गुड़ामालानी (बाड़मेर). जिले में दो परिवारों को मृत्युभोज का विरोध करना भारी पड़ गया. 17 गांव के जातीय पंचों ने उन दो परिवारों को समाज से बहिष्कृत करते हुए उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया. साथ ही 5 लाख रुपए के आर्थिक दंड का फरमान भी जारी कर दिया.
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जातीय पंचों के फरमान से प्रताड़ित हो रहे पीड़ित परिवार ने समाज के 63 जातीय पंचों के विरुद्ध रागेश्वरी पुलिस में मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार रागेश्वरी थाना क्षेत्र के मालियों की ढाणी के देवाराम पुत्र प्रभुराम मेघवाल और मिश्राराम पुत्र प्रभुराम निवासी मालियों की ढाणी ने मामला दर्ज करवाया है. रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि गांव नगर में उनके समाज में एक महिला के स्वर्गवास के बाद उनके परिजनों की ओर से समाज के पंचों के दबाव के कारण मृत्युभोज का आयोजन किया जा रहा था. इसका इन दो परिवारों ने आपत्ति दर्ज की.
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इसके बाद 17 गांवों के जातीय 63 पंचों ने एक राय होकर सामाजिक पंचायती की कार्रवाई करते हुए उन दो परिवार के लोगों को समाज से बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया. साथ ही जातीय पंचों ने लिखित फरमान जारी कर 5 लाख का अर्थदंड देने का फरमान जारी किया और अर्थदंड नहीं भरने तक समाज के लोगों से घरों में और सामाजिक कार्यक्रमों में आने-जाने से रोक लगा दी.
इस पूरे मामले को लेकर एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि समाज मे जो लोग मृत्युभोज कर रहे थे उनके खिलाफ शिकायत की थी. इसपर पुलिस और प्रशासन की टीमों ने मौके पर जाकर उन लोगों को पाबंद कर मृत्यु भोज को रुकवाया था. इसलिए समाज के पंचों ने इन्हें समाज से बहिष्कृत कर आर्थिक दंड लगाया है. इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है और इनकी तफ्तीश की जा रही है. उन्होंने कहा कि जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.