बाड़मेर. जिले में अल्पसंख्यक युवक के साथ हुई बर्बरता के मामले को लेकर ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और इस पूरे मामले में अब तक तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, पीड़ित का मेडिकल और उसके बयान पुलिस ने दर्ज कर लिए हैं, लेकिन इस पूरे मामले को लेकर पीड़ित युवक से अब तक किसी तरह से हमारा संपर्क नहीं हो पाया था. पूरे मामले की वास्तविक स्थिति जानने को लेकर बाड़मेर जिला मुख्यालय से करीबन 35 किलोमीटर दूर स्थित पीड़ित युवक के गांव पहुंचकर पीड़ित युवक से हुए घटनाक्रम को लेकर उसके साथ विस्तार पूर्वक बातचीत की.
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पीड़ित युवक ने बताया कि 29 तारीख को मैं पेट्रोल पंप के पास खड़ा था कि तब ही नामजद आरोपी आए और मेरी बाइक की चाबी निकाल ली और मुझे पकड़कर एक होटल में ले गए. जहां पर उन्होंने मेरे कपड़े उतार कर मेरे साथ बुरी तरह से मारपीट की और मेरे गुप्तांग में लोहे की रॉड डाली और उसके बाद मुझे कपड़े पहनाकर मुझे डराया धमकाया और कहा जो बोले वह बोलना फिर वीडियो बनाया और वीडियो में मेरे साथ मारपीट की.
उस दौरान उन्होंने मोबाइल चोरी का आरोप लगाया. उसके बाद उन्होंने मेरे जेब से 4800 रुपये निकाले और मेरे धर्म विरुद्ध मुझे शराब पिलाई और उसके बाद उन्होंने मुझे छोड़ दिया और 4 किलोमीटर तक मेरा पीछा किया फिर मैं बड़ी मुश्किल से अपने घर पहुंचा और रात को उन आरोपियों ने मुझे कॉल किया और कहा कि 5 हजार रुपए का खर्चा करो नहीं तो वीडियो वायरल कर देंगे और जहां मिलोगे वहां पिटाई करेंगे और अगर वीडियो के बारे में किसी को बताया तो तुझे जान से मार देंगे.
दूसरे दिन आरोपियों के सहयोगी मुझे बहला-फुसलाकर फिर ले गए और मेरे से 16 सौ रुपए का खर्चा करवाया और 14 सौ रुपए आरोपियों ने मेरे जेब से निकाल कर ले लिए. उनके डर से यह पूरा घटनाक्रम मैंने किसी को नहीं बताया. इस बीच उसने बताया कि उसे विशाला गांव में पुलिस चौकी में उसे ले जाया गया जहां पर उसका नाम, पिता का नाम लिखकर करीबन आधे घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया और उसके बाद मैं गाड़ी भरकर जयपुर आ गया और यहां पर 10 दिन मैंने मेडिकल पर दवा लेकर अपना इलाज करवाया और यह वीडियो वायरल 19 या 20 तारीख को वायरल हुआ. उसके बाद मेरे भाई का फोन आया और मुझसे पूछा लेकिन मैंने कुछ भी नहीं बताया तो उसने बताया कि यह वीडियो सब के फोन में आ गया है. तब मैंने पूरा घटनाक्रम बताया इस पर मेरे भाई ने ग्रामीण थाने में मामला दर्ज करवाया.
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वहीं, पुलिस मुझे अजमेर के मंगलियावास से बाड़मेर लेकर आई और बायतु थाने में बड़े-बड़े अधिकारियों ने मुझसे पूछताछ की और उसके बाद बाड़मेर ग्रामीण थाने में मेरे साथ पूछताछ की गई. इस दौरान राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन भी आए. उन्होंने भी मुझसे मेरे साथ हुए घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली.
इस पूरी घटना को लेकर पीड़ित पक्ष ने आरोपियों की सजा की मांग की है. वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील गौरव खत्री ने पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि पीड़ित को पुलिस ने जांच के नाम पर कई घंटों तक थाने में बैठा रखा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्पेशल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की जाए ताकि आरोपियों को जल्द ही सजा मिल सके.