बाड़मेर. राजस्थान में आरएलपी की पहली सूची जारी होने के बाद बायतु विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. यहां से आरएलपी ने दूसरी बार बेनीवाल पर भरोसा जताया है. समर्थकों में खुशी की लहर है और उम्मेदाराम बेनीवाल को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी बायतु सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
वहीं, टिकट मिलने के बाद उम्मेदाराम बेनीवाल ने आरएलपी के सुप्रीमों हनुमान बेनीवाल और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का दूसरी बार भरोसा करने के लिए आभार व्यक्त किया. उम्मेदाराम ने कहा कि 2018 के चुनाव में वे नए थे और लोगों से ठीक से संर्पक नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में रणनीति भी सही ढंग से नहीं बन पाई थी और कुछ कमियां रह गई थीं. बेनीवाल ने कहा कि इस बार कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. पूरी कोशिश करेंगे और जनता आशीर्वाद देगी.
2018 के विधानसभा चुनाव में करना पड़ा था हार का सामान : 2018 के चुनाव में बायतु विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था. इस चुनाव में कांग्रेस से हरीश चौधरी तो वहीं भाजपा की ओर से उस वक्त के तत्कालीन विधायक कैलाश चौधरी ताल ठोक रहे थे. वहीं, 2018 में ही अस्तित्व में आई हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी चुनावी मैदान में थी. आरएलपी की ओर से उम्मेदाराम अपनी किस्मत आजमा रहे थे. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार हरीश चौधरी की जीत हुई, जबकि उम्मेदाराम बेनीवाल को हार का सामना करना पड़ा. सबसे खास बात यह है कि भाजपा के कैलाश चौधरी इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे.
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इस बार भी बायतु सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला : बायतु सीट पर अब तक साफ हुई तस्वीर के अनुसार यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस सीट पर भाजपा ने बलराम मूढ़, कांग्रेस ने हरीश चौधरी और आरएलपी ने उम्मेदाराम बेनीवाल को चुनावी मैदान में उतारा है. ऐसे में इन तीनों के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं.