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बाड़मेर में झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार, जांच अधिकारी को प्रधान ने दी ट्रांसफर करवाने की धमकी - क्राइम इन बाड़मेर

बाड़मेर में फर्जी अस्पताल चला रहे झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया. SDM के नेतृत्व में राजस्व की टीम सोमवार को एक फर्जी अस्पताल पहुंची. जहां संचालक खुद को डॉक्टर बताते हुए लोगों का इलाज कर रहा था. SDM ने डॉक्टर से डिग्री और कागजात मांगे तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इसके बाद SDM ने अस्पताल को सीज करवा दिया. पुलिस ने झोलाछाप को गिरफ्तार कर लिया.

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झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार
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Published : May 18, 2021, 5:42 PM IST

बाड़मेर. ग्रामीण इलाके के लोग भी अब कोरोना की दूसरी लहर की चपेट से आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जिसके बाद कई मरीजों की तबीयत बिगड़ जाती है और गंभीर हालात में अस्पताल लाया जाता है. जहां उनकी मौत हो जाती, उसके बाद सरकार ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. लेकिन बाड़मेर में सरकारी अस्पताल में ही नेता जी अपनी झोलाछाप दुकान लगाकर चला रहे थे. जब इस बात की जानकारी चिकित्सा टीम को मिली तो टीम ने कार्रवाई करते हुए सीज की कार्रवाई शुरू की.

झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार

डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर पीसी दीपन ने बताया, सीएमएचओ के आदेश पर टीम ने सरकारी अस्पताल में जाकर देखा तो पाया एक कमरे के अंदर झोलाछाप डॉक्टर मेडिकल दुकान के साथ ही लोगों का इलाज कर रहा था. जब मैंने उससे डिग्री के बारे में पूछा तो उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और उसके बाद प्रधान ने अपने गुंडों के साथ आकर मुझे धमकाना शुरू कर दिया. जब मैंने वहां इन लोगों के बयान लेने आए तो उन लोगों को भी वहां से भगा दिया और मुझे यह धमकी दे डाली कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करना, वरना मैं यहां से ट्रांसफर करवा दूंगा.

यह भी पढ़ें: खुलासा: Remdesivir के नाम पर मरीजों को लगाया गया था 'पानी का इंजेक्शन', 1 की मौत...दूसरा ICU में भर्ती

जांच अधिकारी ने बताया, झोलाछाप डॉक्टर के पास किसी भी प्रकार की कोई डिग्री नहीं थी. उसका कहना था, प्रधान के कहने पर वह महीने की तनख्वाह पर यहां काम करता है. इतना ही नहीं और न जाने कितने लोगों का इलाज कर चुका है. वह भी इस महामारी में यह अपने आप में गंभीर अपराध है. मामले में मेरी ओर से झोलाछाप डॉक्टर की दुकान को सीज कर दिया गया. वहां पर मेडिकल स्टाफ और प्रशासन के अधिकारियों ने मुझे सहयोग तक नहीं किया. लेकिन मैंने भी नियम और कानून कायदे के हिसाब से पूरी कार्रवाई कर दी. इस पूरे मामले में जानकारी कलेक्टर से लेकर सीएमएचओ तक दे दी है.

यह भी पढ़ें: स्पेशल: कोरोना टीका और जांच के अभाव में गांवों का हाल-बेहाल, ग्रामीणों ने कहा- जाएं तो जाएं कहां?

क्या था मामला?

सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल ने सोमवार को पीएचसी खारा महेचान का दौरा किया था. इस दौरान पीएचसी पर गंभीर लापरवाही नजर आई, जिस पर विधायक ने इसकी सूचना सीएमएचओ सिणधरी को दी. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने इस संबंध में सीएमएचओ बाड़मेर और उच्चाधिकारियों से बात की. इस पर जिला कलेक्टर के आदेश पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. पीसी दीपन जांच करने के लिए गए थे. इस दौरान पायला कला प्रधान ने उन्हें कार्रवाई के दौरान धमकियां भी दी. इस पूरे मामले को लेकर डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर पीसी दीपन ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी.

बाड़मेर. ग्रामीण इलाके के लोग भी अब कोरोना की दूसरी लहर की चपेट से आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जिसके बाद कई मरीजों की तबीयत बिगड़ जाती है और गंभीर हालात में अस्पताल लाया जाता है. जहां उनकी मौत हो जाती, उसके बाद सरकार ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. लेकिन बाड़मेर में सरकारी अस्पताल में ही नेता जी अपनी झोलाछाप दुकान लगाकर चला रहे थे. जब इस बात की जानकारी चिकित्सा टीम को मिली तो टीम ने कार्रवाई करते हुए सीज की कार्रवाई शुरू की.

झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार

डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर पीसी दीपन ने बताया, सीएमएचओ के आदेश पर टीम ने सरकारी अस्पताल में जाकर देखा तो पाया एक कमरे के अंदर झोलाछाप डॉक्टर मेडिकल दुकान के साथ ही लोगों का इलाज कर रहा था. जब मैंने उससे डिग्री के बारे में पूछा तो उसने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और उसके बाद प्रधान ने अपने गुंडों के साथ आकर मुझे धमकाना शुरू कर दिया. जब मैंने वहां इन लोगों के बयान लेने आए तो उन लोगों को भी वहां से भगा दिया और मुझे यह धमकी दे डाली कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करना, वरना मैं यहां से ट्रांसफर करवा दूंगा.

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जांच अधिकारी ने बताया, झोलाछाप डॉक्टर के पास किसी भी प्रकार की कोई डिग्री नहीं थी. उसका कहना था, प्रधान के कहने पर वह महीने की तनख्वाह पर यहां काम करता है. इतना ही नहीं और न जाने कितने लोगों का इलाज कर चुका है. वह भी इस महामारी में यह अपने आप में गंभीर अपराध है. मामले में मेरी ओर से झोलाछाप डॉक्टर की दुकान को सीज कर दिया गया. वहां पर मेडिकल स्टाफ और प्रशासन के अधिकारियों ने मुझे सहयोग तक नहीं किया. लेकिन मैंने भी नियम और कानून कायदे के हिसाब से पूरी कार्रवाई कर दी. इस पूरे मामले में जानकारी कलेक्टर से लेकर सीएमएचओ तक दे दी है.

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क्या था मामला?

सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल ने सोमवार को पीएचसी खारा महेचान का दौरा किया था. इस दौरान पीएचसी पर गंभीर लापरवाही नजर आई, जिस पर विधायक ने इसकी सूचना सीएमएचओ सिणधरी को दी. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने इस संबंध में सीएमएचओ बाड़मेर और उच्चाधिकारियों से बात की. इस पर जिला कलेक्टर के आदेश पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. पीसी दीपन जांच करने के लिए गए थे. इस दौरान पायला कला प्रधान ने उन्हें कार्रवाई के दौरान धमकियां भी दी. इस पूरे मामले को लेकर डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर पीसी दीपन ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी.

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