बालोतरा (बाड़मेर). नर्सेज एसोसिएशन ने नर्सिगकर्मियों को कोरोना (कोविड-19) के समय दी जा रही सेवाओं के मद्देनजर उनके उत्साहवर्धन और उनके मान-सम्मान के लिए उनका पदनाम केंद्र के अनुरूप करने की मांग की है. एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष मामराज बिश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना महामारी से लड़ने वाली नर्सेज को पदनाम का तोहफा दें. जिससे हम और उत्साह के साथ कार्य कर सकें.
उन्होंने कहा कि 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस है. जिसमें पिछले 6 सालों से राज्य सरकार की ओर से राजधानी जयपुर में प्रान्तीय समारोह आयोजित किया जाता है. जिसमें नर्सेज संवर्ग में सबसे अच्छा कार्य करने वाली नर्सेज को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया जाता रहा है. इस बार कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन होने और अधिकतम नर्सेज की ओर से अपने जीवन की परवाह किए बगैर कार्य करने से राज्य सरकार की ओर से कुछ चुनिंदा उत्कृष्ट सेवादाताओं को सम्मानित करना असंभव प्रतीत हो रहा है.
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जिलाध्यक्ष मामराज बिश्नोई ने बताया कि केंद्र सरकार ने नर्स ग्रेड प्रथम को सीनियर ऑफिसर और नर्स ग्रेड द्वितीय को नर्सिंग ऑफिसर का पदनाम दिया है. साथ ही उन्होंने नर्स ग्रेड प्रथम और नर्सिंग ट्यूटर को राजपत्रित अधिकारी का भी दर्जा दिया हुआ है.
साथ ही राज्य सरकार नर्सेज को कोरोना योद्धा कहकर उत्साहवर्धन कर रही है. लेकिन दूसरी तरफ केंद्र के अनुरूप पदनाम में बदलाव नहीं कर, उनकी उपेक्षा कर रही है. एसोसिएशन ने मांग की है कि 12 मई 2020 अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर नर्सेज को राज्य सरकार ये तोहफा देती है, तो नर्सेज और अधिक उत्साह से राज्य की जनता की सेवा करेंगी. राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन (एकीकृत) की ओर से सरकार के समक्ष नर्सेज के पदनाम केंद्र के अनुरूप करके समस्त नर्सेज को सामूहिक प्रोत्साहित करने की मुहिम चलाई जा रही है.
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मांग पत्र
■ वर्तमान दौर में राज्य सरकार की वित्तीय हालात ठीक नहीं है. इसलिए नर्सेज को वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की बजाय बिना वित्तीय भार की इस पदनाम परिवर्तन की मांग को पूर्ण करके नर्सेज संवर्ग का मनोबल बढ़ाया जा सकता हैं.
■ पदनाम परिवर्तन से संपूर्ण नर्सेज संवर्ग को एक साथ प्रोत्साहित किया जा सकता है. जिससे कोविड -19 के दौर में नर्सेज का मनोबल बढ़ेगा.
■ राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न विभागों में पदनाम परिवर्तन करती है. इसलिए यह कोई नई बात भी नहीं है.
■ पदनाम परिवर्तन को लेकर राज्यभर से अनेक जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को अनुशंसा पत्र भिजवा चुके हैं.