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दुनिया की सबसे लंबी हीटेड क्रूड पाइपलाइन के शानदार 11 साल, पेट्रोलियम मंत्री ने दी बधाई - हीटेड क्रूड पाइपलाइन के 11 साल पूरे

दुनिया की सबसे लंबी हीटेड क्रूड पाइपलाइन के शानदार 11 साल पूरे हो गए हैं. विश्वस्तरीय तेल क्षेत्रों से कच्चे तेल को देश की विभिन्न रिफाइनरियों तक पहुंचाने वाली दुनिया की सबसे लंबी बाड़मेर-भोगत हीटेड क्रूड पाइपलाइन के 11 साल पूरे होने पर पेट्रोलियम मंत्री ने बधाई दी है.

हीटेड क्रूड पाइपलाइन के 11 साल पूरे, Heated Crude Pipeline Completes 11 Years
हीटेड क्रूड पाइपलाइन के 11 साल पूरे
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Published : May 28, 2021, 2:39 PM IST

बाड़मेर. राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित बाड़मेर के विश्वस्तरीय तेल क्षेत्रों से कच्चे तेल को देश की विभिन्न रिफाइनरियों तक पहुंचाने वाली दुनिया की सबसे लंबी बाड़मेर-भोगत हीटेड क्रूड पाइपलाइन ने अपने ऑपेरशन के 11 साल पूरे कर लिए हैं. तेल और गैस की खोज और उत्पादन करने वाली भारत की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड इस पाइपलाइन को ऑपरेट कर रही है.

ये पाइपलाइन बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से शुरू होती है और इसका डिलीवरी बिंदु भोगत, गुजरात में स्थित है. भारतीय इंजीनियरिंग की तकनीकी का चमत्कार मानी जाने वाली लगभग 720 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का निर्माण मंगला से उत्पादित कच्चे तेल के परिवहन को सुगम बनाने के लिए किया गया था. यह दुनिया की सबसे लंबी लगातार गर्म रहने वाली और इंसुलेटेड पाइपलाइन है और भारत में यह अनूठी तरह की पहली पाइपलाइन है. इस पाइपलाइन को ब्रिटिश सुरक्षा परिषद की ओर से 2020 में मान्यता दी गई थी.

पढ़ें: राजस्थान में होगा 78 हजार करोड़ का निवेश, ग्लास निर्माता कंपनी सेंट गोबेन ने दिया 1100 करोड़ का प्रस्ताव

पाइपलाइन जमीन के ऊपर और नीचे दोनों जगह बनाई गई है और दोनों राज्यों में फैले कच्चे तेल के प्रवाह की पड़ताल करने के लिए नवीनतम तकनीक से युक्त है. पाइपलाइन पर किसी भी अनधिकृत गतिविधि के खिलाफ लगातार निगरानी और कार्रवाई करने के लिए मोशन सेंसर और ड्रोन तकनीक को तैनात किया गया है. केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड के डिप्टी सीईओ प्रचुर साह ने कहा कि हम भारत की हाइड्रोकार्बन क्षमता में मजबूती से विश्वास करते हैं और अपने परिचालन के लिए नवीनतम तकनीक में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

यह पाइपलाइन हमारे उद्योग की अग्रणी पद्धतियों का प्रमाण है और घरेलू तेल और गैस उद्योग के क्षेत्र में की गई तमाम बेंचमार्क पहलों में से एक है. हम एक ऊर्जा-सक्षम भारत का सपना साकार करने के लिए बाड़मेर से कई और वर्षों के सफल उत्पादन की आशा करते हैं और यह पाइपलाइन इसे वास्तविकता बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटक है.

पढ़ें: रामदेव के Patanjali ब्रांड के नाम से सरसों के तेल की पैकिंग करने वाली फैक्ट्री सीज, मिलावट की शिकायत

खान और पेट्रोलियम मंत्री ने दी बधाई

राजस्थान सरकार के खान और पेट्रोलियम मंत्री, प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राजस्थान देश के इन राज्यों में से एक है जहां कच्चे तेल के सबसे बड़े भण्डार मिले हैं. यहां से सफल दोहन के कारण देश को आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने में कुछ हद तक सक्षम बनाया है. राजस्थान राज्य की अपनी रिफाइनरी नहीं थी और इसलिए कच्चे तेल को गुजरात स्थित रिफाइनरियों में ले जाना पड़ता था. पिछले 11 वर्षों में राजस्थान में उत्पादित कच्चे तेल के परिवहन में इस पाइपलाइन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इसने राज्य में तेल और गैस उद्योग से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी की है, जिसने आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दिया है. मैं इस उपलब्धि के लिए केयर्न ऑयल एंड गैस को बधाई देता हूं और राजस्थान व यहां के लोगों के लिए आगे अनेक वर्षों के योगदान की आशा करता हूं.

