बाड़मेर. राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर में तेल गैस लिग्नाइट की खोज में जुटी कई कंपनियां काम कर रही हैं. जिसमें कई राज्यों के प्रवासी मजदूर यहां काम करते हैं. कोविड-19 का संक्रमण बाड़मेर सहित पूरे देश में बढ़ रहा है. ऐसे में प्रवासी मजदूरों के मन में डर है कि कहीं पिछली बार की तरह अचानक से लॉकडाउन न लग जाए. इसी डर के चलते प्रवासियों का पलायन शुरू हो गया है.
रविवार को कई प्रवासी मजदूर ट्रेन से अपने अपने गांव चल पड़े. उन्होंने बताया कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है उसे देख कर लग रहा है कि पिछली बार की तरह इस बार भी अचानक से लॉकडाउन लग जाएगा और हम लोग यहां फंस जाएंगे. बिहार के शिवगंज इलाके की रहने वाले विकास बताते हैं कि वह बाड़मेर में पिछले 3 महीनों से रिफाइनरी में काम कर रहे हैं. पिछली बार भी बड़ी मुश्किल से वे अपने गांव पहुंचे थे. इस बार अभी 2 दिन का वीकेंड लॉकडाउन लगा है. ऐसे में पूरी तरह से लॉकडाउन लगे इससे पहले वे अपने गांव लौट जाना चाहते हैं.
पढ़ें- लॉकडाउन की आहट, पलायन 2.0 शुरू...मेहनताना छोड़ भूखे-प्यासे रवाना हो रहे प्रवासी मजदूर
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले सुभाष बताते हैं कि कुछ महीने पहले ही भी बाड़मेर में काम के लिए आए थे. उन्होंने बताया कि पिछली बार जब लॉकडाउन लगा तो वह बेंगलुरु में फस गए थे और बड़ी मुश्किल से अपने गांव पहुंचे थे. अब तेजी से कोरोना मामले बढ़ रहे हैं तो कभी भी लॉकडाउन लग सकता है. ऐसे में हम लोग समय रहते हुए अपने गांव जा रहे हैं ताकि पिछली बार की तरह हम कहीं फंस न जाएं.