अंता (बारां). जिले के अंता का हृदय स्थली माने जाने वाला लाखों की लागत से निर्मित सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम लंबे समय से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. जिसको लेकर खिलाड़ियों और गणमान्य नागरिकों ने कई बार आवाज भी उठाई है. लेकिन उसके बाद भी प्रशासन बेखबर बना रहा है. जबकि, इसी स्टेडियम में खेलने वाले खिलाड़ी राज्य स्तर तक अपनी पहचान बना चुके हैं.
पूरे प्रदेश में अपनी पहचान बनाने वाले अंता के सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम की हालत खस्ता बनी हुई है. स्टेडियम में जगह-जगह गड्डे हुए पड़े हैं और उनमें कीचड़ भरा पड़ा हुआ है. आधे स्टेडियम को बड़ी-बड़ी घांस ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है. वहीं जगह-जगह पेड़ पौधे उगे हुए हैं. ऐसे में यहां खिलाड़ियों को खेलना तो दूर दौड़ लगाने के लिए भी एक बार सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन सबसे विडंबना ये है कि, स्टेडियम की हालात इतनी बेकार होने के बावजूद पालिका की तरफ से इसपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. स्टेडियम के रख रखाव पर ध्यान नहीं देने के कारण यहां दिनभर आवारा जानवर मंडराते रहते हैं.
बता दें कि, पिछली सरकार में अंता विधान सभा क्षेत्र से मंत्री रहे प्रभुलाल सैनी ने इस स्टेडियम के सौन्दर्यकरण के लिए साढ़े 3 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे. जिसमें से एक करोड़ रुपए की लागत से स्टेडियम में बैडमिंटन हॉल का निर्माण करवाया गया था. लेकिन सरकार बदल जाने के बाद उस बैडमिंटन हॉल का उद्घाटन भी नहीं हो पाया है. ऐसे में निर्माण कार्य होने के बावजूद खिलाड़ियों को इस बैडमिंटन कोर्ट का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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इस स्टेडियम में कई बार राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिताएं हो चुकी हैं. लेकिन अब स्टेडियम की बदहाली के चलते प्रतियोगिताएं तो दूर यहां खिलाड़ी खेलने को तरस रहे हैं. कस्बे का ये दुर्भाग्य की अंता विधान सभा क्षेत्र से हर बार सरकार में मंत्री बनाया जाता है, लेकिन कस्बा विकास को तरसता रहता है. यहां से पहले प्रभुलाल सैनी कृषि मंत्री थे, तो वर्तमान में प्रमोद जेन भाया खनन एव गोपालन मंत्री हैं. इसके बावजूद कस्बे की शान सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम की हालत खस्ता बनी हुई है.