बाड़मेर. देश में कृषि सुधारों और किसानों की आय बढ़ाने को लेकर सोमवार को लोकसभा में इससे संबंधित तीन बिल पेश किया गया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) बिल, किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा बिल और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक बिल पेश किया. इन्हें 5 जून को लाए गए अध्यादेश के स्थान पर कानूनी अमलीजामा पहनाया जाएगा.
अध्यादेश के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि महत्वपूर्ण उपाय से किसान अपनी उपज की कीमत तय कर सकेंगे. वे जहां चाहेंगे, वहां अपनी उपज को बेच सकेंगे. इस विधेयक में पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रावधान किया गया है, जिसकी मदद से किसान के अधिकारों में इजाफा होगा और बाजार में प्रतियोगिता बढ़ेगी. किसान को उसकी फसल की गुणवत्ता के अनुसार मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता मिलेगी.
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कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि अब राज्य भी किसानों के हितों के अनुसार अधिसूचित बाजारों या डीम्ड बाजारों के भौतिक परिसरों के बाहर किसानों को कुशल और बाधा मुक्त स्थानीय और अंतर राज्यीय व्यापार को बढ़ावा देंगे. कैलाश चौधरी ने कहा कि नए कानून से बिना बाधा के व्यापार हो सकेगा. साथ ही किसानों को अपनी पसंद के निवेशकों के साथ जुड़ने का अधिकार भी मिलेगा. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के लिए सुविधाजनक ढांचा भी मिलेगा. किसान मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक में एक राष्ट्रीय ढांचा विकसित करने का प्रावधान है.
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केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि नए कानून से किसानों को कृषि सेवाओं के लिए प्रोसेसर, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों तथा बड़े खुदरा व्यापारियों के साथ जुड़ने और लाभकारी मूल्यों पर कृषि उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा. जबकि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक में अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, आलू और प्याज जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाए जाने का प्रावधान है. चौधरी ने बताया कि अब देश में कृषि उत्पादों को लक्ष्य से कहीं ज्यादा उत्पादित किया जा रहा है. किसानों को कोल्ड स्टोरेज, गोदामों और खाद्य प्रसंस्करण की सुविधाओं में बढ़ोतरी के कारण बेहतर मूल्य मिल रहा है.