बाड़मेर. भारतीय सेना की सबसे ताकतवर-21 स्ट्राइक कोर पाकिस्तान से सटे बाड़मेर में युद्धाभ्यास कर रही है. इस युद्धाभ्यास में सेना के 40 हजार जवान अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे. इसमें पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर का प्रयोग किया जाएगा. बता दें कि इस युद्धाभ्यास में जवान चंद घंटों में दुश्मन के इलाकों को कब्जे में लेने का पराक्रम दिखाएंगे. इस युद्धाभ्यास में 48 घंटों में जबरदस्त प्रहार के साथ आगे बढ़ते हुए दुश्मन के बड़े भूभाग पर कब्जा जमाने की नई रणनीति तैयार की गई है.
सीमावर्ती जिले बाड़मेर में अपनी मारक क्षमता का परीक्षण करने के लिए 6 दिन तक काल्पनिक युद्ध का अभ्यास पूर्व सिंधु दर्शन का आयोजन दक्षिणी सेना के सुदर्शन चक्र कोर की ओर से किया जा रहा है. जिसमें 40 हजार से अधिक सैनिक अपने लड़ाकू कौशल को दिखा रहे हैं. महज 48 घंटे में दुश्मन के ठिकानों को फतह करने के लक्ष्य से थल सेना की टुकड़ियों ने बाड़मेर के एक इलाके में युद्ध जैसा नजारा प्रस्तुत किया. वहीं, चारों तरफ जोरदार माहौल की टैंको, गनों, रॉकेट लॉन्चर से निकले हुए बमों ने पूरी रेंज में एक ऐसा जीवंत जलजला प्रस्तुत किया कि सीमा पार बैठे पाकिस्तान तक भी आवाजें पहुंच गई.
इस युद्धाभ्यास के जरिए भारतीय सेना बदली परिस्थितियों को ध्यान में रख तैयार किए गए किसी भी युद्ध के अपने नए डॉक्ट्रेन को परख रही है. इस दौरान इंटीग्रेटेड फायर पावर की जोरदार नुमाइश की जा रही है. इस युद्धाभ्यास में आसमान से लेकर जमीनी हमले करने में सक्षम खास हथियारों के माध्यम से भारतीय सेना अपनी फायर पावर का प्रदर्शन किया. इस युद्धाभ्यास में टी-90 टैंकों, बीएमपी के साथ पहली बार युद्धाभ्यास में शामिल हो रही अत्याधुनिक K-9 वर्जा गन, 130MM गन, 105MM गन, बोफोर्स आदि के माध्यम से जबरदस्त मारक क्षमता के साथ दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर जमीनी हमला बोला.