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बाड़मेरः शहीद पीराराम को दी गई नम आंखों से अंतिम विदाई, 4 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

जम्मू कश्मीर केतन धार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर गत 21 नवंबर को हिमस्खलन में शहीद हुए बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव के पीराराम थोरी का मंगलवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, उनके 4 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आई.

शहीद पीरारम न्यूज,  Shaheed Piraram News
बाड़मेर के शहीद पीराराम को दी अंतिम विदाई
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Published : Nov 26, 2019, 8:57 PM IST

बाड़मेर. जम्मू कश्मीर केतन धार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर गत 21 नवंबर को हिमस्खलन में शहीद हुए बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव के पीराराम थोरी का मंगलवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, उनके 4 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आई. बता दें कि मंगलवार सुबह जालीपा कैंट से शहीद पीराराम के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बाछड़ाऊ लाया गया.

बाड़मेर के शहीद पीराराम को दी अंतिम विदाई

वहीं, शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव में पहुंचने पर कई जगहों पर मानव श्रृंखला बनाकर लोगों ने पुष्प वर्षा की. वहीं,अपने सपूते को अंतिम विदाई देने लोग उमड़ पड़े. पार्थिव देह के बाछड़ाऊ पहुंचने से पूर्व ही गांव में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो चुके थे. उन्होंने गगनभेदी नारे लगाए. सबसे खास बात कि जब 50 किलोमीटर की यात्रा के दौरान सड़क के दोनों साइडों में लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा था. हर कोई अपने लाल की अंतिम यात्रा देखने के लिए बेताब था.

पढ़ें- बाड़मेर पहुंची शहीद पीराराम की पार्थिव देह, पैतृक गांव बाछड़ाऊ में आज होगी अंत्येष्टि

शहीद के पिता बगताराम थोरी ने कहा कि पीराराम हमेशा से ही अपने देश के प्रति उसका विशेष लगाव था. इसलिए उसने सेना में जाने का निश्चय किया था. उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही देश के लिए कुछ करने की बात किया करता था. बगताराम ने कहा कि 3 दिन पहले हमें खबर मिली. उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमारा बेटा भारत माता के लिए शहीद हुआ है. शहीद के पिता ने कहा कि अब मैं सरकार से यही मांग करता हूं कि इसके छोटे बच्चों को पढ़ाई के साथ ही इसकी पत्नी को सरकारी सुविधाएं दिलाएं.

शहीद पीराराम की अंतिम विदाई में ऐसा लग रहा था, जैसे पूरा बाड़मेर उम्र गया हो. चारों तरफ रेतीले धोरों पर पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिला, जब महिलाएं भी शहीद की एक झलक पाने के लिए बेताब नजर आई. वहीं, शहीद की अंतिम यात्रा में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी शहीद को कंधा दिया.

यह भी पढ़ें : बाड़मेर का लाल जम्मू-कश्मीर में शहीद, खबर सुनते ही पत्नी की तबियत बिगड़ी, पार्थिव देह आज पहुंचेगा उनके गांव

बता दें कि शहीद पीराराम के अंतिम यात्रा में गुडामालानी विधायक हेमाराम चौधरी, चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, पूर्व यूआईटी चेयरपर्सन प्रियंका चौधरी समेत कई नेता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. शहीद पीराराम की अंतिम विदाई सैन्य सम्मान के साथ बाछड़ाऊ गांव के सार्वजनिक श्मशान घाट में हुई, जहां पर परिवार के साथ हजारों लोगों के जयकारों के नारों के साथ ही शहीद पीराराम के 4 वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दी.

11 साल से शहीद पीराराम सेना में थे

बाछड़ाऊ के बेनीवालों की ढाणी निवासी पीराराम पुत्र बगताराम थोरी ने 24 दिसंबर 2008 को सेना ज्वॉइन की थी. वे करीब 11 साल से सेना में थे. जम्मू-कश्मीर इलाके में उनकी यह तीसरी पोस्टिंग थी. बता दें कि 25 अगस्त को गांव से वापस जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर लौटे थे. वहीं, 21 नवंबर को ड्यूटी के दौरान भारी हिमस्खलन की चपेट में आने से पीराराम के सिर पर गंभीर चोट लगी, इससे वे शहीद हो गए.

बाड़मेर. जम्मू कश्मीर केतन धार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर गत 21 नवंबर को हिमस्खलन में शहीद हुए बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव के पीराराम थोरी का मंगलवार को उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, उनके 4 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आई. बता दें कि मंगलवार सुबह जालीपा कैंट से शहीद पीराराम के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बाछड़ाऊ लाया गया.

बाड़मेर के शहीद पीराराम को दी अंतिम विदाई

वहीं, शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव में पहुंचने पर कई जगहों पर मानव श्रृंखला बनाकर लोगों ने पुष्प वर्षा की. वहीं,अपने सपूते को अंतिम विदाई देने लोग उमड़ पड़े. पार्थिव देह के बाछड़ाऊ पहुंचने से पूर्व ही गांव में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो चुके थे. उन्होंने गगनभेदी नारे लगाए. सबसे खास बात कि जब 50 किलोमीटर की यात्रा के दौरान सड़क के दोनों साइडों में लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा था. हर कोई अपने लाल की अंतिम यात्रा देखने के लिए बेताब था.

