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गांवां री सरकारः मतदाता सूची से हटाए गए नाम, अब न्यायालय की शरण मे

पंचायती राज चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही सियासी घमासान शुरू हो गया है. कई ग्राम पंचायतों में ऐसे मतदाताओं के नाम भी शामिल है, जिनके वोट विपक्ष में पड़ने की आशंका से उनके नाम ही कटवा दिए गए है.

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मतदाता सूची से हटाए गए नाम
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Published : Jan 15, 2020, 7:12 PM IST

बालोतरा (बाड़मेर). पंचायती राज चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही सियासी घमासान शुरू हो गया है. पंचायती राज चुनाव में राजनीतिक दबाव के चलते मतदाताओं की सूचियों में धांधली को लेकर ग्रामीणों के विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में दशकों से निवास कर रहे लोगों के नाम दूसरी ग्राम पंचायत में जोड़ दिए गए हैं. वहीं कई ऐसे मतदाताओं जिनके वोट विपक्ष में पड़ने की आशंका थी, उनके नाम ही कटवा दिए गए हैं.

मतदाता सूची से हटाए गए नाम

बता दें, कि मतदाता सूची का प्रकाशन होने के बाद भी मतदाता सूचियों में फर्जी नाम जोड़ने और काटने की हुई इस प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीण अब प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काटकर वास्तविक मतदाताओं को यथावत रखने की मांग कर रहे हैं. ऐसा ही मामला पंचायत समिति पाटोदी के बागावास ग्राम के एक परिवार का मतदाता सूची में नाम हटाने का मामला सामने आया है.

पढ़ेंः सीकर: सरपंच चुनाव के आवेदन फॉर्म लेकर भागने के मामले में 10 लोग गिरफ्तार

वहीं परिवार के लोगों का कहना है कि हमारा पुश्तेनी निवास बागावास में ही है हम व्यपार के लिए बार गए हुए है. हमारा परिवार वहीं रहता है पूर्व में हमने पंचायती राज चुनाव में चुनाव भी लड़ा है साथ ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हमने हमारे मत का प्रयोग बागावास में किया. लेकिन अब राजनैतिक द्वेषता के कारण हमारे परिवार के नाम बागावास से हटायें गए.

पढ़ेंः भीलवाड़ा: पंचायती राज चुनाव के प्रथम चरण के लिए 17 जनवरी को होगा मतदान

मतदाता सूची में नाम कटने के बाद मांगीलाल कोठरी ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है. मेरे सभी दस्तावेज आज भी बागावास के है, लेकिन जनप्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों के कारण नाम को हटवा दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब मैंने न्यायालय की भी शरण ली.

बालोतरा (बाड़मेर). पंचायती राज चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही सियासी घमासान शुरू हो गया है. पंचायती राज चुनाव में राजनीतिक दबाव के चलते मतदाताओं की सूचियों में धांधली को लेकर ग्रामीणों के विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में दशकों से निवास कर रहे लोगों के नाम दूसरी ग्राम पंचायत में जोड़ दिए गए हैं. वहीं कई ऐसे मतदाताओं जिनके वोट विपक्ष में पड़ने की आशंका थी, उनके नाम ही कटवा दिए गए हैं.

मतदाता सूची से हटाए गए नाम

बता दें, कि मतदाता सूची का प्रकाशन होने के बाद भी मतदाता सूचियों में फर्जी नाम जोड़ने और काटने की हुई इस प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीण अब प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काटकर वास्तविक मतदाताओं को यथावत रखने की मांग कर रहे हैं. ऐसा ही मामला पंचायत समिति पाटोदी के बागावास ग्राम के एक परिवार का मतदाता सूची में नाम हटाने का मामला सामने आया है.

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वहीं परिवार के लोगों का कहना है कि हमारा पुश्तेनी निवास बागावास में ही है हम व्यपार के लिए बार गए हुए है. हमारा परिवार वहीं रहता है पूर्व में हमने पंचायती राज चुनाव में चुनाव भी लड़ा है साथ ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हमने हमारे मत का प्रयोग बागावास में किया. लेकिन अब राजनैतिक द्वेषता के कारण हमारे परिवार के नाम बागावास से हटायें गए.

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मतदाता सूची में नाम कटने के बाद मांगीलाल कोठरी ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है. मेरे सभी दस्तावेज आज भी बागावास के है, लेकिन जनप्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों के कारण नाम को हटवा दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब मैंने न्यायालय की भी शरण ली.

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बागावास से राजनैतिक द्वेषता से मतदाता सूची से हटाए नाम, अब न्यायालय की शरण मे



बालोतरा- पंचायती राज चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही सियासी घमासान शुरू हो गया है। पंचायती राज चुनाव में राजनीतिक दबाव के चलते मतदाताओं की सूचियों में धांधली को लेकर ग्रामीणों के विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। गांव में दशकों से निवास कर रहे लोगों के नाम दूसरी ग्राम पंचायत में जोड़ दिए गए हैं। वही कई लोगो के नाम गांव से हटवाया गया है। कई ग्राम पंचायतों में ऐसे मतदाताओं के नाम भी शामिल है, जिनके वोट विपक्ष में पड़ने की आशंका से उनके नाम ही कटवा दिए गए है। Body:मतदाता सूची का प्रकाशन होने के बाद भी मतदाता सूचियों में फर्जी नाम जोड़ने और काटने की हुई इस प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीण अब प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काटकर वास्तविक मतदाताओं को यथावत रखने की मांग कर रहे हैं। ऐसा ही मामला पंचायत समिति पाटोदी के बागावास ग्राम के एक परिवार का  मतदाता सूची में नाम हटाने का मामला सामने आया है। परिवार के लोगो का कहना है कि हमारा पुश्तेनी निवास बागावास में ही है हम व्यपार के लिए बार गए हुए है। हमारा परिवार वहीं रहता है पूर्व में हमने पंचायती राज चुनाव में चुनाव भी लड़ा है और विधानसभा व लोकसभा चुनाव में हमने हमारे मत का प्रयोग बागावास में किया। लेकिन अब राजनैतिक द्वेषता के कारण हमारे परिवार के नाम बागावास से हटायेंं गए। Conclusion:मतदाता सूची में नाम कटने के बाद ईटीवी भारत से मांगीलाल कोठरी ने कहा कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है। मेरे सभी दस्तावेज आज भी बागावास के है लेकिन जनप्रतिनिधियों व स्थानीय अधिकारियों के कारण नाम को हटवा दिया गया है। अब मेने न्यायालय की भी शरण ली। इससे पहले मेने जिला कलेक्टर को अवगत कराया था कि राजनैतिक षड्यंत्र के कारण मेरा नाम बागावास से काटा जा सकता है आखिर कर वो ही हुआ ।


बाईट - मांगीलाल कोठारी बागावास
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