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बाड़मेर में कांग्रेस इंटक ने मोदी सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में सौंपा ज्ञापन

बाड़मेर में मोदी सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में कांग्रेस इंटक ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस इंटक ने मजदूरों को राहत देने की मांग की है.

इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
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Published : May 26, 2021, 10:57 PM IST

बाड़मेर. मोदी सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मजदूर संघ बाड़मेर ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मजदूर संघ बाड़मेर के जिला अध्यक्ष मुल्तान सिंह महाबार ने बताया कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीव रेड्डी के आह्वान पर 12 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया है.

मुल्तान सिंह महाबार ने बताया कि केंद्र सरकार ने 100 दिन के शासनकाल में ही श्रमिक कानूनों को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बदलना शुरू कर दिया था. केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों को मजदूरों के शोषण की खुली छूट देने का रास्ता खोल दिया है. यह सरासर गलत है. पिछले 6 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को केंद्र सरकार अनसुना कर रही है. यह लोकतांत्रिक देश के लिए सही नहीं है.

पढ़ें- 7 गैर बीजेपी शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों की केंद्र सरकार को दो टूक, कोविड-19 से संबंधित सामानों पर हो जीरो जीएसटी

जगदीश सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के आते ही सरकार ने मजदूरों की आजीविका के बारे में सोचे बिना ही लॉकडाउन लगा दिया है. जिसके कारण बहुत से मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि मजदूरों को कोरोना महामारी के संकट के समय में आर्थिक राहत प्रदान करें.

बाड़मेर. मोदी सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मजदूर संघ बाड़मेर ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मजदूर संघ बाड़मेर के जिला अध्यक्ष मुल्तान सिंह महाबार ने बताया कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीव रेड्डी के आह्वान पर 12 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया है.

मुल्तान सिंह महाबार ने बताया कि केंद्र सरकार ने 100 दिन के शासनकाल में ही श्रमिक कानूनों को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बदलना शुरू कर दिया था. केंद्र सरकार ने पूंजीपतियों को मजदूरों के शोषण की खुली छूट देने का रास्ता खोल दिया है. यह सरासर गलत है. पिछले 6 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को केंद्र सरकार अनसुना कर रही है. यह लोकतांत्रिक देश के लिए सही नहीं है.

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जगदीश सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के आते ही सरकार ने मजदूरों की आजीविका के बारे में सोचे बिना ही लॉकडाउन लगा दिया है. जिसके कारण बहुत से मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि मजदूरों को कोरोना महामारी के संकट के समय में आर्थिक राहत प्रदान करें.

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