बाड़मेर. जिले में ग्रामीण थाने में एक युवक की संदिग्ध हालत में मौत का मामला तूल पकड़ लिया है. इस मामले लगातार 8 घंटे से घरना दिया जा रहा है. साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ-साथ परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं. इस धरने में कई राजनीतिक पार्टियां भी पहुंचने लगी है. इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल और आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष जोगा राम चौधरी धरना स्थल पर पहुंचे और लोगों से इस पूरे मामले की जानकारी ली.
गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल ने कहा कि बुधवार को ही ग्रामीण थाना पुलिस युवक को थाने ले गई थी. उसके खिलाफ कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं किया और उसे 24 घंटे रखा. गुरुवार को उसकी अचानक से तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार दलितों को लेकर चिंतित नहीं है. प्रदेश में दलितों और महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं की मैं निंदा करता हूं.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास केवल और केवल दिल्ली के दौरों के अलावा कोई कार्य नहीं है और लगातार प्रदेश में कानून की धज्जियां उड़ रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष जोगाराम चौधरी ने कहा कि यह जो घटना घटी है, यह बहुत ही अमानवीय है. इसकी मैं निंदा करता हूं. इस दौरान उन्होंने बताया कि मृतक पर ही पूरा परिवार निर्भर था. उनकी मुख्य मांग है कि उन्हें एक करोड़ रुपए का मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.
गौरतलब है कि ग्रामीण थाना पुलिस ने मृतक युवक जितेंद्र को बुधवार दोपहर को उसे चोरी का माल खरीदने के शक के आधार पर उसे थाने लाई थी. पिछले 8 घंटों से मृतक के परिजनों के साथ दलित नेता धरने पर बैठे हुए है और अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. धरनास्थल पर राजनैतिक पार्टियों के नेताओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया है. वहीं, बड़ी संख्या में महिलाएं भी धरने पर बैठी हुई हैं.