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Save Khejri Tree: मंदिर की जमीन में राज्य वृक्ष खेजड़ी...काटने की बजाय सुरक्षित रखने का फैसला, बचाने में आएगा लाखों रुपए खर्चा

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Published : Jun 21, 2022, 7:32 PM IST

बाड़मेर में एक मंदिर निर्माण के दौरान राज्य वृक्ष खेजड़ी भूखंड के बीच में आ गया. मंदिर निर्माण संस्थान ने इस पेड़ को काटने की बजाय सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है. खेजड़ी को बचाने के लिए संस्थान ने नक्शे में बदलाव किया है जिसके चलते करीब 10 लाख रुपए का अतिरिक्त खर्चा (Lakhs of rupees spent for saving a khejri tree) होगा.

Temple map altered for saving a khejri tree in Barmer
मंदिर की जमीन में राज्य वृक्ष खेजड़ी...काटने की बजाय सुरक्षित रखने का फैसला, बचाने में आएगा लाखों रुपए खर्चा

बाड़मेर. एक तरफ जोधपुर के फलोदी में राज्य वृक्ष खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई का मामला चर्चा में है, तो वहीं दूसरी तरफ बाड़मेर में सिर्फ एक खेजड़ी के पेड़ को बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर पर्यावरण को संरक्षित करने का नायाब उदाहरण पेश किया जा रहा है. दरअसल, शहर में बने रहे एक मंदिर के भूखंड के बीच में खेजड़ी का पेड़ आ रहा है. इसे काटने की बजाय बचाने के लिए न केवल मंदिर के नक्शे में बदलाव किया गया (Temple map altered for saving a khejri tree in Barmer) है बल्कि इस कवायद में लाखों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं.

शहर के जूना किराडू मार्ग इलाके में इन दिनों श्री माता राणी भटियाणीजी चैरिटेबल संस्थान की ओर से माजीसा मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके 60×80 के भूखण्ड के बीच में राज्य वृक्ष खेजड़ी आ रहा है. ऐसे में खेजड़ी को काटने की बजाय इसे सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के नक्शे में बदलाव किया गया है. संस्थान के अध्यक्ष सरूपचन्द रणधा ने बताया कि संस्थान की ओर से मंदिर निर्माण कार्य शुरू करवाया गया है. मंदिर की जमीन पर एक खेजड़ी का बड़ा वृक्ष है जो मंदिर के बीच में आ रहा था. इस वृक्ष को बचाने के लिए हमने मंदिर के नक्शे में बदलाव करवाया और बीते 2 दिनों से इसे बचाने का कार्य किया जा रहा है.

मंदिर निर्माण संस्थान ने खेजड़ी के पेड़ को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है.

पढ़ें: खेजड़ी वृक्ष को बचाने के लिए विश्नोई समाज का ऐलान, 22 जून को जिला मुख्यालय पर करेंगे धरना प्रदर्शन

संस्थान के कोषाध्यक्ष सुरेश तेजमालता ने बताया कि करीब 20 फीट फाउंडेशन भरा जाएगा जो कि 15 फीट जमीन के अंदर और 5 फीट जमीन के बाहर होगा. इसमें जेसीबी, हटैची और क्रेन आदि मशीनरी के अलावा कई कारीगर और मजदूरों की मदद से इस खेजड़ी के वृक्ष को बचाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नक्शे में बदलाव से लेकर इस खेजड़ी के वृक्ष को बचाने के लिए तकरीबन 10 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च आएगा. लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हम कैसे भी करके इस वृक्ष को बचाएं. मंदिर निर्माण से करीब डेढ़ साल पहले से हम लोग पौधा लगाने का कार्यक्रम चला रहे हैं. हमने करीब 1500 से अधिक पौधे लगाए हैं.

पढ़ें: बीकानेर: खेजड़ी के पेड़ों को काटने पर ग्रामीणों में रोष, डीएम को सौंपा ज्ञापन

क्रेन चालक खुदाबख्श ने बताया कि इस खेजड़ी के वृक्ष को एक पोल के सहारे रस्सियों और क्रेन के जरिए बांध रखा है, ताकि यह गिरे नहीं. इससे मजदूर फाउंडेशन का काम बिना डर के कर सकेंगे. यह काम करीब 4 दिन तक चलेगा. तब तक पेड़ को ऐसे ही सपोर्ट के जरिए खड़ा रखा जाएगा.

बाड़मेर. एक तरफ जोधपुर के फलोदी में राज्य वृक्ष खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई का मामला चर्चा में है, तो वहीं दूसरी तरफ बाड़मेर में सिर्फ एक खेजड़ी के पेड़ को बचाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर पर्यावरण को संरक्षित करने का नायाब उदाहरण पेश किया जा रहा है. दरअसल, शहर में बने रहे एक मंदिर के भूखंड के बीच में खेजड़ी का पेड़ आ रहा है. इसे काटने की बजाय बचाने के लिए न केवल मंदिर के नक्शे में बदलाव किया गया (Temple map altered for saving a khejri tree in Barmer) है बल्कि इस कवायद में लाखों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं.

शहर के जूना किराडू मार्ग इलाके में इन दिनों श्री माता राणी भटियाणीजी चैरिटेबल संस्थान की ओर से माजीसा मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है. इसके 60×80 के भूखण्ड के बीच में राज्य वृक्ष खेजड़ी आ रहा है. ऐसे में खेजड़ी को काटने की बजाय इसे सुरक्षित रखने के लिए मंदिर के नक्शे में बदलाव किया गया है. संस्थान के अध्यक्ष सरूपचन्द रणधा ने बताया कि संस्थान की ओर से मंदिर निर्माण कार्य शुरू करवाया गया है. मंदिर की जमीन पर एक खेजड़ी का बड़ा वृक्ष है जो मंदिर के बीच में आ रहा था. इस वृक्ष को बचाने के लिए हमने मंदिर के नक्शे में बदलाव करवाया और बीते 2 दिनों से इसे बचाने का कार्य किया जा रहा है.

मंदिर निर्माण संस्थान ने खेजड़ी के पेड़ को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया है.

पढ़ें: खेजड़ी वृक्ष को बचाने के लिए विश्नोई समाज का ऐलान, 22 जून को जिला मुख्यालय पर करेंगे धरना प्रदर्शन

संस्थान के कोषाध्यक्ष सुरेश तेजमालता ने बताया कि करीब 20 फीट फाउंडेशन भरा जाएगा जो कि 15 फीट जमीन के अंदर और 5 फीट जमीन के बाहर होगा. इसमें जेसीबी, हटैची और क्रेन आदि मशीनरी के अलावा कई कारीगर और मजदूरों की मदद से इस खेजड़ी के वृक्ष को बचाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नक्शे में बदलाव से लेकर इस खेजड़ी के वृक्ष को बचाने के लिए तकरीबन 10 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च आएगा. लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य है कि हम कैसे भी करके इस वृक्ष को बचाएं. मंदिर निर्माण से करीब डेढ़ साल पहले से हम लोग पौधा लगाने का कार्यक्रम चला रहे हैं. हमने करीब 1500 से अधिक पौधे लगाए हैं.

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क्रेन चालक खुदाबख्श ने बताया कि इस खेजड़ी के वृक्ष को एक पोल के सहारे रस्सियों और क्रेन के जरिए बांध रखा है, ताकि यह गिरे नहीं. इससे मजदूर फाउंडेशन का काम बिना डर के कर सकेंगे. यह काम करीब 4 दिन तक चलेगा. तब तक पेड़ को ऐसे ही सपोर्ट के जरिए खड़ा रखा जाएगा.

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