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दीपावली पर शहीदों के लिए एक दीया जलाकर उनकी शहादत को करें नमन : कैलाश चौधरी - कैलाश चौधरी ने शहीद को दी श्रद्धांजलि

बाड़मेर के बायतू में रविवार को शहीद प्रेम सिंह सारण की शहादत को याद करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की सेवा में जी जान लगाने वाले सैनिकों और शहीदों के लिए एक दीया जलाकर उनकी शहादत को नमन करें.

कैलाश चौधरी ने शहीद को दी श्रद्धांजलि, Kailash Chaudhary paid tribute to martyr
कैलाश चौधरी ने शहीद को दी श्रद्धांजलि
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Published : Nov 8, 2020, 8:38 PM IST

बायतु (बाड़मेर). क्षेत्र में शहीद प्रेम सिंह सारण की शहादत को चार वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी सहित हजारों लोगों ने नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. केंद्रीय मंत्री चौधरी ने शहीद की पुण्यतिथि पर आयोजित मैराथन दौड़ में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया. साथ ही इस दौरान विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि चार वर्ष पहले दुश्मनों से लोहा लेते शहीद प्रेम सिंह सारण ने अपने जिले और गांव का नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित कर दिया है. चौधरी ने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों में देश भक्ति की भावना जागृत होती है. सभी व्यक्ति का अपने देश के प्रति दायित्व होता है. देश के जवान किसी भी परिस्थिति से मुकाबला करने के लिए हमेशा तैयार रहते है.

पढे़ंः गुर्जर आरक्षण आंदोलन: विजय बैंसला का बयान, 9 नवंबर से तेज करेंगे आंदोलन

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि शहीदों और उनके परिवारों को नमन करना हमारे लिए गौरव की बात है. सीमा पर तैनात जवान अपनी और अपने परिवारों की चिंता किए बिना ही दुश्मनों से लोहा लेते हैं. चाहे दुश्मन कितना भी ताकतवर और खतरनाक क्यों ना हो, लेकिन भारतीय जांबाज उन्हें घुटनों पर झुकने पर मजबूर कर देते हैं. देश की सेवा में कितने जवान शहीद हो जाते हैं. हमें उन शहीदों पर गर्व करना चाहिए.

वहीं उन शहीदों के परिवार भी समाज में सम्मान के पात्र हैं. जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना बेटा कुर्बान कर दिया. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भारतीय सीमाओं पर परिस्थितियां ठीक नहीं हैं. पाकिस्तान की तरफ से हर रोज गोलीबारी की जा रही है. ऐसे में सैनिकों के साथ खड़े रहकर हम लड़ तो नहीं सकते हैं, लेकिन उनका मनोबल जरूर बढ़ा सकते हैं. हमें अपने बच्चों को उन वीर शहीदों के बार में बताना चाहिए, जिन्होंने कारगिल सहित अन्य युद्धों में अपनी जान देकर देश का नाम रोशन कर दिया.

यह हमारा कर्तव्य है कि देश की सेवा में जी जान लगाने वाले सैनिकों और शहीदों के लिए एक दीया जलाकर उनकी शहादत को नमन करें. हमें दीपावली पर दीया जलाकर देश के प्रति हमारे कर्तव्यों का संकल्प भी लेना चाहिए. यही शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

शहीदों के बेटे बेटियों को मिल रही है स्कॉलरशिप...

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली बैठक में सबसे पहला फैसला शहीद परिवारों के लिए लिया गया था. इस फैसले के तहत शहीदों के बच्चों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप बढ़ा दी गई है. नई स्कीम के तहत अब शहीद सैनिक के बेटों को 25 सौ रुपये और बेटियों को 3 हजार रुपये स्कॉलरशिप दी जा रही है. इस स्कीम में अब आतंकवादियों और नक्सली हमले में शहीद हुए राज्य पुलिस के जवानों और अधिकारियों के बच्चों को भी स्कॉलरशिप दी जा रही है.

पढे़ंः करौली: गुर्जर आरक्षण आंदोलन 8वें दिन भी जारी, मंत्री अशोक चांदना ने कर्नल बैंसला को दिया वार्ता का न्योता

मोदी सरकार लाए वन रैंक वन पेंशन...

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से वन रैंक वन पेंशन पूर्व सैनिकों की बेहतरी की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम है. पांच साल पहले लाई गई इस स्कीम का सैनिक दशकों से इंतजार कर रहे थे. साल 2014 में सत्ता में आते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी.

