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बाड़मेर: धूल भरी आंधी के बाद जमकर बरसे बादल, लोगों को मिली गर्मी से राहत

जबरदस्त गर्मी के बाद शुक्रवार को बाड़मेर में अचानक ही मौसम ने पलटी मार दी और जबरदस्त तरीके से तेज हवाएं तकरीबन 15 मिनट तक चलती रहीं. साथ ही लगभग 1 घंटे तक जमकर मेघ बरसे.

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Published : Jun 5, 2020, 6:39 PM IST

बाड़मेर. जिले में शुक्रवार को अचानक ही मौसम ने करवट बदली और तूफानी हवाओं के साथ आंधी शुरू हो गई. वहीं इसके साथ ही करीबन 1 घंटे तक जमकर बारिश हुई. बारिश के कारण जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली, तो वहीं दूसरी ओर शहर के कई इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई. जिससे पैदल राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.

बाड़मेर: धूल भरी आंधी के बाद जमकर बरसे बादल

पढ़ें: मंत्री विश्वेंद्र सिंह के समर्थन में सहकारिता मंत्री आंजना!...ट्विटर पर दिया स्लोगन 'ईमानदारी का केंद्र है, भइया ये विश्वेंद्र है'

बता दें कि शहर के जिला कलेक्टर बंगले और कार्यालय के आगे पानी करीबन 2 से 3 फीट तक चलने लगा. आने-जाने वाले लोगों की गाड़ियों को पूरी तरह से पानी से गुजरना पड़ा. वहीं शुक्रवार को हुई इस बारिश ने किसानों के लिए एक नई उम्मीद पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि हमने लॉक डाउन का सदुपयोग करते हुए खेतों को पहले से ही पूरी तरह से साफ कर दिया है और अब इस बारिश ने हमारी और उम्मीदें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि इस बारिश के बाद अब हम खेत में जुताई कर सकते हैं. इसी तरह अगर मौसम ने साथ दिया तो अच्छी फसलें होने की उम्मीद है.

बाड़मेर में केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में बंदरों को एक साल के लिए विनाशक घोषित करते हुए उन्हें मारने का आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत एक साल के दौरान हिमालय से जुड़े इलाकों में रिसस मकाउ जाति के बंदरों को मारा जाना है. वहीं, पर्यावरण मंत्रालय के इस फैसले के खिलाफ पशु प्रेमी खड़े हो गए हैं और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

बाड़मेर. जिले में शुक्रवार को अचानक ही मौसम ने करवट बदली और तूफानी हवाओं के साथ आंधी शुरू हो गई. वहीं इसके साथ ही करीबन 1 घंटे तक जमकर बारिश हुई. बारिश के कारण जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिली, तो वहीं दूसरी ओर शहर के कई इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई. जिससे पैदल राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी.

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बता दें कि शहर के जिला कलेक्टर बंगले और कार्यालय के आगे पानी करीबन 2 से 3 फीट तक चलने लगा. आने-जाने वाले लोगों की गाड़ियों को पूरी तरह से पानी से गुजरना पड़ा. वहीं शुक्रवार को हुई इस बारिश ने किसानों के लिए एक नई उम्मीद पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि हमने लॉक डाउन का सदुपयोग करते हुए खेतों को पहले से ही पूरी तरह से साफ कर दिया है और अब इस बारिश ने हमारी और उम्मीदें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि इस बारिश के बाद अब हम खेत में जुताई कर सकते हैं. इसी तरह अगर मौसम ने साथ दिया तो अच्छी फसलें होने की उम्मीद है.

बाड़मेर में केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में बंदरों को एक साल के लिए विनाशक घोषित करते हुए उन्हें मारने का आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत एक साल के दौरान हिमालय से जुड़े इलाकों में रिसस मकाउ जाति के बंदरों को मारा जाना है. वहीं, पर्यावरण मंत्रालय के इस फैसले के खिलाफ पशु प्रेमी खड़े हो गए हैं और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

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