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सोने में मंदी की ऐसी मार...बाड़मेर छोड़ चुके 300 बंगाली परिवार, ज्वैलर्स भी परेशान

आर्थिक मंदी की मार बड़े उद्योग धंधों के बाद अब छोटे व्यापारियों पर भी खासा असर डालने लगी है. बाड़मेर जिले में तो सोने के आभूषणों की घड़ाई का काम करने वाले करीब 300 से ज्यादा बंगाली परिवार मंदी की मार के चलते वापस अपने घर लौट चुके हैं. वहीं ज्वैलर्स भी दिनभर अपनी दुकानों पर खाली बैठे रहते हैं और ग्राहकों के इंतजार में सुबह से शाम हो जाती है.

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Published : Sep 27, 2019, 6:00 PM IST

बाड़मेर. देश में इस वक्त आर्थिक मंदी को लेकर राजनेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. वहीं जीडीपी गिरने के बाद कई उद्योग धंधों पर इसका खासा असर भी हुआ है. इसी तरह बाड़मेर में सोना व्यवसायी भी मंदी की मार झेल रहे हैं. आलम यह है कि 2 महीने से बंगाली परिवार जो सोने की घड़ाई का काम करते थे, उनमें से करीब 300 परिवार बाड़मेर छोड़कर वापस अपने गांव बंगाल चले गए हैं. क्योंकि, बीते 2 महीनों में अब तक की सबसे बड़ी मंदी के दौर से सोना बाजार गुजर रहा हैं.

बाड़मेर के सोना बाजार में भी मंदी की मार का असर

व्यापारियों का कहना है कि पूरे दिन ठाले बैठे रहते है. कैरम खेलकर या अपने दोस्तों के साथ गपशप कर अपना समय बीता रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि यही हाल रहा तो जीना मुश्किल हो जाएगा. उनका कहना रहा कि जिस तरीके से सोने के दाम आसमान छू गए हैं. सोने की घड़ाई का काम करने वाले बंगाली बताते हैं कि पिछले 27 साल से वे यहीं बाड़मेर में काम कर रहे हैं, लेकिन हाल ही के 2 महीनों में जिस तरीके से मंदी ने अपना रंग दिखाया है, जिसके चलते बाड़मेर में 300 से ज्यादा बंगाली परिवार वापस अपने गांव चले गए हैं.

यह भी पढ़ें : खींवसर उप चुनाव : हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण होंगे आरएलपी के प्रत्याशी

उनका कहना रहा कि यही हाल रहा तो पीछे जो 50-100 परिवार रहे हैं, उन्हें भी जाना पड़ेगा. मंदी का आलम यह है कि भोजन के लिए भी संकट की स्थिति बन जाती है. क्योंकि मार्केट में सोने के आभूषणों की खरीदारी कम हो गई है.

यह भी पढ़ें : BIG ACCIDENT: बस और बोलेरो में भीषण टक्कर...अब तक 16 लोगों की मौत, 10 घायल

आमतौर पर इस समय ज्वैलर्स के यहां सीजन शुरू हो जाती है. लोग नवंबर और दिसंबर में शादियों के लिए सोना खरीदना और गहने बनवाना शुरू कर देते हैं, लेकिन अभी ऐसा कुछ भी नहीं है. सुबह से शाम हो जाती है, दुकानें खाली नजर आ रही है. वहीं व्यापारियों का मानना है कि जिस तरीके से सोने के भाव आसमान छू रहे हैं और पूरे देश में मंदी का असर है. इसके चलते लोग अब सोना खरीदना कम पसंद कर रहे हैं. उनका कहना रहा कि यही हाल रहा तो 2 महीनों बाद घर बैठना पड़ेगा या फिर कोई और काम ढूंढ़ना पड़ेगा.

बाड़मेर. देश में इस वक्त आर्थिक मंदी को लेकर राजनेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. वहीं जीडीपी गिरने के बाद कई उद्योग धंधों पर इसका खासा असर भी हुआ है. इसी तरह बाड़मेर में सोना व्यवसायी भी मंदी की मार झेल रहे हैं. आलम यह है कि 2 महीने से बंगाली परिवार जो सोने की घड़ाई का काम करते थे, उनमें से करीब 300 परिवार बाड़मेर छोड़कर वापस अपने गांव बंगाल चले गए हैं. क्योंकि, बीते 2 महीनों में अब तक की सबसे बड़ी मंदी के दौर से सोना बाजार गुजर रहा हैं.

