सिवाना (बाड़मेर). सिवाना के 1000वें स्थापना दिवस को लेकर आयोजित सिवाना सहस्त्राब्दी उत्सव के अंतिम दिन शुक्रवार को स्थानीय एसएम जैन राजकीय बालिका उमावि प्रांगण में कवि सम्मेलन, गौरव पुरस्कार और समापन समारोह का आयोजन किया गया. वहीं युवा उधमी और दानदाता संघवी अशोक कुमार भंसाली समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे.
समारोह की अध्यक्षता विधायक हमीरसिंह भायल ने की. वहीं आयोजन समिति के सरंक्षक और इतिहासकार जीवराज वर्मा ने सिवाना के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी दी. वहीं इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिता में अव्वल रहे प्रतिभागियों को और उत्सव में सहयोग कर्ता दानदाताओं का बहुमान किया गया.
इस दौरान सिवाना के विकास में योगदान देने वाले लगभग एक दर्जन समाजसेवियों, दानदाताओ, जनप्रीतिनिधियो, की रही भूमिका और उनके योगदान की सिलसिलेवार जानकारी दी गई. समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि दानदाता संघवी अशोककुमार भंसाली ने कहा कि ऐसे गौरवमयी सिवाना उत्सव के आयोजन हमे मातृभूमि से हमेशा जुड़े रहने और गांव के विकास करने की प्रेरणा देता है.
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सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने कहा कि गढ़ सिवाना का इतिहास त्याग बलिदान और वीरता से ओत प्रोत रहा है. ऐतिहासिक दुर्ग और गढ़ सिवाना की रक्षा के वीर नारायण परमार राव कल्ला राठौड़ सहित अनेकों वीर महापुरुषों ने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था. इसी क्रम में उपखण्ड अधिकारी प्रमोद सीरवी ने कहा कि ऐसे गौरवमयी आयोजन हमें इतिहास के उन झरोखों में लौटने को बाध्य करता है.
समारोह में आयोजन समिति ने मुख्य अतिथि युवा दानदाता संघवी को युवा गौरव 2020 का सम्मान देते हुए शॉल ओढ़ाकर और साफा पहनाकर बहुमान किया. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सेवाए देने वाले समारोह में मौजूद सेवानिवृत्त पंचायत समिति कार्यालय सहायक भवरसिंह भायल, शिक्षाविद रूगनाथ राम चौधरी राखी, मलेरिया विभाग से सेवानिवृत्त मोहनलाल त्रिवेदी, महेशकुमार सोनी, जाकिरहुसेन बेलिम, पुरुषोत्तम रामावत का बहुमान किया गया.
कवि सम्मेलन में झलका देशभक्ति का उत्साह:
इस अवसर पर कवि सम्मेलन के आयोजन में देश के आधा दर्जन ख्याति प्राप्त कवियों ने अपनी ओजस्वी वीररस, हास्यरस, देशभक्तिरस से ओत प्रोत कविताओं की प्रस्तुतियां देकर देर रात्रि तक श्रोताओं को बैठने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम के शुभारंभ डॉ अनामिका मेरठ ने मां शारदा की प्रार्थना से किया. साथ ही प्रेम रस से ओत प्रोत में "बनू में रुक्मणि तेरी तू मेरा श्याम हो जाए" "यहाँ गूंजती है अमनचैन की दुआएं, ये सिवाना की मिट्टी है " कविता पेश की गई.
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वहीं हास्य कवि सोहनदान भुतास परबतसर ने सिवाना के वीर महापुरुषों की वीरता त्याग का बखान किया. मुन्ना बैटरी मंदसौर ने हास्य कविता और चुटकलों से श्रोताओं को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया. वही छैलूदान चारण और अब्दुल गफ्फार जयपुर ने देशभक्ति से परिपूर्ण और सिवाना की धरा पर कविता सहित एक से बढ़कर एक देशभक्ति की कविताओं की जोशीले अंदाज में प्रस्तुतिया दी.