बाड़मेर. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के दौर में बालकों को उच्च शिक्षा के साथ संस्कार देने की फुरसत नहीं मिल पाती है. शिक्षा के साथ बच्चों को संस्कार देना भी जरूरी हैं. चौधरी संसदीय क्षेत्र बाड़मेर के दौरे पर हैं.
रविवार को चौधरी बालोतरा के पचपदरा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों के दौरे पर रहे. इस दौरान चौधरी ने विभिन्न सामाजिक धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में शिरकत की. चौधरी गुरू जम्भेश्वर भगवान छात्रावास, बालोतरा में श्री जम्भेश्वर भगवान मन्दिर के शिलान्यास कार्यक्रम एवं धर्मसभा में सम्मिलित हुए. शिलान्यास कार्यक्रम एवं धर्मसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भगवान जंभेश्वर की शिक्षाएं और सिद्धांत वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है.
उनके सिद्धांतों की अनुपालना कर हम ना केवल पर्यावरण को संरक्षित करने, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने और मेलजोल की हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने में भी सफल हो सकते हैं. शिक्षा से ही समाज का विकास संभव है, लेकिन शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी हैं. उन्होंने बालकों को परिवार में संस्कार देने की बात कही. चौधरी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के दौर में बालकों को उच्च शिक्षा के साथ संस्कार देने की फुरसत नहीं मिल पाती है. ऐसे में इसके नकारात्मक परिणाम समाज में सामने आते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने नशाखोरी से दूर रहने की बात कहते हुए कहा कि नशा शरीर, परिवार व समाज का नाश कर देता है. चौधरी ने पचपदरा क्षेत्र के कुड़ी, देवरिया, अराबा एवं पिंडारण सहित विभिन्न गांवों में पहुंच कर सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत की. इस दौरान चौधरी ने समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मुलाकात करते हुए उनकी समस्याएं सुनी और उनके समाधान को लेकर संबंधित अधिकारियों से बात करते हुए यथासंभव समाधान का आश्वासन दिया.