बाड़मेर. दौसा में खनन माफिया से संघर्ष करते हुए शहीद हुए होमगार्ड के स्वयंसेवक और मरणोपरांत कमंडेशन डिस्क से सम्मानित भवानी सिंह का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. बाड़मेर के सरहदी गांव तामलोर के निवासी भवानी सिंह को शनिवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
इस दौरान हजारों की तादात में तामलोर के ग्रामीणों की ओर से शहीद के जयकारों से आसमन गुंजायमान हो गया. उनके घर से रवाना हुई अंतिम यात्रा तामलोर के सामुदायिक श्मशान घाट पहुंची, जहां शहीद के शव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और 21 फायर कर सलामी दी गई. शहीद के अंतिम काफिले में प्रशासन, पुलिस और होमगार्ड के अधिकारियों के साथ स्थानीय जन प्रतिनिधि भी बड़ी तादात में पहुंचे.
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तामलोर गांव के सरपंच हिंदू सिंह तामलोर ने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे गांव के भवानी सिंह दौसा में बजरी माफियाओं से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. उन्होंने बताया कि भवानी सिंह परिवार में कमाने वाले इकलौते थे. ऐसे में उनके परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय है. हम राज्य सरकार से आर्थिक पैकेज घोषणा करने की मांग करते हैं.
समाजसेवी स्वरूप सिंह खारा ने कहा कि सजग प्रहरी भवानी सिंह ने बजरी माफियाओं के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनी जीवन का बलिदान दे दिया. उन्होंने कहा कि वे हम सबके लिए आदर्श और प्रेरणा स्वरूप हैं.
गौरतलब है कि दौसा के मंडावर थाने इलाके के गढ़ हिम्मत सिंह गांव में गुरुवार को बजरी माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने गई टीम में शामिल थे. इस दौरान होमगार्ड जवान को बजरी माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी थी.