बाड़मेर के सोना बाजार में भी मंदी की मार का असर

व्यापारियों का कहना है कि पूरे दिन ठाले बैठे रहते है. कैरम खेलकर या अपने दोस्तों के साथ गपशप कर अपना समय बीता रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि यही हाल रहा तो जीना मुश्किल हो जाएगा. उनका कहना रहा कि जिस तरीके से सोने के दाम आसमान छू गए हैं. सोने की घड़ाई का काम करने वाले बंगाली बताते हैं कि पिछले 27 साल से वे यहीं बाड़मेर में काम कर रहे हैं, लेकिन हाल ही के 2 महीनों में जिस तरीके से मंदी ने अपना रंग दिखाया है, जिसके चलते बाड़मेर में 300 से ज्यादा बंगाली परिवार वापस अपने गांव चले गए हैं.

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उनका कहना रहा कि यही हाल रहा तो पीछे जो 50-100 परिवार रहे हैं, उन्हें भी जाना पड़ेगा. मंदी का आलम यह है कि भोजन के लिए भी संकट की स्थिति बन जाती है. क्योंकि मार्केट में सोने के आभूषणों की खरीदारी कम हो गई है.

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आमतौर पर इस समय ज्वैलर्स के यहां सीजन शुरू हो जाती है. लोग नवंबर और दिसंबर में शादियों के लिए सोना खरीदना और गहने बनवाना शुरू कर देते हैं, लेकिन अभी ऐसा कुछ भी नहीं है. सुबह से शाम हो जाती है, दुकानें खाली नजर आ रही है. वहीं व्यापारियों का मानना है कि जिस तरीके से सोने के भाव आसमान छू रहे हैं और पूरे देश में मंदी का असर है. इसके चलते लोग अब सोना खरीदना कम पसंद कर रहे हैं. उनका कहना रहा कि यही हाल रहा तो 2 महीनों बाद घर बैठना पड़ेगा या फिर कोई और काम ढूंढ़ना पड़ेगा.

Intro:बाड़मेर

सोना व्यवसाय में मंदी की मार ,दिनभर दुकानों में खली बैठे रहते हैं सोना व्यवसायी

आर्थिक मंदी की चपेट में सोना व्यवसायी सुबह से शाम तक बैठे रहते हैं खाली कई परिवार काम छोड़ कर चले गए आने वाला समय और होगा कठिन


Body:देश में इस वक्त मंदिर को लेकर जबरदस्त तरीके से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है वही जीडीपी गिरने के बाद जबरदस्त तरीके से कई धंधे चौपट हो गए हैं इसी तरह बाड़मेर में सोना व्यवसायी भी मंदी की मार झेल रहे हैं आलम यह है कि 2 महीने से बंगाली परिवार जो सोने की कढ़ाई का काम करते थे वह बाड़मेर से 300 परिवार छोड़कर वापस अपने गांव बंगाल चले गए हैं क्योंकि पिछले 2 महीनों में अब तक की सबसे बड़ी मंदी के दौर से सोना व्यापारी गुजर रहे हैं व्यापारियों का कहना है कि पूरे दिन केरम बोर्ड खेलते हैं या अपने दोस्तों के साथ गपशप करते हैं सुबह से शाम हो जाती है व्यापारियों का कहना है यही हाल रहा तो जीना मुश्किल हो जाएगा जिस तरीके से सोने के दाम आसमान छू गए हैं आज सोने के दाम दयाल 1500 के आस पास से 12 ग्राम के बताए जा रहे हैं सोने की घड़ाई का काम करने वाले बंगाली बताते हैं कि पिछले 27 साल से यही काम बाड़मेर में कर रहे हैं लेकिन 2 महीनों में जिस तरीके से मंदी ने अपना रंग दिखाया है जिसके चलते बाड़मेर में 300 से ज्यादा बंगाली परिवार वापस अपने गांव चले गए हैं यही हाल रहा तो पीछे जो 100 200 परिवार रहे हैं उन्हें भी जाना पड़ेगा आलम यह है कि खाने की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है क्योंकि मार्केट के अंदर सोने की लेनदेन कम हो गई है


Conclusion:आमतौर पर इस समय सोने का सीजन शुरू हो जाता है लोग नवंबर और दिसंबर में शादियों के लिए सोना लेना स्टार्ट कर देते हैं लेकिन अभी ऐसा कुछ भी नहीं है सुबह से शाम हो जाती है दुकानें खाली नजर आ रही है वहीं व्यापारियों का मानना है कि जिस तरीके से सोने के भाव आसमान छू रहे हैं और पूरे देश में मंदी का असर है जिसके चलते लोग अब सोना खरीदना कम पसंद कर रहे हैं यही हाल रहा तो 2 महीनों बाद घर बैठना पड़ेगा या फिर कोई और काम ढूंढना पड़ेगा

बाईट_ विजय , बंगाली कारीगर
बाईट - विजय सोनी, सोने के व्यापारी
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