बाड़मेर. देश की सरहद की हिफाजत में तैनात सैनिकों की कलाई इस रक्षाबंधन के पर्व पर सुनी ना रहे, इसी को लेकर राजस्थान के सीमावर्ती इलाके बाड़मेर के एक सरकारी स्कूली बालिकाओ एवं महिला स्टाफ सदस्यों ने पहल करते हुए अपने हाथों से राखियां बनाकर फौजी भाइयों के लिए भेजी है. इसके साथ ही सैनिकों के लिए पत्र लिखकर शुभकामनाएं प्रेषित की है.
रक्षाबंधन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. सीमावर्ती बाड़मेर शहर के अंतरी देवी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय ने विशेष तैयारियां की है. विद्यालय की बालिकाओं और शिक्षिकाओं ने सरहद पर तैनात देश के जवानों के लिए अपने हाथों से बनी हुई सुंदर राखियां, साथ में कुमकुम, रोली, चंदन, चॉकलेट्स आदि डालकर लिफाफे में पैक कर भेज है. स्कूल की बालिकाओ ने बताया कि रक्षाबंधन का पर्व आ रहा है. रक्षाबंधन पर देश के जवानों के हाथ की कलाई सुनी ना रहे, इसलिए हम सबने मिलकर अपने हाथों से राखियां बनाकर भेजी हैं. बालिकाओं के अनुसार अगर उन्हें सीमा पर जाकर अपने फौजी भाइयों को राखी बांधने का अवसर मिलता तो उन्हें और भी ज्यादा खुशी मिलती.
विद्यालय की प्रधानाचार्य अनीता चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्षाबंधन के पर्व को लेकर स्कूल की बालिकाओं और शिक्षिकाओं ने अपने हाथों से राखियां बनाई है. उन्होंने बताया कि जवानों के लिए 300 राखियां सीमा जन कल्याण समिति के द्वारा भिजवाई गईं. प्रत्येक राखी के साथ बालिकाओं द्वारा अपने सैनिक भाइयों के लिए एक शुभकामना संदेश प्रेषित किया गया एवं विद्यालय परिवार द्वारा पत्र के माध्यम से शुभकामनाएं प्रेषित की गई.
विधायक जैन की तारीफ : शिक्षक जेपी शारदा ने बताया कि राज्य को सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अंतरी देवी विद्यालय की प्रशंसा की है. विधायक जैन ने कहा कि हमारी बेटियों को इस अनुकरणीय पहल के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं. आप सभी का यह मंगल प्रयास निश्चित रूप से सीमा पर तैनात हमारे फौजी भाइयों का हौसला अफजाई करेगा.