बाड़मेरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें कृषि के क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए गए. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने इन फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे देश में एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है, इसका उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दी जा सके, उनकी उत्पादकता बढ़े इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था, इसमें हम संशोधन करने जा रहे हैं.
कैलाश चौधरी ने कहा कि अब बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति और किसान पृष्ठभूमि का होगा और जो फील्ड की गतिविधियों को ठीक प्रकार से समझ सके, इसके लिए केंद्र सरकार जिन चार सदस्यों को नॉमिनेट करती है, उनकी सदस्य संख्या बढ़ाकर अब 6 कर दी गई है और अब आंध्र प्रदेश और गुजरात भी इसमें सदस्य होंगे.
यह भी पढ़ेंः विशेषः गहलोत को चौतरफा घेरने की तैयारी...पश्चिमी राजस्थान पर प्रधानमंत्री मोदी का फोकस
नवगठित मोदी सरकार 2.0 में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री के रूप में बरकरार रखे गए कैलाश चौधरी ने खेती किसानी के हित में लिए गए केंद्र सरकार के नए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए किसान आंदोलन को लेकर कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मैं भी सभी किसान संगठनों के नेताओं से कहना चाहता हूं कि वे इस आंदोलन को समाप्त करें, चर्चा का माध्यम अपनाएं, सरकार चर्चा के लिए तैयार है. वे कृषि कानूनों को निरस्त करने के अतिरिक्त कोई भी प्रस्ताव लेकर आएं, हम बात करने के लिए तैयार हैं.
कैलाश चौधरी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि किसान समृद्ध हो, खेती आगे बढ़े, मुनाफे की खेती हो, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हों और किसान को सरकार की ओर से अधिकाधिक सुविधाएं दी जा सकें. कृषि सुधार कानून भी इसी दिशा में भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने बताया कि एपीएमसी समाप्त नहीं होगी, यह और सशक्त हो और किसानों के लिए उपयोगी हो, यह मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है.