बाड़मेर. पचपदरा से कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने कमलेश प्रजापत के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बनाया. साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा भी दिलाया. वहीं कमलेश प्रजापत हत्याकांड संघर्ष समिति का गठन भी किया गया. प्रजापत ने स्थानीय विधायक मेवाराम जैन से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय की बात कही.
इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने पुलिस पर खुला आरोप लगाते हुए कहा, कमलेश प्रजापत एनकाउंटर के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं. उसी के आधार पर यह साफ हो गया है, सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या की गई है. उन्होंने कहा, मामले को लेकर सीएम अशोक गहलोत से समय मांगा है और हमारा प्रतिनिधिमंडल जयपुर जाएगा. सीएम से मांग करेंगे, सीबीआई जांच या न्यायिक जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई करवाई जाए. हमारा एक ही मकसद है, इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो. उन्होंने कहा, मुझे दुख है कि सीसीटीवी फुटेज सामने लाने वाले पड़ोसी को भी डराया धमकाया जा रहा है.
विधायक ने कहा, कमलेश प्रजापत के घर से जो माल बरामद हुआ है, वह मिला है या फिर रखा गया, इसको लेकर भी शंका है. अगर मिला भी है तो भी उसे मारने की नौबत कहां से आई. उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया, कमलेश एक-दो दिन पहले एसपी ऑफिस के इर्द-गिर्द था और इनके घर पुलिस वालों का आना-जाना था. कई बार पार्टियां भी होती थीं, पुलिस और कमलेश में दोस्ताना संबंध थे. उन्होंने कहा, वो कोई फरार नहीं था तो रात को 12 बजे कमांडो दल बल के साथ उसके घर में जाने की नौबत क्यों आई. अब कह रहे हैं, सांडेराव थानाधिकारी पर गाड़ी चलाने का आरोप है. जबकि उस मामले में ये नामजद भी नहीं था न ही फरार था. बाड़मेर में ही अपना काम कर रहा था. ऐसे में फिर भी पुलिस को अगर शक था तो उसे चार दिन पहले पकड़ लेते या फिर बाद में पकड़ लेते कौन सा पहाड़ टूट जाता.
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विधायक प्रजापत ने कहा, पुलिस ने जिस तरह से यह कार्रवाई की है. हमें पूरा यकीन है कि यह किसी दबाव में या फिर पुलिस ने मनमानी है. यह भी सुनने में आ रहा है, हफ्ता नहीं देने पर उस पर दबाव दिया गया और इस तरह से सुनियोजित तरीके से कमलेश की हत्या की गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है, खाली साइड कमलेश पर तीन गोलियां इस तरह मारी गईं. जैसे बदले की भावना से हत्या की गई हो. उन्होंने बताया, सामाजिक परंपरा के अनुसार वे पीड़ित परिवार के यहां बैठने आए हैं. इस दौरान समाज बंधुओं की ओर से संघर्ष समिति का गठन किया गया है और उनसे कहा है, संघर्ष समिति और समाज बंधु जो भी निर्णय लेंगे. उनकी भावना का आदर करेंगे.
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विधायक ने कहा, मैंने पहले भी कहा है, न्याय मांगते वक्त पद मायने नहीं रखता है. मेरे लिए पद मायने नहीं रखता है, अंतिम दम तक संघर्ष करूंगा. अगर न्याय में किसी ने आनाकानी की और न्याय नहीं मिला तो पद भी छोड़ सकता हूं. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने भी कमलेश प्रजापति एनकाउंटर मामले में राजनेताओं के हाथ होने का आरोप लगाया था. इस पर मदन प्रजापत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, इस घटनाक्रम में किसका हाथ है. यह काम न्यायपालिका का है, हमारा तो पुलिस पर खुला आरोप है कि पुलिस ने गोली मारी है. सुनियोजित तरीके से हत्या की है, जब इस मामले की जांच हो जाएगी तो सब कुछ सामने आ जाएगा कि इस घटनाक्रम के पीछे किसका हाथ है.