मंगला पिछले दो दशकों में भारत में सबसे फलदायक तटवर्ती तेल खोज मानी जाती है. हालांकि, इस क्षेत्र से उत्पादित कच्चे तेल की मोम जैसी प्रकृति ने किसी नजदीकी रिफाइनरी की अनुपस्थिति में परिवहन की एक चुनौती पेश की. तेल क्षेत्र से निकलने वाले चिपचिपे तेल का गुरुत्वाकर्षण एपीआई 25 से 30 के बीच होता है जो इसे मोम जैसा बनाता है और यह कमरे के तापमान पर ठोस हो जाता है. पाइपलाइन एक स्किन इफ़ेक्ट हीट मैनेजमेंट सिस्टम (एसईएचएमएस) से सुसज्जित है जो कच्चे तेल को पूर्व-निर्धारित तापमान पर रखती है और पूरी पाइपलाइन में सुचारु प्रवाह में मदद करती है. इसे मौसम या अन्य प्राकृतिक घटनाओं के कारण तापमान में किसी परिवर्तन से बचाने के लिए बाहर से इंसुलेटेड किया गया है.

बाड़मेर. राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित बाड़मेर के विश्वस्तरीय तेल क्षेत्रों से कच्चे तेल को देश की विभिन्न रिफाइनरियों तक पहुंचाने वाली दुनिया की सबसे लंबी बाड़मेर-भोगत हीटेड क्रूड पाइपलाइन ने अपने ऑपेरशन के 11 साल पूरे कर लिए हैं. तेल और गैस की खोज और उत्पादन करने वाली भारत की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड इस पाइपलाइन को ऑपरेट कर रही है.

ये पाइपलाइन बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से शुरू होती है और इसका डिलीवरी बिंदु भोगत, गुजरात में स्थित है. भारतीय इंजीनियरिंग की तकनीकी का चमत्कार मानी जाने वाली लगभग 720 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का निर्माण मंगला से उत्पादित कच्चे तेल के परिवहन को सुगम बनाने के लिए किया गया था. यह दुनिया की सबसे लंबी लगातार गर्म रहने वाली और इंसुलेटेड पाइपलाइन है और भारत में यह अनूठी तरह की पहली पाइपलाइन है. इस पाइपलाइन को ब्रिटिश सुरक्षा परिषद की ओर से 2020 में मान्यता दी गई थी.

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पाइपलाइन जमीन के ऊपर और नीचे दोनों जगह बनाई गई है और दोनों राज्यों में फैले कच्चे तेल के प्रवाह की पड़ताल करने के लिए नवीनतम तकनीक से युक्त है. पाइपलाइन पर किसी भी अनधिकृत गतिविधि के खिलाफ लगातार निगरानी और कार्रवाई करने के लिए मोशन सेंसर और ड्रोन तकनीक को तैनात किया गया है. केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड के डिप्टी सीईओ प्रचुर साह ने कहा कि हम भारत की हाइड्रोकार्बन क्षमता में मजबूती से विश्वास करते हैं और अपने परिचालन के लिए नवीनतम तकनीक में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

यह पाइपलाइन हमारे उद्योग की अग्रणी पद्धतियों का प्रमाण है और घरेलू तेल और गैस उद्योग के क्षेत्र में की गई तमाम बेंचमार्क पहलों में से एक है. हम एक ऊर्जा-सक्षम भारत का सपना साकार करने के लिए बाड़मेर से कई और वर्षों के सफल उत्पादन की आशा करते हैं और यह पाइपलाइन इसे वास्तविकता बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटक है.

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खान और पेट्रोलियम मंत्री ने दी बधाई

राजस्थान सरकार के खान और पेट्रोलियम मंत्री, प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राजस्थान देश के इन राज्यों में से एक है जहां कच्चे तेल के सबसे बड़े भण्डार मिले हैं. यहां से सफल दोहन के कारण देश को आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने में कुछ हद तक सक्षम बनाया है. राजस्थान राज्य की अपनी रिफाइनरी नहीं थी और इसलिए कच्चे तेल को गुजरात स्थित रिफाइनरियों में ले जाना पड़ता था. पिछले 11 वर्षों में राजस्थान में उत्पादित कच्चे तेल के परिवहन में इस पाइपलाइन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इसने राज्य में तेल और गैस उद्योग से मिलने वाले राजस्व में बढ़ोतरी की है, जिसने आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दिया है. मैं इस उपलब्धि के लिए केयर्न ऑयल एंड गैस को बधाई देता हूं और राजस्थान व यहां के लोगों के लिए आगे अनेक वर्षों के योगदान की आशा करता हूं.

मंगला पिछले दो दशकों में भारत में सबसे फलदायक तटवर्ती तेल खोज मानी जाती है. हालांकि, इस क्षेत्र से उत्पादित कच्चे तेल की मोम जैसी प्रकृति ने किसी नजदीकी रिफाइनरी की अनुपस्थिति में परिवहन की एक चुनौती पेश की. तेल क्षेत्र से निकलने वाले चिपचिपे तेल का गुरुत्वाकर्षण एपीआई 25 से 30 के बीच होता है जो इसे मोम जैसा बनाता है और यह कमरे के तापमान पर ठोस हो जाता है. पाइपलाइन एक स्किन इफ़ेक्ट हीट मैनेजमेंट सिस्टम (एसईएचएमएस) से सुसज्जित है जो कच्चे तेल को पूर्व-निर्धारित तापमान पर रखती है और पूरी पाइपलाइन में सुचारु प्रवाह में मदद करती है. इसे मौसम या अन्य प्राकृतिक घटनाओं के कारण तापमान में किसी परिवर्तन से बचाने के लिए बाहर से इंसुलेटेड किया गया है.

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