बाड़मेर. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार एक मंच पर साथ दिखे, लेकिन दोनों में किसी प्रकार की कोई बातचीत नहीं हुई. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन से लेकर विधायक पदमाराम मेघवाल ने भी शिरकत की, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा सिर्फ हरीश चौधरी और मानवेंद्र सिंह की रही.
पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह 2019 में लोकसभा का चुनाव बाड़मेर जैसलमेर से लड़ रहे थे. इस दौरान कभी-कभी मंच साझा किया था. उसके बाद से ही लगातार दोनों नेताओं के बीच दूरी बरकरार बनी हुई थी, लेकिन जिला मुख्यालय पर आयोजित हुए स्वर्गीय लादूराम गोदारा के कार्यक्रम में दोनों ने साथ में मंच पर दिखे. करीब 2 घंटे तक दोनों मंच पर बैठे रहे, लेकिन एक बार भी दोनों के बीच बातचीत नहीं हुई.
अचानक ही पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह इन दिनों बाड़मेर और जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर सक्रिय नजर आ रहे हैं. लगातार सामाजिक कार्यक्रमों से लेकर अन्य कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. वहीं राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी इन दिनों अपने गृह जिले बाड़मेर के दौरे पर हैं.
पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह ने अपने भाषण के दौरान शुरू में अभिवादन के रूप में मंत्री विधायक सहित अन्य गणमान्य लोगों से संबोधित किया. वहीं राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने किसी का नाम नहीं लिया. इस कार्यक्रम में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन चौहटन से विधायक पदमाराम मेघवाल ने अपने भाषण के दौरान जरूर मंत्री के साथ मानवेंद्र का नाम लिया.
2018 में वसुंधरा राजे के सामने लड़ा था चुनाव
गौरतलब है कि 2018 में मानवेंद्र सिंह ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने विधानसभा का चुनाव लड़े थे. उसके बाद बाड़मेर जैसलमेर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े थे.
2009 लोकसभा चुनाव में मानवेंद्र-हरीश थे आमने-सामने
2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट से मानवेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे थे तो वहीं, कांग्रेस के टिकट पर हरीश चौधरी चुनाव लड़ रहे थे हरीश चौधरी में मानवेंद्र सिंह को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी.
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जब इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि मानवेंद्र सिंह बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं तो उसके बाद से ही इस बात का विरोध हरीश चौधरी ने करना शुरू कर दिया था. आलाकमान तक अपना विरोध दर्ज कराया था, लेकिन आखिर में सचिन पायलट अशोक गहलोत की दखल के बाद राहुल गांधी ने मानवेंद्र की कांग्रेस में एंट्री करवाई थी.