बाड़मेर. देश में इस वक्त आर्थिक मंदी को लेकर राजनेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. वहीं जीडीपी गिरने के बाद कई उद्योग धंधों पर इसका खासा असर भी हुआ है. इसी तरह बाड़मेर में सोना व्यवसायी भी मंदी की मार झेल रहे हैं. आलम यह है कि 2 महीने से बंगाली परिवार जो सोने की घड़ाई का काम करते थे, उनमें से करीब 300 परिवार बाड़मेर छोड़कर वापस अपने गांव बंगाल चले गए हैं. क्योंकि, बीते 2 महीनों में अब तक की सबसे बड़ी मंदी के दौर से सोना बाजार गुजर रहा हैं.
व्यापारियों का कहना है कि पूरे दिन ठाले बैठे रहते है. कैरम खेलकर या अपने दोस्तों के साथ गपशप कर अपना समय बीता रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि यही हाल रहा तो जीना मुश्किल हो जाएगा. उनका कहना रहा कि जिस तरीके से सोने के दाम आसमान छू गए हैं. सोने की घड़ाई का काम करने वाले बंगाली बताते हैं कि पिछले 27 साल से वे यहीं बाड़मेर में काम कर रहे हैं, लेकिन हाल ही के 2 महीनों में जिस तरीके से मंदी ने अपना रंग दिखाया है, जिसके चलते बाड़मेर में 300 से ज्यादा बंगाली परिवार वापस अपने गांव चले गए हैं.
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उनका कहना रहा कि यही हाल रहा तो पीछे जो 50-100 परिवार रहे हैं, उन्हें भी जाना पड़ेगा. मंदी का आलम यह है कि भोजन के लिए भी संकट की स्थिति बन जाती है. क्योंकि मार्केट में सोने के आभूषणों की खरीदारी कम हो गई है.
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आमतौर पर इस समय ज्वैलर्स के यहां सीजन शुरू हो जाती है. लोग नवंबर और दिसंबर में शादियों के लिए सोना खरीदना और गहने बनवाना शुरू कर देते हैं, लेकिन अभी ऐसा कुछ भी नहीं है. सुबह से शाम हो जाती है, दुकानें खाली नजर आ रही है. वहीं व्यापारियों का मानना है कि जिस तरीके से सोने के भाव आसमान छू रहे हैं और पूरे देश में मंदी का असर है. इसके चलते लोग अब सोना खरीदना कम पसंद कर रहे हैं. उनका कहना रहा कि यही हाल रहा तो 2 महीनों बाद घर बैठना पड़ेगा या फिर कोई और काम ढूंढ़ना पड़ेगा.