पढ़ें- बाड़मेर पहुंची शहीद पीराराम की पार्थिव देह, पैतृक गांव बाछड़ाऊ में आज होगी अंत्येष्टि

शहीद के पिता बगताराम थोरी ने कहा कि पीराराम हमेशा से ही अपने देश के प्रति उसका विशेष लगाव था. इसलिए उसने सेना में जाने का निश्चय किया था. उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही देश के लिए कुछ करने की बात किया करता था. बगताराम ने कहा कि 3 दिन पहले हमें खबर मिली. उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमारा बेटा भारत माता के लिए शहीद हुआ है. शहीद के पिता ने कहा कि अब मैं सरकार से यही मांग करता हूं कि इसके छोटे बच्चों को पढ़ाई के साथ ही इसकी पत्नी को सरकारी सुविधाएं दिलाएं.

शहीद पीराराम की अंतिम विदाई में ऐसा लग रहा था, जैसे पूरा बाड़मेर उम्र गया हो. चारों तरफ रेतीले धोरों पर पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिला, जब महिलाएं भी शहीद की एक झलक पाने के लिए बेताब नजर आई. वहीं, शहीद की अंतिम यात्रा में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी शहीद को कंधा दिया.

यह भी पढ़ें : बाड़मेर का लाल जम्मू-कश्मीर में शहीद, खबर सुनते ही पत्नी की तबियत बिगड़ी, पार्थिव देह आज पहुंचेगा उनके गांव

बता दें कि शहीद पीराराम के अंतिम यात्रा में गुडामालानी विधायक हेमाराम चौधरी, चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, पूर्व यूआईटी चेयरपर्सन प्रियंका चौधरी समेत कई नेता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. शहीद पीराराम की अंतिम विदाई सैन्य सम्मान के साथ बाछड़ाऊ गांव के सार्वजनिक श्मशान घाट में हुई, जहां पर परिवार के साथ हजारों लोगों के जयकारों के नारों के साथ ही शहीद पीराराम के 4 वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दी.

11 साल से शहीद पीराराम सेना में थे

बाछड़ाऊ के बेनीवालों की ढाणी निवासी पीराराम पुत्र बगताराम थोरी ने 24 दिसंबर 2008 को सेना ज्वॉइन की थी. वे करीब 11 साल से सेना में थे. जम्मू-कश्मीर इलाके में उनकी यह तीसरी पोस्टिंग थी. बता दें कि 25 अगस्त को गांव से वापस जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर लौटे थे. वहीं, 21 नवंबर को ड्यूटी के दौरान भारी हिमस्खलन की चपेट में आने से पीराराम के सिर पर गंभीर चोट लगी, इससे वे शहीद हो गए.

Intro:बाड़मेर

बाड़मेर के शहीद पीराराम को दी अंतिम विदाई , हजारों लोग पहुंचे शहीद के अंतिम दर्शन के लिए, 4 वर्षीय पुत्र ने दी मुखाग्नि

जम्मू कश्मीर केतन धार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर तैनात बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव के लाल पीराराम थोरी 21नवंबर को देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया जिनका पार्थिक दे मंगलवार उनके पैतृक गांव बाछड़ाऊ पहुंचा जहां हजारों की तादाद में शहीद पीराराम को नम आंखों से अंतिम विदाई दी


Body:मंगलवार सुबह जालीपा कैंट से शहीद पीराराम की पार्थिव देह को सेना के वाहन से शहीद के पैतृक गांव बाछड़ाऊ के लिए रवाना हुई तो आगे और पीछे हजारों की तादाद में लोग भारत माता की जयकारों के साथ ही पीराराम अमर रहे के नारे लगाते हुए नजर आए इस दौरान कई जगहों पर मानव श्रंखला बनाकर लोगों ने पुष्प वर्षा की सबसे खास बात ऐसा पहली बार नजारा देखने को मिला जब 50 किलोमीटर की यात्रा के दौरान सडक के दोनों साइडों में लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा था हर कोई अपने लाल की अंतिम यात्रा देखने के लिए बेताब था शहीद के पिता बताते हैं कि पीराराम हमेशा ऐसे ही अपने देश के प्रति उसका विशेष लगाव था इसलिए उसने सेना में जाने का निश्चित किया था वह हमेशा से ही देश के लिए कुछ करने की बात किया करता था 3 दिन पहले हमें खबर मिली उसके बाद आज दिन तक यह 3 दिन बहुत बुरी तरीके से निकले लेकिन हमें इस बात का गर्व है कि हमारा बेटा भारत माता के लिए शहीद हुआ है अब मैं सरकार से यही मांग करता हूं कि इसके छोटे बच्चों को पढ़ाई के साथ ही सही पत्नी को सरकारी सुविधाएं दिलाएं


Conclusion:शहीद पीराराम की अंतिम विदाई में ऐसा लग रहा था जैसे कोई पूरा बाड़मेर उम्र गया हो चारों तरफ रेतीले धोरों पर पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिला जब महिलाएं भी शहीद की एक झलक पाने के लिए बेताब नजर आई वहीं शहीद की अंतिम यात्रा में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी शहीद को कंधा दिया अंतिम यात्रा में गुडामालानी विधायक हेमाराम चौधरी चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन पूर्व यूआईटी चेयरपर्सन प्रियंका चौधरी आदुराम मेघवाल समेत कई नेता व जनप्रतिनिधि बाड़मेर जिला कलेक्टर अंशदीप, जिला पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी समेत कई प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए सहित पीराराम की अंतिम विदाई सैन्य सम्मान के साथ बाछड़ाऊ गाँव के सार्वजनिक श्मशान घाट में हुई जहां पर परिवार के साथ हजारों लोगों के जयकारों के नारों के साथ ही शहीद पीराराम के 4 वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दी इस दृश्य को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई

बाईट- बगताराम थोरी ,शहीद के पिता

बाईट- कैलाश ,केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री

बाईट- हेमाराम चौधरी गुडामालानी विधायक
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