 20 वार्ड ऐसे हैं जहां पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की चिंता बढ़ा रखी है. वहीं आपको बता दें कि 16 नवंबर को निकाय चुनावों के लिए मतदान होगा, तो 19 नवंबर को मतगणना की जाएगी.