बालोतरा (बाड़मेर). HPCL और राजस्थान सरकार के संयुक्त उपक्रम राजस्थान रिफाइनरी का काम पचपदरा-साल्ट साजियाली सरहद में युद्धस्तर पर चल रहा है. करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. अक्टूबर 2022 तक इस परियोजना के पूरे होने की संभावना है.
करीब 80 प्रतिशत काम पूरा
रिफाइनरी फाउंडेशन का काम करीब 80 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. इनमें रिफाइनरी बिल्डिंग, मेन कंट्रोल रूम, सब स्टेशन के फाउंडेशन का काम तो केलर कंपनी ने पूरा कर लिया है, जबकि पाइप रैक की पाइलिंग का काम चल रहा है.
- HPCL अक्टूबर, 2022 तक पूरी करेगी परियोजना
- रिफाइनरी की आंतरिक सड़कों और बिटुमिन कारपेट का काम कंप्लीट
- करीब 27 किमी की चारदीवारी का काम भी पूरा होने की कगार पर
- रिफाइनरी एरिया में पाइप रैक की पाइलिंग का चल रहा काम
- रोजगार के अवसर मिलेंगे
- फाउंडेशन पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च
राजस्थान की रिफाइनरी की खास बातें
- रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स एक साथ
- देश की पहली बीएस 6 मानकों वाली परियोजना
- वेस्ट पेटकोक से बनेगी 270 मेगावाट बिजली
- सहायक उद्योगों में मिलेंगे हजारों लोगों को रोजगार
- जनवरी तक फाउंडेशन वर्क पूरा होने की संभावना
जनवरी तक फाउंडेशन का काम पूरा होने की संभावना है. इसके बाद रिफाइनरी ऊपर का आकार लेना शुरू करेगी. इसके लिए कई देशी-विदेशी कंपनियां यहां काम करने के लिए पहुंचने वाली हैं
आसपास की जमीनों की कीमत में उछाल
रिफाइनरी आवासीय कॉलोनी के फाउंडेशन (पाइलिंग) का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा. रिफाइनरी के काम में तेजी आने के साथ ही पचपदरा और आसपास के एरिया में जमीनों के भाव भी फिर से बढ़ने लगे हैं.
स्थानीय युवाओं में उत्साह
रिफायनरी के काम को लेकर स्थानीय युवाओं में उत्साह नजर आ रहा है. दरअसल रिफाइनरी राजस्थान की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है. करीब महीने भर पहले सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पचपदरा पहुंचकर रिफायनरी कार्यस्थल का निरीक्षण किया था. उन्होंने HPCL अधिकारियों के साथ बैठक कर रिफाइनरी के काम की समीक्षा भी की थी.
शिलान्यास के बाद 600 करोड़ के हुए काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 16 जनवरी 2018 को शिलान्यास शुभारंभ कार्यक्रम के बाद करीब 600 करोड़ रुपए की लागत से रिफाइनरी की चारदीवारी, आवासीय चारदीवारी, सड़क, जमीन समतलीकरण, उच्च जलाशय, पेयजल, बिजली लाइन शिफ्टिंग, वेयर हाउस का काम शुरू हो गया था. इसमें चारदीवारी और जमीन समतलीकरण का ज्यादातर काम हो चुका है.
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चुनाव से कुछ समय पहले साल 2013 में कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी से शिलान्यास करवाया था, लेकिन सरकार बदलते ही रिफाइनरी का काम खटाई में पड़ गया था.