पूर्व सैन्यकर्मी करीब पांच दशक से वन रैंक वन पेंशन के कार्यान्वयन की मांग के लिए आंदोलन करते आ रहे थे. पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिलती थी. इसमें से कई तो ऐसे थे कि उन्हें अपने से छोटे अफसर से भी कम पेंशन मिलती थी. इसे लेकर रिटायर सैनिकों में काफी आक्रोश था, लेकिन वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित किया गया है.

बायतु (बाड़मेर). क्षेत्र में शहीद प्रेम सिंह सारण की शहादत को चार वर्ष पूर्ण होने पर रविवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी सहित हजारों लोगों ने नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. केंद्रीय मंत्री चौधरी ने शहीद की पुण्यतिथि पर आयोजित मैराथन दौड़ में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया. साथ ही इस दौरान विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि चार वर्ष पहले दुश्मनों से लोहा लेते शहीद प्रेम सिंह सारण ने अपने जिले और गांव का नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित कर दिया है. चौधरी ने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों में देश भक्ति की भावना जागृत होती है. सभी व्यक्ति का अपने देश के प्रति दायित्व होता है. देश के जवान किसी भी परिस्थिति से मुकाबला करने के लिए हमेशा तैयार रहते है.

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कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि शहीदों और उनके परिवारों को नमन करना हमारे लिए गौरव की बात है. सीमा पर तैनात जवान अपनी और अपने परिवारों की चिंता किए बिना ही दुश्मनों से लोहा लेते हैं. चाहे दुश्मन कितना भी ताकतवर और खतरनाक क्यों ना हो, लेकिन भारतीय जांबाज उन्हें घुटनों पर झुकने पर मजबूर कर देते हैं. देश की सेवा में कितने जवान शहीद हो जाते हैं. हमें उन शहीदों पर गर्व करना चाहिए.

वहीं उन शहीदों के परिवार भी समाज में सम्मान के पात्र हैं. जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना बेटा कुर्बान कर दिया. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि भारतीय सीमाओं पर परिस्थितियां ठीक नहीं हैं. पाकिस्तान की तरफ से हर रोज गोलीबारी की जा रही है. ऐसे में सैनिकों के साथ खड़े रहकर हम लड़ तो नहीं सकते हैं, लेकिन उनका मनोबल जरूर बढ़ा सकते हैं. हमें अपने बच्चों को उन वीर शहीदों के बार में बताना चाहिए, जिन्होंने कारगिल सहित अन्य युद्धों में अपनी जान देकर देश का नाम रोशन कर दिया.

यह हमारा कर्तव्य है कि देश की सेवा में जी जान लगाने वाले सैनिकों और शहीदों के लिए एक दीया जलाकर उनकी शहादत को नमन करें. हमें दीपावली पर दीया जलाकर देश के प्रति हमारे कर्तव्यों का संकल्प भी लेना चाहिए. यही शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

शहीदों के बेटे बेटियों को मिल रही है स्कॉलरशिप...

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली बैठक में सबसे पहला फैसला शहीद परिवारों के लिए लिया गया था. इस फैसले के तहत शहीदों के बच्चों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप बढ़ा दी गई है. नई स्कीम के तहत अब शहीद सैनिक के बेटों को 25 सौ रुपये और बेटियों को 3 हजार रुपये स्कॉलरशिप दी जा रही है. इस स्कीम में अब आतंकवादियों और नक्सली हमले में शहीद हुए राज्य पुलिस के जवानों और अधिकारियों के बच्चों को भी स्कॉलरशिप दी जा रही है.

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मोदी सरकार लाए वन रैंक वन पेंशन...

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से वन रैंक वन पेंशन पूर्व सैनिकों की बेहतरी की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम है. पांच साल पहले लाई गई इस स्कीम का सैनिक दशकों से इंतजार कर रहे थे. साल 2014 में सत्ता में आते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी.

पूर्व सैन्यकर्मी करीब पांच दशक से वन रैंक वन पेंशन के कार्यान्वयन की मांग के लिए आंदोलन करते आ रहे थे. पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिलती थी. इसमें से कई तो ऐसे थे कि उन्हें अपने से छोटे अफसर से भी कम पेंशन मिलती थी. इसे लेकर रिटायर सैनिकों में काफी आक्रोश था, लेकिन वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित किया गया है.

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