बाड़मेर. जिले के चौहटन उपखंड के रहने वाले एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट नरपत सिंह राजपुरोहित को राष्ट्रपति ने वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके बाद राजपुरोहित बाड़मेर पहुंचे. यहां उनका कई संगठनों ने स्वागत किया.
इस दौरान जांबाज डिप्टी कमांडेंट ने एनकाउंटर की कहानी बताते हुए कहा कि जब मौत से सामना हो रहा था, तब यह पता नहीं था कि मौत इतनी नजदीक है. लेकिन उसके बाद जब एनकाउंटर हो गया, तो पता चला कि हमने नक्सलियों को मार गिराया जिसके चलते कई नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया.
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उन्होंने बताया कि यह गत 20 दिसंबर को यह पुरस्कार मुझे इसलिए मिला कि 2018 में मैंने झारखंड के नक्सलवादी एरिया में माओवादियों को एनकाउंटर में मार गिराया था. जिसके बाद खूंखार माओवादियों ने सरेंडर कर दिया था. इसीलिए एसएसबी ने मेरा नाम इस अवार्ड के लिए भेजा था.
कोरोना की लहर के चलते उस वक्त मुझे मिल ये अवॉर्ड नहीं मिल पाया था. दिसंबर के महीने में दिल्ली में 35वीं बटालियन (दुमका) के राजपुरोहित सहित चार जवानों को गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा गया. यह गैलेंट्री अवार्ड केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक ने उन्हें प्रदान किया.
इस ऑपरेशन के लिए किया गया सम्मानित
दुमका संथाल परगना झारखण्ड क्षेत्र में दो खूंखार माओवादियों के साथ 25 से 30 हथियारबंद माओवादियों के कैंप, उनकी प्लानिंग और ग्रामीणों को धमकाने की सूचना प्राप्त हुई. सूचना का सत्यापन व माओवादियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए एक छोटी एक्शन टीम का गठन किया गया. जिसका नेतृत्व असिस्टंट कमांडेंट नरपत सिंह (अब डिप्टी कमांडेंट) व 23 बहादुर कमांडो ने किया.