बालोतरा (बाड़मेर). जिले में पचपदरा रिफाइनरी निर्माण कार्य एक माह बाद फिर से शुरू होगा. मॉडिफाइड लॉकडाउन की गाइड लाइन जारी होने के बाद रिफाइनरी निर्माण की कार्यकारी एजेंसी एचआरआरएल (एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड) ने जिला प्रशासन को प्रस्ताव भी सौंप दिया है. प्रस्ताव में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों की किस तरह से पालना की जाएगी, उन सभी बिंदुओं का जिक्र प्रशासन को सौंपे गए प्रस्ताव में किया गया है.
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गौरतलब है कि पचपदरा में 43 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली रिफाइनरी प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. साथ ही ये देश की पहली बीएस-6 मानक रिफाइनरी होगी.वहीं, केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाए जाने के बाद प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के प्रभाव की समीक्षा के बाद 20 अप्रैल से मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया है. इस मॉडिफाइड लॉकडाउन में औद्योगिक परियोजनाओं के निर्माण कार्यों को अनुमति दी गई है.
रिफाइनरी से संबंधित वाहनों को मिलेंगे पास
सरकार की ओर से औद्योगिक परियोजनाओं के निर्माण को अनुमति दिए जाने के साथ ही जिला प्रशासन को पास जारी करने के निर्देश जारी किए हैं. जिला कलेक्टर ने रिफाइनरी प्रोजेक्ट से संबंधित कार्य में संचालित होने वाले वाहनों की अनुमति जारी करने के लिए बालोतरा उपखंड अधिकारी को अधिकृत किया है. अब उपखंड अधिकारी की ओर से रिफाइनरी निर्माण में लगी कंपनियों में संचालित होने वाले वाहनों को पास जारी किया जाएगा.
एक माह बाद फिर लौटेगी रौनक
वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के चलते देश में लॉकडाउन है. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू होनेके चलते रिफाइनरी में 21 मार्च को पूरा कामकाज बंद हो गया था. इसके बाद पहले 14 अप्रैल तक लागू किए गए लॉकडाउन और फिर इसे 3 मई तक बढ़ाने से निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद है. रिफाइनरी का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र में किया जा रहा है. फिलहाल रिफाइनरी और आस-पास के पूरे क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ था. अब सरकार की ओर से रिफाइनरी कार्य को अनुमति दिए जाने से पूरे क्षेत्र में रौनक लौटेगी.
एचआरआरएल ने प्रशासन को सौंपा प्रस्ताव
एचआरआरएल की ओर से बालोतरा उपखंड अधिकारी को सौंपे गए प्रस्ताव में बताया कि कार्यस्थल पर अधिकारियों, श्रमिकों और अन्य लोगों की तापमान जांच के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी. कार्यस्थल पर श्रमिकों के लिए सैनिटाइजर्स उपलब्ध करवाए जाएंगे. कार्यस्थलों पर पारियों के बीच रखे जाने वाले अंतराल और सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए बनाई योजना का भी जिक्र किया गया है. इसके अलावा श्रमिकों को एक स्थान पर एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा. कार्यस्थलों को निर्धारित समय के बाद सैनिटाइज किया जाएगा.